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Hardoi News: ज़िला अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट ठप, ज़िम्मेदार बेपरवाह, DM ने माँगा जवाब

Hardoi News: जिले में लगातार स्वास्थ्य विभाग के कारनामे जग जहीर हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग को बेहतर बनाने के बड़े दावे किए जाते है। जबकि हकीकत यह है कि यहां पर ज्यादातर उपकरण ख़ुद ही बीमार है।

Pulkit Sharma
Published on: 28 Nov 2023 12:41 PM IST
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हरदोई ज़िला अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट ठप (न्यूजट्रैक)

Hardoi News: जिले में लगातार स्वास्थ्य विभाग के कारनामे जग जहीर हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग को बेहतर बनाने के बड़े दावे किए जाते है। जबकि हकीकत यह है कि यहां पर ज्यादातर उपकरण ख़ुद ही बीमार है। साथ ही जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को बेहतर उपचार के लिए लखनऊ रेफर कर दिया जाता है। आए दिन खबरों में एक्स-रे मशीन, अल्ट्रासाउंड मशीन, सीटी स्कैन मशीन के खराब होने की खबरें प्रकाशित होती रहती हैं लेकिन विभाग है कि उसे पर इन सब बातों का कोई असर नहीं पड़ता है। हद तो तब हो गई जब हरदोई जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट ठप पड़ा है और इसकी तकनीकी जानकारी किसी भी कर्मचारी व अधिकारी को नहीं है।

ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा जिला अस्पताल

हरदोई जिला अस्पताल में एक कर्मचारी दो कार्य संभालता है। सफाई कर्मचारी कभी मरीज का उपचार करते दिखता है तो वार्ड बॉय कभी डॉक्टर बन जाता है। ऐसे में जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की जान पर बन आती है। वर्तमान समय में जिला अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है। यहां लगे ऑक्सीजन प्लांट खराब है। ऐसे में यदि किसी मरीज को ऑक्सीजन की समस्या उत्पन्न होती है तो उसको या तो शहर के ही किसी निजी अस्पताल में रेफर कर दिया जाएगा या फिर लखनऊ। जिम्मेदार है कि इस बावत कोई भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि शासन स्तर से ऑक्सीजन प्लांट के बेहतर रख रखाव के साथ समय-समय पर मॉक ड्रील कर इसकी जांच के निर्देश भी दिये हुए हैं।

सभी ऑक्सीजन प्लांट है ठप

हरदोई जिला अस्पताल में कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से हजारों लोगों की मौत हुई थी। अस्पतालों में ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो रही थी। ऐसे में सरकार ने लोगों के बेहतर उपचार को जनपद में 13 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कराए थे। सरकार की ओर से जिला महिला अस्पताल के परिसर में दो ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हुए थे। इन ऑक्सीजन प्लांट से महिला अस्पताल के 50 बेड तक सीधे ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था कराई गई थी। ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता 367 लीटर प्रति मिनट की है। 50 और बेड पर ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर ऑक्सीजन प्लांट पीएम केयर फंड के फेज 3 से लगवाया गया था। इस प्लांट की क्षमता 250 लीटर प्रति मिनट की है। इसके साथ ही 22 सितंबर 2021 को प्रधानमंत्री केयर फंड के ऑक्सीजन प्लांट और 2 सितंबर 2021 को एचसीएल फाउंडेशन के ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण हुआ था।

इसी समय पुरुष अस्पताल के भी परिसर में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना कराई गई थी लेकिन वर्तमान समय में यह सभी ऑक्सीजन प्लांट खराब पड़े हैं। ऑक्सीजन प्लांट के खराब पड़े होने की जो सबसे बड़ी वजह सामने आई है वह यह है कि ऑक्सीजन प्लांट के संचालन करने के लिए कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की गई है। जिला अस्पताल में कार्यरत जनरेटर ऑपरेटर के ही ज़िम्मे ऑक्सीजन प्लांट का संचालन को दिया गया था। जनरेटर ऑपरेटर को ऑक्सीजन प्लांट के संचालक को लेकर न ही कोई प्रशिक्षण दिया गया था। न ही इस बाबत कोई ज्यादा जानकारी दी गईं। लेकिन जिम्मेदारों ने इन सब बातों को नजर अंदाज करते हुए एक जनरेटर ऑपरेटर को अस्पताल का महत्वपूर्ण अंग ऑक्सीजन प्लांट का संचालन बिना प्रशिक्षण के कर्मचारियों को दे दिया जिसके चलते आज जिला अस्पताल के सभी ऑक्सीजन प्लांट पड़े हैं। ऐसे में मरीजों को ऑक्सीजन को लेकर काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है।

जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया कि मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध जिला और महिला चिकित्सालय के तीन ऑक्सीजन प्लांट खराब है। इस प्लांट के खराब होने का कारण इसकी तकनीकी जानकारी कर्मचारियों अधिकारियों को न होना है। ऑक्सीजन प्लांट के संचालन में लापरवाही की जाती है। ऑक्सीजन प्लांट जिला अस्पताल के लिए काफी महत्वपूर्ण है और इसका नियमित परीक्षण व रखरखाव होना चाहिए। मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों की लापरवाही के चलते ऑक्सीजन प्लांट खराब है। इसको लेकर जिम्मेदारों से जवाब तलब किया गया है। जवाब आने के बाद आवश्यक विधिक कार्यवाही जिम्मेदारों के विरुद्ध की जाएगी।



Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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