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Hardoi News: मानसिक रोग का डॉक्टर न होने से भटक रहे मरिज, शासन को लिखा गया पत्र
Hardoi News: हरदोई मेडिकल कॉलेज में मानसिक रोग के चिकित्सक न होने से मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। स्थाई चिकित्सक की मांग करते हुए शासन को पत्र लिखा गया है।
Hardoi News: हरदोई में लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने का दावा किया जा रहा है। लगातार मशीनों को बढ़ाया जा रहा है। पर हरदोई के मेडिकल कॉलेज में अभी भी कई पदों पर कर्मचारियों के तैनाती नहीं है। जबकि कई विभाग तो ऐसे हैं जिनकी कुर्सियां खाली पड़ी हैं। हरदोई के मेडिकल कॉलेज में जनपद से लोग बड़ी आस के साथ आते हैं कि उन्हें यहां डॉक्टरों की उपलब्धता मिलेगी। लेकिन मेडिकल कॉलेज होने के बाद भी कई विभाग ऐसे हैं जहां या तो स्टाफ नहीं है या फिर डॉक्टर ही नहीं है। ऐसे ही हरदोई के मेडिकल कॉलेज में मानसिक रूप से बीमार लोगों के इलाज के लिए डॉक्टर ही नहीं है। यहां पर डॉक्टर की कुर्सी कई महीनो से खाली पड़ी हुई है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज पहुंचने वाले मरीजों को निराशा हाथ लगती है। मानसिक रूप से बीमार मरीजों को उपचार के लिए लखनऊ की दौड़ लगानी पड़ रही है।
अन्य विभागों के चिकित्सक भी रहते हैं नदारद
हरदोई के जिला चिकित्सालय में मानसिक रोग विभाग में डॉक्टर परमवीर सिंह की तैनाती थी लेकिन कुछ वर्ष पूर्व परमवीर सिंह द्वारा नौकरी से इस्तीफा दे दिया गया। इसके बाद से लगातार मानसिक रोग विभाग में ताला लटका हुआ है। यहां डॉक्टर की कुर्सी खाली पड़ी है। इस बाबात जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी तक मामला पहुंचा था तब उनके द्वारा अलग-अलग विभाग के चिकित्सकों की तैनाती की गई थी। लेकिन इन डॉक्टरों की तैनाती भी मानसिक रोग के डॉक्टर की कमी को पूरा नहीं कर पा रही है। मानसिक रोग विभाग में टीवी के चिकित्सक पहुंचते हैं बाकी अन्य कोई चिकित्सक पहुंचते ही नहीं हैं। मानसिक रोग के डॉक्टर की कमी को लेकर मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा संबंधित चिकित्सकों को पत्र भेजे गए लेकिन ना तो जवाब आया और ना ही चिकित्सक आए।
स्थाई स्टाफ के लिए लिखा गया पत्र
हरदोई के मेडिकल कॉलेज कई लोग अपना मानसिक इलाज करने के लिए पहुंचे लेकिन जब वह वहां पहुंचे तब उन्हें मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग में ताला लटका दिखा जिससे उन्हें काफी निराशा लगी। मरीजों ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि उनका उपचार हरदोई मेडिकल कॉलेज में हो जाएगा, लेकिन जब वह पहुंचे तो वहां ताला लटका हुआ था। अब उन्हें लखनऊ बरेली की दौड़ लगानी पड़ रही है। सीएमओ डॉक्टर रोहताश कुमार ने बताया कि वह जानकारी करेंगे की ड्यूटी लगाने के बाद भी संबंधित चिकित्सक मानसिक रोग विभाग में क्यों नहीं जा रहे हैं। डॉक्टरों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिनकी ड्यूटी है उन्हें जाना ही होगा। वहीं मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर आर्य देश दीपक ने बताया कि शासन को पत्र भेजकर मानसिक रोग विभाग में स्थाई स्टाफ तैनात करने के लिए कहा गया है। शासन से स्थाई तैनाती हो जाने पर मरीजों को राहत मिलेगी। वैकल्पिक व्यवस्था का पालन करने की भी कोशिश की जा रही है।