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Hardoi News: नरेश अग्रवाल ने राजनीति में पूरे किए 50 वर्ष, जनता के सपनों से नहीं किया समझौता

Hardoi News: जनपद के कद्दावर नेता नरेश अग्रवाल ने राजनीति में अपना स्वर्णिम समय पूरा किया है। नरेश अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश की राजनीति के साथ केंद्र की राजनीति भी की।

Pulkit Sharma
Published on: 17 Dec 2023 3:00 PM IST
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नरेश अग्रवाल ने राजनीति में पूरे किए 50 वर्ष (न्यूजट्रैक)

Hardoi News: उत्तर प्रदेश के हरदोई जनपद के कद्दावर नेता नरेश अग्रवाल ने राजनीति में अपना स्वर्णिम समय पूरा किया है। नरेश अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश की राजनीति के साथ केंद्र की राजनीति भी की। नरेश अग्रवाल ने राजनीति में अपने 50 वर्ष पूरे कर लिए हैं। किसी नेता के लिए राजनीति में 50 वर्ष पूरे करना काफी चुनौतियों भरा होता है। नरेश अग्रवाल ने सभी चुनौतियों को पार करते हुए अपने विरोधियों को शिकस्त देते हुए राजनीति में 50 वर्ष पूरे किए है। नरेश अग्रवाल के पिता बाबू श्रीचंद्र अग्रवाल ने कांग्रेस से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी। हरदोई से कई बार विधायक भी रहे। इसके बाद उनके बेटे नरेश अग्रवाल हरदोई से विधायक और मंत्री रहे। इसके बाद अब नरेश अग्रवाल के पुत्र नितिन अग्रवाल हरदोई से विधायक हैं और उत्तर प्रदेश सरकार में आबकारी राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के पद पर काबिज है।

कहा जाता है कि जनपद में नरेश अग्रवाल किंग मेकर की भूमिका निभाते हैं। नरेश अग्रवाल के चलते उत्तर प्रदेश में हरदोई जनपद राजनीतिक मायने में काफी महत्वपूर्ण है। जनपद में लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा का या फिर नगर पालिका अध्यक्ष पद से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष पद नरेश जिसे चाहते हैं वह उस पद पर काबिज होता है। जनपद में नरेश अग्रवाल का क़द सबसे ऊंचा है। नरेश अग्रवाल के मंत्री रहते हुए उन्होंने हरदोई के लिए काफ़ी विकास का कार्य किया। ऊर्जा मंत्री रहते हुए हरदोई के लोगों को भरपूर विद्युत की सप्लाई हुई साथ ही प्रत्येक चौराहा पर थोड़ी-थोड़ी दूर पर ट्रांसफार्मर को रखवाने का कार्य नरेश अग्रवाल द्वारा किया गया जिससे कि क्षेत्र के लोगों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिल सके।

नरेश अग्रवाल द्वारा परिवहन मंत्री रहते हुए हरदोई जनपद में एआरएम की भी तैनाती की थी साथ ही हरदोई से एसी बसों का संचालन भी शुरू कराया था। नरेश अग्रवाल ने परिवहन मंत्री रहते हुए हरदोई के बस अड्डे को एक नया रूप दिया था। जनपद में कई बड़े आयोजन भी नरेश अग्रवाल द्वारा किए गए। अपने जन्मदिन पर नरेश अग्रवाल द्वारा जनपद को कई सौग़ाते भी दी गई। हालांकि इस बीच नरेश अग्रवाल पर उनके विरोधियों ने दल बदल के भी आरोप लगाए लेकिन नरेश अग्रवाल ने उनके आरोपों को दरकिनार कर जनपद के विकास के लिए कार्य करते रहे। नरेश अग्रवाल ने दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें लोग दल-बदलू कहते हैं इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता उनके क्षेत्र की जनता के दिलों में वह बसते हैं क्षेत्र की जनता को उनके दल बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता तो लोग कुछ भी कहें उन्हें इस चीज का कोई भी मलाल नहीं हैं।

एक नज़र नरेश अग्रवाल के राजनीतिक सफ़र पर

नरेश अग्रवाल को हरदोई का लाल भी कहा जाता है। नरेश अग्रवाल ने तमाम उतार चढ़ाव के बीच 50 वर्ष उनके हंसते हुए गुज़ार दिये। नरेश अग्रवाल ने कहा कि मैं अपने को बड़ा सौभाग्यशाली समझता हूं। इतिहास की बात है मैंने उस गरीब भारत को भी देखा जहां ना दवाई थी, ना सड़क थी और ना शिक्षा थी। आज उभरते भारत को भी हमने देखा।

आजादी के बाद हुआ मेरा जन्म

आजादी के बाद मेरा जन्म हुआ। आजाद भारत के बारे में भी जाना और गुलाम भारत के बारे में भी जाना और इस सदी के भारत के बारे में भी जाना। 50 वर्ष में इतनी बड़ी सीख मिली जो किताबों से भी नहीं मिल सकती थी। हमारे बारे में जो लोगों की सोच है उसमें यही है कि नरेश अग्रवाल ने दिल जीता है। वोटां की राजनीति कभी नहीं की। जनपद के लोग नरेश अग्रवाल को राजनीति का महारथी और चाणक्य भी कहते हैं। नरेश अग्रवाल चुनाव से पहले ही उसके नतीजे को पढ़ लेते हैं। नरेश अग्रवाल के बारे में कहा जाता है जो वह ठान लेते हैं वह कर के दिखाते हैं। नरेश अग्रवाल ने अपने राजनीतिक जीवन में कभी अपने वसूलों से समझौता नहीं किया और कभी भी आत्म सम्मान से समझौता नहीं किया। हरदोई की जनता से नरेश अग्रवाल का पारिवारिक रिश्ता रहा। नरेश अग्रवाल ने कार्यकर्ताओं और क्षेत्र के जनता को परिवार के सदस्यों की तरह माना इसके वजह से उनका इतना बड़ा राजनीतिक सफर रहा और आगे भी जारी है। 1 अक्टूबर सन 1951 में एक मध्यम परिवार में नरेश अग्रवाल का जन्म हुआ। नरेश अग्रवाल को राजनीति विरासत में मिली है।

नरेश अग्रवाल के बाबा स्वर्गीय छेदा लाल हरदोई के प्रतिष्ठित व्यक्ति के साथ-साथ कांग्रेस के सांसद भी थे। इसके बाद उनके पुत्र श्री चंद्र अग्रवाल कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए। राजनीति के षड़यंत्र के चलते श्रीचंद्र अग्रवाल मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो पाए। नरेश अग्रवाल इस समय राजनीति से कोसों दूर वकालत की पढ़ाई कर रहे थे। अपने पिता को मंत्री न बनाए जाने की टीस उनको घर कर गई। इसके बाद उन्होंने इस प्रण लिया कि मैं अपने को उस मुक़ाम तक ले जाऊंगा। जहां से बिना मेरे शायद किसी की सरकार का मंत्रिमंडल अधूरा होगा। नरेश अग्रवाल राजीव गांधी की युवा ब्रिगेड में शामिल हुए और न सिर्फ शामिल हुए हरदोई के प्रेसिडेंट भी बने। सन 1980 में नरेश अग्रवाल ने पहली बार कांग्रेस के टिकट पर हरदोई से विधानसभा का चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल की।

इंदिरा गांधी के साथ जेल भी गए

नरेश अग्रवाल ने हरदोई की आवाज को राजीव गांधी से लेकर इंदिरा गांधी तक पहुंचा और इंदिरा गांधी के साथ जेल भी गए। नरेश अग्रवाल 1997 तक कांग्रेस के साथ जुड़े रहे और हरदोई का विधानसभा में प्रतिनिधित्व करते रहे। 1997 के बाद नरेश अग्रवाल ने राजनीति में भूचाल ला दिया नरेश अग्रवाल ने कांग्रेस पार्टी को तोड़कर अखिल भारतीय लोकतांत्रिक पार्टी का गठन किया।इसके बाद नरेश अग्रवाल ने भाजपा के कल्याण सिंह के साथ मिलकर प्रदेश में सरकार बनाई और कैबिनेट मंत्री बने। उत्तर प्रदेश में जिसके बाद सरकार बदलती रही लेकिन मंत्रिमंडल में नरेश अग्रवाल बने रहे। पार्टी कोई भी हो लेकिन नरेश अग्रवाल लगातार कैबिनेट मंत्री बनते रहे।

समय कैसा भी आया नरेश अग्रवाल ने कभी हरदोई की जनता के सपनों से समझौता नहीं किया। वर्तमान में नरेश अग्रवाल भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।नरेश अग्रवाल उत्तर प्रदेश की राजनीति से निकलकर केंद्र की राजनीति की ओर बढ़े और राज्यसभा में नरेश अग्रवाल हरदोई की आवाज को लगातार बुलंद करते रहे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नरेश अग्रवाल द्वारा दिए गए बयानों की तारीफ की। नरेश अग्रवाल द्वारा 8 प्रधानमंत्री के साथ कार्य किया गया वहीं उत्तर प्रदेश में 12 मुख्यमंत्री का भी कार्यकाल देखा है।



Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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