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Hardoi News: सड़क निर्माण के साथ ही अब उसका जिम्मा भी सम्भालेंगे ठेकेदार, शासन ने जारी किए निर्देश

Hardoi News: दरअसल, सड़कों के निर्माण के बाद गुणवत्ता बेहतर न होने से उसमें गड्ढे हो जाते हैं जिसके चलते लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है।

Pulkit Sharma
Published on: 18 Feb 2024 8:38 AM GMT
Hardoi News
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Hardoi News (Photo: Social Media)

Hardoi News: प्रदेश की सड़कों लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी सख्त हैं। सरकार बनने के साथ ही प्रदेश के सड़कों की दुर्दशा को संवारने की क़वायद को शुरू कर दिया था।मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने का कार्य लगातार किया जा रहा है इसके साथ ही लगातार प्रदेश में नई सड़कों का निर्माण भी हो रहा है। अक्सर देखा जाता है कि सड़क निर्माण के कुछ वर्षों के बाद ही सड़क उखड़ने लगती है सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे नजर आने लगते हैं।

इसके पीछे संबंधित ठेकेदारों द्वारा गुणवत्ता के साथ किया गया खिलवाड़ होना पाया जाता है लेकिन अब शासन ने सड़क निर्माण के बाद सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार को ही 5 वर्ष तक सड़क की देखभाल का जिम्मा सौपने की तैयारी कर ली है। यानी कि अब 5 साल तक जो ठेकेदार सड़क का निर्माण कराएगी वही उस सड़क की देखभाल भी करेगा। शासन के अधिकारियों के मुताबिक इस आदेश के बाद सड़क निर्माण की गुणवत्ता में सुधार आएगा।

इस्टिमेट में जुड़ेगी अनुरक्षण राशि

शासन की ओर से सड़क बना कर संबंधित ठेकेदारों को ही देखभाल करने के जारी निर्देश के बाद इस व्यवस्था को लागू भी कर दिया गया है।इस व्यवस्था के लागू होने के बाद जो नए एस्टीमेट बनेंगे उनमें अनुरक्षण की लागत भी शामिल होगी। सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार या फर्म अब 5 साल तक सड़क की देखभाल का भी जिम्मा उठाएंगे। इसको लेकर संबंधित ठेकेदारों को कार्य लागत की सापेक्ष 10% अनुसरण राशि भी दी जाएगी। दरअसल, सड़कों के निर्माण के बाद गुणवत्ता बेहतर न होने से उसमें गड्ढे हो जाते हैं जिसके चलते लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है।

वहीं इसकी मरम्मत के लिए अलग से धन खर्च करना पड़ता है। शरद कुमार मिश्रा अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग ने बताया की नई व्यवस्था के तहत सड़कों के नवीनीकरण नवनिर्माण चौड़ीकरण आदि कार्य के अनुबंध के साथ ही अब 5 वर्ष तक सड़कों के अनुसार अनुबंध होगा इन 5 वर्षों की अवधि में संबंधित फ़र्म व ठेकेदार को अलग-अलग वर्ष में निर्धारित अनुरक्षण राशि का भुगतान किया जाएगा। आदेश जारी होने के बाद जो भी नए एस्टीमेट बनाए जा रहे हैं उसमें अनुरक्षण लागत को भी शामिल किया जा रहा है।

Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Started career with Jagran Prakashan and then joined Hindustan and Rajasthan Patrika Group. During her career in journalism, worked in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi.

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