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Hardoi: पंजीकृत एग्रीकल्चर ट्रैक्टर-ट्रालियों का हो रहा व्यावसायिक प्रयोग, ज़िम्मेदार बने रहते हैं अनजान

जिले में चल रहे ट्रैक्टर ट्राली मानकों के विपरीत कार्य कर रहे हैं। जनपद में ज्यादातर ट्रैक्टर ट्राली कमर्शियल प्रयोग में लिए जा रहे हैं। ऐसे में आए दिन ट्रैक्टर ट्राली से सड़क हादसे होते रहते हैं।

Pulkit Sharma
Published on: 8 Dec 2023 4:17 PM IST
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हरदोई में पंजीकृत एग्रीकल्चर ट्रैक्टर-ट्रालियों का हो रहा व्यावसायिक प्रयोग (न्यूजट्रैक)

Hardoi News: जिले में चल रहे ट्रैक्टर ट्राली मानकों के विपरीत कार्य कर रहे हैं। जनपद में ज्यादातर ट्रैक्टर ट्राली कमर्शियल प्रयोग में लिए जा रहे हैं। ऐसे में आए दिन ट्रैक्टर ट्राली से सड़क हादसे होते रहते हैं जिसमें लोगों की मौत भी हो जाती है। जनपद में एग्रीकल्चर के लिए रजिस्ट्रेशन हुए ट्रैक्टर ट्राली भी कमर्शियल प्रयोग में लिए जा रहे हैं। आलम यह है कि इन ट्रैक्टर ट्रालियों पर किसी प्रकार का कोई भी लगाम लगाने की जिम्मेदार पहल नहीं करते हैं। रेलवे स्टेशन पर माल गोदाम में जितने कमर्शियल ट्रैक्टर ट्राली रजिस्टर्ड हैं उससे कहीं ज्यादा ट्रैक्टर ट्राली कमर्शियल प्रयोग के लिए खड़े रहते हैं।इन ट्रैक्टर ट्राली में जमकर ओवरलोडिंग भी होती है।

कभी-कभी तो यह ट्रैक्टर ट्राली ओवरलोड इतना हो जाते हैं कि यह अनियंत्रित तक हो जाते हैं जिसके चलते सड़क हादसे घटित हो रहे हैं। जनपद में कुल 34360 ट्रैक्टर ट्राली विभाग के अभिलेखों में दर्ज हैं जिसमें ट्रैक्टर में प्रयोग की जाने वाली ट्राली भी हैं। ट्रैक्टर में प्रयोग की जाने वाली ट्रॉली का भी ट्रैक्टर स्वामी को रजिस्ट्रेशन कराना होता है। ट्रैक्टर ट्राली का भी पंजीकरण उपसंभागीय परिवहन विभाग में दर्ज किया जाता है। जनपद में फराटा भर रहे ट्रैक्टर ट्रॉली में से रजिस्ट्रेशन ना के बराबर है। उपसंभागीय परिवहन विभाग द्वारा बस, ट्रक, मोटरसाइकिल,कार जैसे वाहनों के लिए तो अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है लेकिन ट्रैक्टर ट्राली पर कार्रवाई करने से जिम्मेदार लगातार बचते रहते हैं।

कई ट्रैक्टर ट्राली जनपद में ऐसे संचालित हो रही है जिनमें नंबर ही नहीं है जबकि किसी में नंबर मिट गए हैं। जनपद में संचालित हो रहे ट्रैक्टर ट्रालियों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट भी अभी तक नहीं देखने को नहीं मिली है। सूत्र बताते हैं कि सड़कों पर फ़र्राटा भर रहे ट्रैक्टर ट्राली को लेकर जिम्मेदार तक एक बड़ी रकम पहुंचाई जाती है। यह रकम एग्रीकल्चर रजिस्ट्रेशन के नाम पर कमर्शियल प्रयोग के लिए भिजवाई जाती है। जनपद में संचालित हो रहे ज्यादातर ट्रैक्टर ट्राली लकड़ी ले जाते हैं, बालू लादते, सीमेंट लादते हुए मिल जाते हैं। सूत्र बताते हैं कि जनपद में जिम्मेदार सुविधा शुल्क लेकर कार्यवाही नहीं करते हैं ऐसे में ट्रैक्टर चालकों के हौसले बुलंद है।

आँकड़ों में जाने कितने ट्रैक्टर ट्रॉली है व्यावसायिक प्रयोग के लिये

हरदोई के उपसंभागीय परिवहन कार्यालय के आंकड़ों में 34660 ट्रैक्टर ट्रॉली सड़कों पर संचालित है जिसमें से व्यावसायिक प्रयोग के लिए 74 ट्रैक्टर ट्राली का पंजीकरण है जबकि सर्वाधिक 34281 ट्रैक्टर ट्राली खेती के लिए पंजीकृत हैं वही ट्रैक्टर में प्रयोग होने वाली पांच ट्रॉली व्यवसायिक कार्यों के लिए पंजीकृत हैं।जनपद में पंजीकृत सभी ट्रैक्टर में ट्राली लगी हुई है और इनका खेती से ज्यादा प्रयोग व्यावसायिक कार्यों में किया जा रहा है।

रेलवे स्टेशन के माल गोदाम पर माल को ले जाने के लिए ट्रकों से ज्यादा ट्रैक्टर ट्रालियों का प्रयोग किया जा रहा है। यह ट्रैक्टर ट्राली ओवरलोड माल को भरकर चलती हैं। ऐसे में कई बार यह ट्रैक्टर ट्राली हादसे का भी कारण बन जाती हैं जिसमें लोग अपनी जान गवा देते हैं। सूत्र बताते हैं कि इस तरह ट्रैक्टर ट्रालियों को संचालित करने की एवज़ में ट्रैक्टर ट्राली के स्वामी जिम्मेदारों को एक तय रक़म देते हैं। ऐसे में जब कभी ट्रैक्टर ट्रॉली पर कार्रवाई की बात आती है तो या तो उन्हें पहले ही रोक दिया जाता है या सिर्फ खाना पूर्ति कर दी जाती है। ट्रैक्टर ट्रालियो पर कार्रवाई का जिम्मा एआरटीओ एनफोर्समेंट पर है लेकिन इनकी कार्यशाली लगातार सवालों के घेरे में रहती है। इनके सरपरस्ती में जनपद में ट्रैक्टर ट्राली जमकर मनमाने ढंग से कार्य कर रहे हैं।



Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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