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Hardoi News: उपसंभागीय परिवहन विभाग में लाइसेंस बनने में आई गिरावट, जानें क्या हैं वजह और क्या बोले लोग

Hardoi RTO News: उपसंभागीय परिवहन विभाग नए नियमों के मुताबिक कंप्यूटरीकृत ट्रैक पर वाहन चलाने पर ही लाइसेंस प्राप्त हो सकेगा। जिसमें एक गलती पड़ सकती भारी। लाइसेंस बनने में कमी के पीछे कड़े नियम भी माने जा रहे हैं बड़ी वजह।

Pulkit Sharma
Published on: 8 Jan 2025 8:58 PM IST
Hardoi News
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sub-divisional transport department decline in the number of licenses issued in hardoi   (from social media)

Hardoi News: उपसंभागीय परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश में बनने वाले ड्राइविंग लाइसेंस के नियम में बदलाव किया।उपसंभागीय परिवहन विभाग द्वारा लाइसेंस के नियम में बदलाव के पीछे होने वाली वाहन दुर्घटनाओं को बताया गया। उपसंभागीय परिवहन विभाग नए नियमों के मुताबिक कंप्यूटरीकृत ट्रैक पर वाहन चलाने पर ही लाइसेंस प्राप्त हो सकेगा। उप संभागीय परिवहन विभाग की दुर्घटना को लेकर यह पहल जनपद के लोगों को रास नहीं आ पा रही है। हरदोई में लाइसेंस बनाने और वाहन चलाना सीखने का जिम्मा प्राइवेट एजेंसी को दिया हुआ है। ऐसे में अब जनपद में लगातार लाइसेंस बनाने में दिन पर दिन कमी आ रही है। कंप्यूटरीकृत ट्रैक पर वाहन चालक की एक गलती से लाइसेंस निरस्त हो जाता है। ऐसे में लाइसेंस का आवेदन करने वाले धारक को पुनः आवेदन करना होता है साथ ही उसको दोबारा लाइसेंस की फीस भी जमा करनी पड़ है।

कंप्यूटरीकृत ट्रैक पर एक गलती पड़ती है भारी

हरदोई के विकासखंड टड़ियावा के ग्राम कण्ङौना में बने कंप्यूटरीकृत ट्रैक पर वाहन चलाकर लाइसेंस धारक लाइसेंस प्राप्त कर सकता है। सूत्र बताते हैं कि लाइसेंस बनवाने के लिए बीते 1 महीने में हरदोई में लगभग 100 लोगों ने ट्रैक पर टेस्ट दिया था जिसमें से मोटरसाइकिल के लिए लगभग 35 से 40 लोग और कार के लिए 50 से 60 लोगो ने टेस्ट दिया था भारी वाहन के लिए एक से दो लोगों ने आवेदन किए थे। सूत्रों ने बताया कि इनमें से लगभग 10 लोगों ने ट्रैक पर वाहन चलाकर लाइसेंस बनवाने के लिए टेस्ट को पास किया है। एक महीने में लगभग 10 लोगों ने मोटरसाइकिल और कार के लाइसेंस प्राप्त किए हैं।लाइसेंस बनवाने में जटिल प्रक्रिया के चलते लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों को आर्थिक नुकसान तो उठाना पड़ रहा है हालांकि टेस्ट में फेल होने पर लाइसेंस आवेदक को तीन अवसर मिलेंगे जिसके लिए उसको निर्धारित फीस जमा करनी होगी।

लाइसेंस के लिए अब आवेदकों को काफी ज्यादा महनत भी करनी पड़ रही है। लाइसेंस आवेदक के लिए पुनः आवेदन करने वाले धारकों ने बताया कि सरकार को लाइसेंस की पुरानी प्रक्रिया को पुन बहाल करना चाहिए या फिर इस प्रक्रिया में सुधार करना चाहिए।आवेदन करने वाले लोगों ने बताया कि छोटी सी गलती पर निरस्त होने वाले लाइसेंस की जमा फीस भी वापस नहीं मिलती है। ऐसे में सरकार को कुछ अंश काटकर फीस को वापस करना चाहिए जिससे कि लोगों पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ कम हो सके।

जानकारी के मुताबिक अगर लाइसेंस आवेदक लर्निंग लाइसेंस बनवाने के दौरान अपना ड्राइविंग स्कूल में वाहन चलाना सीखने के लिए भी पंजीकरण करा सकता है जिसका निर्धारित शुल्क 6 हज़ार प्लस जीएसटी निर्धारित है जिन्हें 30 दिन में थ्योरी और प्रैक्टिकल कराया जाएगा। वाहन सीखने के पश्चात जब लाइसेंस आवेदक परमानेंट लाइसेंस के लिए आवेदन करंगे तब उनको परमानेंट लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा।लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले लोगो को मोटर ट्रेनिंग स्कूल में पहले वाहन चलाना सीखना चाहिए जिससे यातायात के नियमों की पूर्णतया जानकारी प्राप्त रहें।सरकार के इस कदम का उद्देश्य सुरक्षित वाहन चलाने और दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए एक सकारात्मक पहल है।



Ramkrishna Vajpei

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