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Indian Railway: ट्रेनों से हट रहें यह कोच, यात्री परेशान

Railway News: रेल यात्रियों की मांग है कि रेल प्रशासन हरदोई से होकर जाने वाली कई प्रमुख ट्रेनों का ठहराव करें या फिर यात्रियों को हो रही असुविधा को देखते हुए ट्रेनों में जनरल और स्लीपर के कोच को बढ़ाएं।

Pulkit Sharma
Published on: 12 April 2024 1:00 PM GMT
Railway News
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Symbolic Image (Pic:Social Media)

Hardoi News: बीते एक वर्षों में ट्रेनों में यात्रियों को कंफर्म बर्थ नहीं मिल पा रही है। यात्री 4 महीने पहले आरक्षण कराने के लिए ऑनलाइन या फिर स्टेशन के आरक्षण काउंटर का सहारा ले रहे हैं लेकिन यदि कोई यात्री दो महीना 3 महीने पूर्व भी अगर किसी ट्रेन में आरक्षण करना चाहता है तो उसे स्लीपर से लेकर एसी तक में वेटिंग का सामना करना पड़ रहा है। लंबी-लंबी वेटिंग से यात्री लगातार परेशान है। कोरोना संक्रमण के बाद से ट्रेनों में लगातार यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। वहीं यात्रियों की मुश्किलें भी उतनी ही बढ़ती जा रही हैं।

रेल प्रशासन लगातार नए-नए प्रयोग करके रेल यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। एक और जहां रेल प्रशासन वंदे भारत और अमृत भारत जैसी ट्रेनों का संचालन कर रहा है, वहीं मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में घटते जा रहे जनरल और स्लीपर के कोच ट्रेनों में लंबी-लंबी वेटिंग का कारण बन रहे हैं। मुरादाबाद मंडल में अब गिन्नी चुन्नी पैसेंजर ट्रेन संचालित हो रही हैं जबकि कोरोना संक्रमण से पूर्व मुरादाबाद मंडल में कई पैसेंजर ट्रेन संचालित होती थी जिनका लाभ रेल यात्रियों को मिलता था।

इन ट्रेनों समेत अन्य ट्रेनों में घटे कोच

रेल प्रशासन द्वारा हरदोई से होकर जाने वाली दो पैसेंजर ट्रेनों को जहां बंद कर दिया है। वहीं एक पैसेंजर ट्रेन को एक्सप्रेस बनाकर संचालित किया जा रहा है। मुरादाबाद मंडल के अंतर्गत हरदोई रेलवे स्टेशन से होकर जाने वाली बरेली प्रयागराज पैसेंजर रेल प्रशासन द्वारा बंद कर दी गई है जबकि पंजाब जाने के लिए श्रमिकों की पसंद लखनऊ सहारनपुर पैसेंजर भी बंद है। रेल प्रशासन द्वारा दिन पर दिन जनरल कोच और स्लीपर कोच की संख्या को घटाया जा रहा है। हरदोई से होकर जाने वाली अधिकांश ट्रेनों में जनरल और स्लीपर के कोच घट गए हैं। जहां एक समय में जनरल और स्लीपर के कोच की संख्या अधिक होती थी और एसी के कोच की संख्या तीन से चार अधिकतम 5 होती थी।

लखनऊ मेल की बात की जाए तो हरदोई से होकर गुजरने वाली एकमात्र ऐसी ट्रेन थी जिसमें लगभग 9 एसी के कोच थे बाकी स्लीपर और जनरल के कोच थे लेकिन अब अधिकांश ट्रेनों में एसी के कोच ही नजर आएंगे। हरदोई से होकर जाने वाली लखनऊ सहारनपुर एक्सप्रेस हो या फिर आनंद विहार रक्सौल सद्भावना एक्सप्रेस, लखनऊ मेरठ राजरानी एक्सप्रेस हो या लखनऊ चंडीगढ़ सुपरफास्ट एक्सप्रेस, वाराणसी देहरादून जनता एक्सप्रेस समेत कई अन्य ट्रेनों में स्लीपर और जनरल के कोच की संख्या को घटाकर एसी कोच को बढ़ा दिया गया है। ऐसे में एक और जहां रेलवे को तो अच्छा राजस्व प्राप्त हो रहा है वहीं यात्रियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। ट्रेनों में बढ़ रहे एसी कोच के चलते अधिकांश ट्रेनों में यात्रियों को लंबी-लंबी वेटिंग स्लीपर और एसी कोच में देखने को मिल रही है।

रेल से जुड़े सूत्र बताते हैं कि आने वाले कुछ वर्षों में रेल प्रशासन स्लीपर और जनरल कोच को ट्रेनों से बिल्कुल समाप्त कर देगा। वहीं जनरल यात्रियों के लिए नए एसी कोच को लाने का भी विचार रेलवे कर रही है। रेल से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इसके पीछे अधिकारियों का तर्क है कि स्लीपर और जनरल कोच ट्रेन में लगे होने से ट्रेन की गति प्रभावित होती है। फिलहाल रेलवे की मंशा रेल यात्रियों पर भारी पड़ रही है। जिसका खामियाजा रेल यात्रियों को उठाना पड़ रहा है। रेल यात्रियों की मांग है कि रेल प्रशासन हरदोई से होकर जाने वाली कई प्रमुख ट्रेनों का ठहराव करें या फिर यात्रियों को हो रही असुविधा को देखते हुए ट्रेनों में जनरल और स्लीपर के कोच को बढ़ाएं। यात्रियों ने कहा कि यह समस्या हरदोई के साथ देशभर से यात्रा करने वाले यात्रियों की है।

Durgesh Sharma

Durgesh Sharma

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