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Hardoi: अस्पताल में घायलों के इलाज के लिए नहीं धागा, ज़िम्मेदार बोले-अधिक है खपत, बाज़ार से लाकर हो रहा उपचार

Hardoi: जिला अस्पताल लगातार सुर्खियों में बना रहता है। मेडिकल कॉलेज होने के बाद भी संसाधनों का लगातार अभाव है। हालांकि मेडिकल कॉलेज बनने के बाद दावे संसाधनों के बढ़ाए जाने के किए जाते हैं।

Pulkit Sharma
Published on: 31 Dec 2023 5:56 PM IST
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हरदोई में अस्पताल में घायलों के इलाज के लिए नहीं धागा (न्यूजट्रैक)

Hardoi News: जिला अस्पताल लगातार सुर्खियों में बना रहता है। मेडिकल कॉलेज होने के बाद भी संसाधनों का लगातार अभाव है। हालांकि मेडिकल कॉलेज बनने के बाद दावे संसाधनों के बढ़ाए जाने के किए जाते हैं। मेडिकल कॉलेज बनने के साथ ही मरीज को मिलने वाली सुख सुविधाओं का अभाव चल रहा है। कभी दवाइयां का अभाव है तो कभी मशीनों का तो कभी मशीन है तो उनके संचालक का अभाव है। ऐसे में इन सब का दंश मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों को भुगतना पड़ता है।

लोगों को उम्मीद थी कि मेडिकल कॉलेज बनने के बाद लोगों को लखनऊ की दौड़ नहीं लगानी होगी और मेडिकल कॉलेज में बेहतर उपचार मिल सकेगा लेकिन लोगों के मंसूबों पर लगातार पानी फिर रहा है। हरदोई के मेडिकल कॉलेज में घायल मरीजों के टांके लगाने के लिए सुई व धागा तक उपलब्ध नहीं है। टाँके लगवाने के लिए मरीजों के तीमारदार बाजार से सुई व धागा लेकर आ रहे हैं तब जाकर मरीजों के टांके लगाए जा रहे हैं। ऐसे में यदि कोई अज्ञात व्यक्ति मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया जाता है तो महज़ औपचारिकताएं पूरी कर उसका इलाज किया जाता है। जिम्मेदार बताते हैं कि मेडिकल कॉलेज में टांका लगाने के लिए सुई धागे की खपत अधिक है। इसीलिए सूई व धागा समाप्त हो गया है।

कोहरे ने बढ़ाये सड़क हादसे, 200 खर्च कर लग रहे टाँके

जनपद में सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ा हुआ है साथ ही ठंड व कोहरे ने सड़क हादसों में इजाफा ला दिया है। जनपद में आए दिन सड़क हादसों में लोग बुरी तरह से घायल होते रहते हैं। ऐसे में मेडिकल कॉलेज पहुंचने वाले घायल मरीज को टाँका नहीं लग पा रहा है टाँका लगाने के लिए मरीजों के परिजन बाजार से सुई व धागा देकर आ रहे हैं जिसके बाद स्वास्थ्य कर्मी मरीजों को टाँके लगा रहे हैं। बाजार में सुई व धागा ₹200 खर्च कर मरीज के परिजन टांका लगवा रहे हैं। ऐसे में जब कभी कोई अज्ञात मरीज को भर्ती कराया जाता है उसे टाँके की आवश्यकता होती है तो स्वास्थ्य कर्मी महज पट्टी से काम चला दे रहे हैं। ऐसे में अज्ञात मरीज की जान पर बनती है। उसे अज्ञात मरीज को कोई भी देखने वाला नहीं होता।

राम भरोसे मेडिकल कॉलेज में उसका उपचार चलता है। बेहटागोकुल के ग्राम खनिगवा खुर्द के अंबद कुमार सड़क हादसे में घायल हो गए थे परिजनों बताया कि वह मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी कक्ष में लाए थे सर व पैर में चोट थी। डॉक्टर ने टांके लगाने की बात कही बाजार से जब ₹200 खर्च कर धागा व सुई लाई गई तब जाकर टांके लगे। बघौली के विपिन लाल भी हादसे का शिकार हुए थे परिजन उन्हें मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी में भर्ती कराया उनके सर पर चोट थी टांके लगाने के लिए मेडिकल कॉलेज में धागा व सुई उपलब्ध नहीं थी स्वास्थ्य कर्मियों ने ₹200 खर्च कर बाहर से सुई धागा लाने के लिए कहा इसके बाद परिजन बाजार से सुई धागा खरीद कर लाए तब जाकर टांके लग सके।

इस पूरे मामले पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर आर्य देश दीपक तिवारी ने बताया की धागे का उपयोग अधिक है इस वजह से धागे व सुई में कमी आई है। शासन को धागा व सुई उपलब्ध कराने के लिए डिमांड भेजी गई है। धागा व सुई आने पर दिक्कत दूर हो जाएगी।



Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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