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Hardoi News: 9 साल बाद रेप पीड़िता के परिजनों को मिला न्याय, आरोपी को न्यायाधीश ने सुनाई सजा
Hardoi News: पुलिस द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आधार पर सरकारी अधिवक्ता द्वारा न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की गई दलीलों के आधार पर नाबालिक बच्ची के परिजनों को न्याय मिल सका है।
Hardoi News: हरदोई में 9 साल बाद नाबालिग से रेप और हत्या के मामले में पीड़ित परिजनों को न्याय मिला है।9 साल 9 महीने तक चली सुनवाई के बाद पीड़िता को न्याय मिल सका है। गांव के ही रहने वाले एक युवक द्वारा शौच के लिए गई एक नाबालिक बच्ची का रेप कर हत्या की गई थी।इस मामले में पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में लिया था। पुलिस द्वारा 21 फरवरी 2015 को मामले में एफआईआर दर्ज करी थी और मामले की छानबीन में जुटी थी। पुलिस द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आधार पर सरकारी अधिवक्ता द्वारा न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की गई दलीलों के आधार पर नाबालिक बच्ची के परिजनों को न्याय मिल सका है।न्यायालय द्वारा आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए अर्थ दंड भी लगाया है। पीड़ित परिवार ने कहा कि उन्हें कानून पर पूरा विश्वास है और इस विश्वास के चलते आज उनकी यह जीत हुई है।
अपर जिला सत्र न्यायाधीश पोस्को कोर्ट ने सुनाया फैसला
अपर जिला सत्र न्यायाधीश पोस्को कोर्ट संख्या 16 न्यायालय ने आज 13 वर्षीय नाबालिक बच्ची से रेप और हत्या के मामले में आरोपी को सजा सुनाई।न्यायाधीश एडीजे कोर्ट 16 महेंद्र सिंह ने बच्ची की रेप के बाद हत्या के आरोपी आलोक द्विवेदी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 75000 का अर्थ दंड लगाया है। न्यायाधीश ने अर्थ दंड की यह रकम पीड़ित परिवार को देने के निर्देश जारी किए हैं। मासूम बच्ची से रेप और हत्या के मामले में पीड़ित पक्ष के वकील एडीजीसी मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि देहात कोतवाली क्षेत्र में यह अपराध घटित हुआ था जहां शौच के लिए गई 13 वर्षीय बच्ची को बस कंडक्टर आलोक कुमार द्विवेदी पुत्र राधेश्याम द्विवेदी निवासी ग्राम भिखारीपुर थाना बांगरमऊ जनपद उन्नाव ने पकड़ लिया। आलोक द्वारा 13 वर्ष के बच्ची के साथ रेप और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी। उक्त प्रकरण में आरोपी द्वारा बच्ची के शव को स्कूल के पीछे फेंक दिया था। पुलिस द्वारा इस मामले के तफ्तीश की गई तब ग्रामीणों ने बताया था कि आलोक द्वारा बच्ची का शव फेका गया है। पुलिस ने जब आलोक को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ था।पीड़ित बच्ची के परिजनों को न्याय मिलने में 9 साल 9 महीने एक दिन का समय लगा है।