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Hardoi News: सर्दी में होने वाले टॉन्सिल्स को ना करे नजरअंदाज, नहीं तो हो सकती है डिप्थीरिया नामक जानलेवा बीमारी

Hardoi News: हरदोई मेडिकल कॉलेज के नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विवेक सिंह ने बताया कि डिप्थीरिया नामक बीमारी का बचाव एकमात्र टीकाकरण है जिसे नियत समय पर बच्चों को लगवा देना चाहिए।

Pulkit Sharma
Published on: 4 Dec 2024 3:43 PM IST
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Hardoi News: हरदोई में डिप्थीरिया नाम की बीमारी अपना कहर मचा चुकी है।सर्दी में होने वाले टॉन्सिल्स भी डिप्थीरिया का कारण बन जाते हैं।डिप्थीरिया जानलेवा बीमारी है। डिप्थीरिया से बचाव के लिए सही समय पर टीकाकरण करना आवश्यक है।हरदोई में बीते कुछ महीनो में डिप्थीरिया से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ी थी जिन्हें डॉक्टर के कुशल पर्यवेक्षण में बेहतर उपचार उपलब्ध कराया गया है।

डिप्थीरिया नामक बीमारी बच्चों में देखी जाती है।बच्चो में अब इस बीमारी की कोई उम्र नहीं रही है। छोटे बच्चों से लेकर बड़े बच्चों तक डिप्थीरिया की शिकायत देखने को मिल रही है। डिप्थीरिया एक गंभीर संक्रमित बीमारी है जो नाक कान गले की श्लेष्मा झिल्ली को प्रभावित करती है। यह बीमारी आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच सकती है।

यह है लक्षण डिप्थीरिया के

हरदोई मेडिकल कॉलेज के नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विवेक सिंह ने बताया कि डिप्थीरिया नामक बीमारी का बचाव एकमात्र टीकाकरण है जिसे नियत समय पर बच्चों को लगवा देना चाहिए। डिप्थीरिया में मरीज को गले में दर्द तेज बुखार सूजी हुई लसीका ग्रंथियां बच्चों को खाना निगलने में दिक्कत कमजोरी जैसी शिकायतें सामने आती हैं। डॉ विवेक सिंह ने बताया कि बच्चों के जन्म के छठवें सप्ताह, दसवें सप्ताह , 14 सप्ताह में टीकाकरण कराया जाना आवश्यक है। इसके बाद पहला बूस्टर डोज 16 से 24 माह दिया जाना चाहिए और दूसरा बूस्टर डोज 5 से 6 साल पर देना चाहिए। इससे डिप्थीरिया के चांस ना के बराबर हो जाते हैं।



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Shalini singh

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