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Hardoi News: रिज़र्व परमिट पर दौड़ रहीं प्राइवेट बसें, शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक हो रहा संचालन
Hardoi News: हरदोई में स्लीपर बसों के मालिक लोगों की जान के साथ जमकर खिलवाड़ कर रहे हैं। बस मालिक बसों का रिजर्व परमिट लेकर अलग-अलग मार्गों पर इनका संचालन कर रहे हैं।
Hardoi News: हरदोई में स्लीपर बसों के मालिक लोगों की जान के साथ जमकर खिलवाड़ कर रहे हैं। बस मालिक बसों का रिजर्व परमिट लेकर अलग-अलग मार्गों पर इनका संचालन कर रहे हैं। प्रदेश में लगातार अवैध तरीके से स्लीपर बस डबल डेकर बस का संचालन हो रहा है। हाल में ही उन्नाव के पास हुए हादसे में एक दर्जन से अधिक लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी जिसके बाद शासन की नींद टूटी और बसों पर जांच कर कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए। हरदोई से भी लखनऊ दिल्ली मुरादाबाद के लिए स्लीपर बसों का संचालन हो रहा है। इन बसों का संचालन ग्रामीण क्षेत्र, कस्बों और शहर से हो रहा है। स्लीपर बस के लिए रिजर्व परमिट लेकर फुटकर में बस चालक सवारियां ढोते मिल जाएंगे। संचालक उप संभागीय परिवहन विभाग से रिजर्व परमिट लेकर फुटकर यात्रियों को ढोते हैं। दूसरी ओर विभाग के अधिकारी बसों की खोज में लगे हुए हैं। उप संभागीय परिवहन विभाग की हालत देखकर एक कहावत चरितार्थ हो रही है बगल में छोरा और शहर में ढिंढोरा।
सस्ते परमिट पर होती मोटी कमाई
हरदोई जनपद के पिहानी गोपामऊ से दिल्ली के लिए स्लीपर बसों का संचालन प्रतिदिन होता है। यह बसें सीतापुर शाहजहांपुर के रास्ते होते हुए दिल्ली जाती हैं। गोपामऊ और पिहानी से काफी लंबे समय से बसों का संचालन हो रहा था लेकिन जिम्मेदार इस बाबत आंख बंद किए हुए थे। हादसे के बाद अब जिम्मेदार जागे हैं और कार्रवाई में जुट गए हैं। हरदोई जनपद से बड़ी संख्या में लोग रोजगार के लिए ट्रेनों, परिवहन निगम की बसों व प्राइवेट बसों से दूसरे जनपद व राज्यों के लिए यात्रा करते हैं। ट्रेनों में यात्रियों की बड़ी संख्या के चलते स्लीपर बसों की मांग काफी बढ़ गई है। ऐसे में स्लीपर बस के मालिक इसका लाभ उठाते हैं। हरदोई में संचालित होने वाली अधिकतर बसों का परमिट या तो टूरिस्ट होता है या फिर रिजर्व परमिट पर संचालित होती हैं। शहर का घंटाघर रोड प्राइवेट बसों का हब है। यहां दर्जनों प्राइवेट बसें खड़ी होती हैं। इनमें स्लीपर बसें तक शामिल हैं।
शहर के नुमाइश चौराहे के निकट एक पेट्रोल पंप पर प्राइवेट बसें खड़ी होती हैं। साथ ही प्राइवेट बस अड्डे से दर्जनों बसों का आवागमन प्रतिदिन होता है। जबकि कुछ बसें यात्रियों को शहर के सिनेमा चौराहा लखनऊ चुंगी उतारते हुए लखनऊ की ओर रवाना हो जाती हैं। स्लीपर बसों में अंबाला जाने के लिए यात्रियों से ₹700 और लुधियाना जाने के लिए यात्रियों से ₹800 का किराया प्रति यात्री लिया जाता है। रिजर्व परमिट और टूरिस्ट परमिट तीन दिन से 7 दिन तक के लिए बनाए जाते हैं। तीन दिन के परमिट की क़ीमत ₹550 और 7 दिन के परमिट का शुल्क ₹1000 निश्चित है। इस परमिट में फुटकर सवारियों को ले जाने की अनुमति नहीं होती है। फुटकर सवारियां ले जाने के लिए अलग से परमिट बनाया जाता है। उप संभागीय परिवहन के अधिकारी संजीव कुमार सिंह ने कहा कि गलत परमिट पर सवारी ले जाने वाली बसों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। पिछले तीन दिन में कई बसों पर कार्रवाई की गई है और यह आगे भी जारी रहेगी।