×

Hardoi: नौकरी छोड़ शुरू की इस फसल की खेती, ज़ेवर रख लिया कर्जा, 22 लोगों को दे चुका है रोज़गार

Hardoi: जिले में अब तक आपने फूलों, सब्जियों, फलों की खेती के बारे में पढ़ा है और उन खेती को कर है लोगों के बारे में उनके संघर्ष के बारे में भी जाना है।

Pulkit Sharma
Published on: 26 Dec 2023 4:32 PM IST
hardoi news
X

हरदोई में नौकरी छोड़ युवक ने शुरू की मशरूम की खेती (न्यूजट्रैक)

Hardoi News: जिले में अब तक आपने फूलों, सब्जियों, फलों की खेती के बारे में पढ़ा है और उन खेती को कर है लोगों के बारे में उनके संघर्ष के बारे में भी जाना है। ऐसे ही आज हम एक खेती और एक ऐसे किसान जिन्होंने पहले तो खुद नौकरी की उसके बाद लोगों को नौकरी देने का काम किया। हरदोई के रहने वाला एक युवक ने पहले तो हरियाणा में एक किसान के पास रहकर मशरूम की खेती में कार्य किया।

हरियाणा में युवक ने मशरूम की खेती के बारे में जानकारियां प्राप्त की और वापस अपने गांव जाकर छोटे से एक भाग में मशरूम की खेती के लिए चेंबर बनाकर उसमें कंपोस्ट खाद डालकर उसे उपजाऊ बनाया और हरियाणा से लाए हुए बीज को डालकर मशरूम की खेती शुरू की। युवक को अभी पता नहीं था कि यह खेती उसको कितना फायदा दे सकती है।युवक हरदोई से वापस हरियाणा चला गया।

कुछ दिन बाद उसको पता चला कि उसके द्वारा की गई मशरूम की खेती में मशरूम निकल आए हैं जिसके बाद युवक वापस हरदोई चलाया और अपनी मेहनत परिश्रम से कुछ कर गुजरने की ठानी। युवक के आगे कई चुनौतियां थी सबसे बड़ी चुनौती युवक के सामने रुपए की थी। रुपए न होने के एवज़ में युवक ने अपनी पत्नी के जेवर गिरवी रखकर रिश्तेदारों से कर्ज लेकर मशरूम की खेती को बढ़ावा दिया। कहते हैं ना कि जहां चाह वहां राह। युवक ने चाह में अपनी राह बनाई और मशरूम की खेती करने लगा।

लोगों को मिला रोज़गार

हरदोई के रहने वाले किसान दर्वेश हरियाणा में रहकर 9000 की नौकरी करता था। दर्वेश नौकरी छोड़कर वापस हरदोई आया और मशरूम करने की खेती करने की मन में ठानी जिसके लिए संसाधन व पैसों की कमी के चलते उसने अपनी पत्नी के जेवर को गिरवी रखे और उससे मिले रुपए से मशरूम की खेती के लिए कार्य शुरू किया। दर्वेश ने सितंबर में गांव में कंपोस्ट खाद्य तैयार की और अक्टूबर में चेंबर बनाकर तैयार किया। संसाधनों का अभाव था जिसके चलते अधिकतर कार्य जुगाड़ से पूरे किए।दर्वेश बताते हैं कि उनके द्वारा सब तैयार करने के बाद हरियाणा से लाइव बीज को डाला गया जिसके बाद दिसंबर महीने में मशरूम निकलने लगे हैं।

दर्वेश द्वारा अपने ही गांव के 22 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया गया है। दर्वेश ने गांव के लोगों को मशरूम बेचने के कार्य पर लगाया है जिससे उन्हें प्रतिदिन लगभग ₹300 की बचत हो जाती है। आजकल मशरूम हर फास्ट फूड, शादी ब्याह, रेस्टोरेंट व घरों में खूब खाया जा रहा है। दर्वेश बताते हैं कि पहले गांव के लोग उनका मजाक बनाते थे लेकिन अब वही गांव के लोग उन्हें शाबाशी दे रहे हैं।

मशरूम खेती करने वाले दर्वेश ने कहा कि मशरूम उगाने के लिए तापमान को मेंटेन रखना बहुत आवश्यक है। बिना तापमान मेंटेन रहे मशरूम की खेती नहीं की जा सकती है। दर्वेश मशरूम की खेती के कार्य को और आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन उसके लिए उन्हें धन की आवश्यकता है। दर्वेश कहते हैं कि यदि उन्हें कहीं से ऋण मिल जाए तो वह आगे इस खेती को बढ़ाएंगे। उपनिदेशक कृषि डॉ नंदकिशोर ने बताया कि दर्वेश का पूरा सहयोग किया जाएगा। आवेदन करने पर उसे सरकारी योजना में ऋण दिलाने का पूरा प्रयास भी किया जाएगा। सरकार लगातार किसानों को खेती है लिये प्रोत्साहन देने का कार्य कर रही है।



Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

Next Story