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Hardoi News: सात साल बाद भी नहीं शुरू हो सका ट्रामा सेंटर, करोड़ों की लागत से तैयार हुआ भवन
Hardoi News: जनपद के मरीज को बेहतर सुविधा देने के लिए हरदोई लखनऊ राज्य मार्ग पर नए गांव के पास 100 बेड का एक अस्पताल बनाया गया साथ ही एक ट्रामा सेंटर का भी निर्माण हुआ।
Hardoi News: स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली का ख़ामियाज़ा मरीजो को उठाना पड़ रहा है। हरदोई में सड़क हादसों का ग्राफ दिन पर दिन बढ़ रहा है, ऐसे में सीएचसी और फिर जिला अस्पताल या फिर कहे मेडिकल कॉलेज पहुंचने वाले गंभीर मरीज का डॉक्टर हरदोई में उपचार करने में असफल हैं। डॉक्टर द्वारा मरीज की हालत को जरा भी क्रिटिकल देखते हुए उसे ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया जाता है। जबकि लगातार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जनपद में ही स्वास्थ्य सुविधाओं का हवाला देते रहते हैं।
लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर लगातार स्वास्थ्य महकने को हाईटेक बनाने का काम विभाग द्वारा किया जा रहा है लेकिन कई साल बीतने के बाद भी अब तक हादसो में घायल या क्रिटिकल मरीजों का हरदोई में उपचार नहीं हो पा रहा हैं। जनपद के मरीज को बेहतर सुविधा देने के लिए हरदोई लखनऊ राज्य मार्ग पर नए गांव के पास 100 बेड का एक अस्पताल बनाया गया साथ ही एक ट्रामा सेंटर का भी निर्माण हुआ। निर्माण के बाद भी मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा हैं जिसके बाद कोविड का दौर शुरू हुआ और ट्रॉमा सेंटर को कोविड अस्पताल बना दिया गया। जनपद के लोगों को अभी बंद पड़े ट्रामा सेंटर के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार है लेकिन जिम्मेदार है कि ट्रामा सेंटर के संचालन की जिम्मेदारी लेने को तैयार ही नहीं है।
तीन करोड़ की लागत से बना था ट्रामा सेंटर
हरदोई में लगभग 7 वर्ष पहले लगभग 3 करोड़ की लागत से हरदोई लखनऊ राजमार्ग पर ट्रामा सेंटर का निर्माण कराया गया था। ट्रामा सेंटर के निर्माण का उद्देश्य यह था कि हरदोई से रेफर होने वाले मरीजों को लखनऊ की दौड़ से बचाया जा सके साथ ही गंभीर रूप से घायल मरीज या क्रिटिकल मरीजों का हरदोई में ही इलाज हो सके लेकिन निर्माण के बाद से ही ट्रामा सेंटर में एक भी मरीज भर्ती नहीं हो सका।
ट्रामा सेंटर के शुरू न होने के पीछे का कारण जो सामने आ रहा है वह यह है कि हरदोई का जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज को सुपुर्द किया गया था जिसके साथ ही ट्रामा सेंटर की भी जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेज को ही दी गई थी लेकिन समय बीतने के साथ अब तक ट्रामा सेंटर का संचालन शुरू नहीं किया जा सका है। इसको लेकर जब मेडिकल कॉलेज के प्रचार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ट्रामा सेंटर के संचालन की जिम्मेदारी सीएमओ की है। सीएमओ ने ट्रामा सेंटर के संचालक को लेकर अपना पडला झाड़ते हुए कहा कि इस बाबत उन्हें कोई जानकारी नहीं है। सीएमओ व मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के बीच पेंच फसे होने से जनपद के मरीजों को लखनऊ की दौड़ लगानी पड़ रही है।
हरदोई के ट्रामा सेंटर में सर पर गंभीर चोट के मरीजों को बेहतर इलाज को लेकर एक ऑर्थोपेडिक, सर्जन, एनेस्थेटिक, हृदय रोग विशेषज्ञ, तीन संविदा डॉक्टर समेत कई टकनीशियन व स्वास्थकर्मियों की तैनाती है। ट्रामा सेंटर में 20 बेड की व्यवस्था है इसके अलावा वेंटीलेटर, एक्स-रे मशीन, ऑपरेशन कक्ष समेत अन्य कई महत्वपूर्ण सुविधा भी मौजूद हैं। ट्रामा सेंटर के जनपद में शुरू न होने के कारण प्रतिवर्ष 1500 से 2000 मैरिज लखनऊ रेफर होते हैं।