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Hardoi News: प्रोफेसर ओ पी मिश्र की लिखी पुस्तक दर्द के ग्लेशियर के द्वितीय संस्करण को हुआ लोकार्पण
Hardoi News: हरदोई के कायाकल्प केंद्र में हुआ दर्द के ग्लेशियर पुस्तक का लोकार्पण बड़े भव्य तरीके से संपन्न हुआ।दर्द के ग्लेशियर पुस्तक को हरदोई के रहने वाले प्रोफेसर ओपी मिश्रा द्वारा लिखा गया है।
Hardoi News (Photo Social Media)
Hardoi News: हरदोई के कायाकल्प केंद्र में हुआ दर्द के ग्लेशियर पुस्तक का लोकार्पण बड़े भव्य तरीके से संपन्न हुआ।दर्द के ग्लेशियर पुस्तक को हरदोई के रहने वाले प्रोफेसर ओपी मिश्रा द्वारा लिखा गया है।इस पुस्तक में प्रोफेसर मिश्रा द्वारा कई जनपदों को लेकर वर्णन किया है। प्रोफेसर ओपी मिश्र इससे पहले भी एक पुस्तक लिख चुके हैं उसका यह दूसरा अध्याय है। काफी कम समय में प्रोफेसर ओपी मिश्र की पुस्तक लोगों में लोकप्रिय हो रही है। प्रोफेसर ओपी मिश्र शिक्षा क्षेत्र से जुड़े रहे साथ ही कई जनपदों में उनके द्वारा विद्यार्थियों को शिक्षा दी गई।पुस्तक का शीर्षक पुस्तक पढ़ने के शौकीन लोगों को अपनी और काफ़ी आकर्षित कर रहा है। प्रोफेसर मिश्रा ने कहा कि दर्द के ग्लेशियर पुस्तक में सत्यता और ऐतिहासिकता को लिखा गया है।
शहर के शहीद उद्यान में हुआ पुस्तक का लोकार्पण
हरदोई के शहीद उद्यान स्थित कायाकल्प केंद्र में प्रोफेसर ओपी मिश्र द्वारा लिखी गई पुस्तक दर्द के ग्लेशियर के द्वितीय संस्करण का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर प्रोफेसर ओपी मिश्रा ने मौजूद लोगों को जानकारी देते हुए कहा कि उनके द्वारा बनारस मथुरा हरदोई मुजफ्फरनगर गोला गोकरणनाथ में अध्यापन का कार्य किया है। इस अध्यापन के कार्य के दौरान उन्होंने समाज में रहते हुए अनेक व्यक्तियों घटनाओं दृश्य तथा परिस्थितियों को देखा और परखा है। प्रोफेसर ओपी मिश्रा ने कहा कि जिन स्थितियों में मन मस्तिष्क को उदलित किया वह प्रस्तुत कविताओं में फूट पड़े है।पुस्तक विमोचन की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर अखिलेश वाजपेई ने कहा कि प्रोफेसर मिश्रा का कार्य स्तुति है। उन्होंने कहा की पुस्तक का शीर्षक ही आकर्षण का कारण बना हुआ है। पुस्तक लोकार्पण के अवसर पर हरदोई के सीनियर नेचुरोपैथी डॉक्टर राजेश मिश्रा ने कहा कि मनुष्य को सामाजिक जीवन जीने के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है और ज्ञान पुस्तकों में भरा हुआ है बस पुस्तक खोलें और पढ़ें।राजेश मिश्रा ने कहा कि हम सबको विद्वान द्वारा लिखी गए साहित्य को अवश्य पढ़ाना चाहिए पुस्तक लोकार्पण के शुभ अवसर पर सुशील वर्मा द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई इस अवसर पर श्रवण कुमार मिश्रा ने मौजूद सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।