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Hardoi News: जलती पराली का धुआं बना मुसीबत, प्रशासन नहीं करता कार्रवाई
Hardoi News: कृषि फार्म में फसल कटने के बाद पराली में आग लगा दी गई, जिसके चलते आसपास रह रहे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। जिससे पास बनी एक दुकान को भी नुकसान पहुंचा।
Hardoi News: उत्तर प्रदेश शासन की लाख सख़्ती के बाद भी हरदोई जनपद में पर्यावरण के साथ लगातार जिम्मेदार खिलवाड़ कर रहे हैं। कहीं अस्पताल के निकट कूड़े के ढेर में आग लगा दी जाती है तो कहीं पराली को जला दिया जाता है। हरदोई शहर के बीचो-बीच कृषि फार्म में फसल कटने के बाद पराली में आग लगा दी गई जिसके चलते आसपास रह रहे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। पराली की आग से कृषि फार्म के पास बनी एक दुकान को भी नुकसान पहुंचा जबकि पराली के धुएं ने लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी में डाल दिया। क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि हर 6 महीने में कृषि फार्म में इस तरह का मामला देखने को मिलता है। कई बार जिला प्रशासन से इस विषय पर शिकायत की गई लेकिन कोई भी हल नहीं निकला। लोगों ने कहा कि यदि यह खेत किसी किसान का होता तो जिला प्रशासन अब तक उस पर फिर एफ़आइआर लिखवा चुका होता लेकिन जब खुद पर आती है तो जिला प्रशासन मौन साध लेता है।
सांस के मरीजों को हुई समस्या
शहर की आवास विकास कॉलोनी जो कि शहर का एक पॉश इलाका भी कहा जाता है। यहां पर कृषि फार्म बना हुआ है इसमें गेहूं चावल आदि की फसल उगाया जाता है।आज फसल काटने के बाद खेत में बची पराली में किसी व्यक्ति ने आग लगा दी। आग धीरे-धीरे पूरे खेत में फैलती चली गई। खेत में पराली में लगी आग से आसपास के रहने वाले लोगों को सांस लेने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लोगों ने कहा कि आवास विकास में कई लोग सांस के मरीज हैं। ऐसे में इन मरीजों को सबसे ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। क्षेत्रीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ी ने पराली में लगी आग को बुझाने का कार्य किया। कड़ी मशक्कत के बाद दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया। फिलहाल कृषि फार्म में यह आग किसने लगाई इसकी जानकारी नहीं हो सकी है।
जिलाधिकारी से कई बार की जा चुकी शिकायत
क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि पराली में लगी आग और उससे उठने वाले धुएं से सांस लेने में काफी समस्या हो रही थी। इस समस्या को लेकर जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह को भी फोन किया गया साथ ही दमकल विभाग को भी सूचना दी गई थी। जिलाधिकारी की ओर से इस बाबत कोई भी ठोस कार्रवाई की बात नहीं की गई है और ना ही कोई संतोषजनक जवाब दिया गया जबकि दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंची और आग को बुझाने का कार्य किया। क्षेत्र वासियों ने बताया कि हर 6 महीने में इस प्रकार आग लगा दी जाती है जिससे उठने वाला धुआं लोगों के लिए मुसीबत बनता है। फिलहाल अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या जिला प्रशासन सिर्फ किसानों के पराली में आग लगाने पर ही अभियोग दर्ज करेगी या अपने प्रशासनिक अधिकारियों की करतूत पर उनके ऊपर भी कोई अभियोग पंजीकृत होगा।