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Hardoi News: हरदोई में राम भरोसे मेडिकल कॉलेज, अग्निशमन यंत्रों पर जमी धूल, तो कहीं खुले नजर आए विद्युत तार

Hardoi News : हरदोई मेडिकल कॉलेज के निर्माण में करोड़ों रुपए खर्च हुए थे। इसके बाद लगातार व्यवस्थाओं को सुधारने में भी लाखों करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।

Pulkit Sharma
Published on: 20 Nov 2024 8:43 PM IST
Hardoi News: हरदोई में राम भरोसे मेडिकल कॉलेज, अग्निशमन यंत्रों पर जमी धूल, तो कहीं खुले नजर आए विद्युत तार
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Hardoi News (newstrack)

Hardoi News: हरदोई का मेडिकल कॉलेज अव्यवस्थाओं की भेंट लगातार चढ़ा हुआ है। हरदोई में भी झांसी जैसे दिल दहला देने वाले हादसे का इंतजार जिम्मेदार कर रहे हैं। हरदोई मेडिकल कॉलेज के निर्माण में करोड़ों रुपए खर्च हुए थे। इसके बाद लगातार व्यवस्थाओं को सुधारने में भी लाखों करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन इन सब के बाद भी मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं।

झांसी में शॉर्ट सर्किट के चलते हादसा हुआ था। हादसे के बाद तमाम सवाल स्वास्थ्य विभाग पर उठ रहे थे। सीएचसी पीएससी से लेकर जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज अवस्थाओं की भेंट चढ़ा हुआ है। झांसी में हुए हादसे के बाद भी हरदोई के मेडिकल कॉलेज नहीं जागा है। हरदोई मेडिकल कॉलेज के आईसीयू वार्ड में ऑक्सीजन प्लांट के बिल्कुल नजदीक बिजली का बोर्ड खुला हुआ नजर आया और उस बोर्ड में तार भी बाहर निकले हुए थे। ऐसे में यदि कभी भी शॉर्ट सर्किट होता है तो झांसी जैसा हादसा हरदोई में भी घटित हो सकता है।

100 सिलेंडर की और की गई मांग

हरदोई मेडिकल कॉलेज में अग्निशमन यंत्र ढूंढने नहीं मिल रहे हैं, जो दिख रहे हैं वह बदहाल स्थिति में हैं। अग्निशमन यंत्रों की कभी साफ सफाई तक जिम्मेदारों ने करना मुनासिफ़ नहीं समझा है। हरदोई मेडिकल कॉलेज के हड्डी वार्ड में आग बुझाने का कोई संसाधन मौजूद नहीं है। वार्ड के आसपास हाइड्रेंट पॉइंट नहीं है, वार्ड के अंदर एक भी अग्निशमन यंत्र नहीं लगा है।

हरदोई मेडिकल कॉलेज के वार्डों में एक तो अग्निशमन यंत्र नहीं है और जहां पर उपकरण रखे हैं वहां की स्थिति भी काफी बदतर है। पूरे मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं भगवान भरोसे चल रही हैं। कहीं तार खुले हैं, तो कहीं अग्निशमन यंत्रों पर धूल की मोटी परत देखने को मिल रही है।

इस बाबत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर जे के वर्मा ने बताया की नई इमारत के वार्ड में आग से बचाव के सभी उपकरण है और पुराने वार्ड में भी 40 सिलेंडर हैं। 100 सिलेंडर की डिमांड और की गई है, जहां पर कोई कमी है, उसे दुरुस्त कराया जा रहा है। सिलेंडरों की साफ सफाई भी अगर नहीं हो रही है तो उसे भी कराया जाएगा।



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Ragini Sinha

Ragini Sinha

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