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Hardoi News: सात्विक ने रेलवे की नौकरी छोड़ UPPCS में पाया तीसरा स्थान, परिजन ख़ुशी से झूमें
UPPCS Result 2023: सात्विक की सफलता पर घर पर रिश्तेदारों मोहल्ले वासियों के आने-जाने और बधाई देने का क्रम जारी है। कुछ लोग सात्विक की कामयाबी पर उन्हें फोन कर बधाई दे रहे हैं।
UPPCS Result: उत्तर प्रदेश की पहचान देश के कई कोनों में माफिया गिरी, गुंडागर्दी के तौर पर होती है। लेकिन उत्तर प्रदेश की पहचान अब सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकास कार्यों और उत्तर प्रदेश के होनहारों के बढ़ते कदमों से हो रही है। उत्तर प्रदेश में बीते महीना में कई टॉप क्लास आईएएस, आईपीएस, पीसीएस दिए हैं। उत्तर प्रदेश का युवा भी अब शिक्षा की ओर बढ़ चला है सरकार द्वारा शिक्षा को लेकर चलाए जा रहे तमाम प्रयास सार्थक होते नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में एक और सफलता मिली है।
इन सबके बीच शिक्षा के मामले में हरदोई जनपद भी प्रदेश में नाम रोशन कर रहा है। हरदोई जनपद के रहने वाले कई युवा वयुवतियाँ प्रदेश के साथ देश में बड़ा मुकाम हासिल कर चुके हैं वहीं कई होनहार इस मुकाम को हासिल करने के प्रयास में है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हरदोई शहर के रहने वाले सात्विक श्रीवास्तव ने। रेलवे की नौकरी छोड़ सार्थक ने कड़ी मेहनत की और आज प्रदेश में यूपीएससी में तीसरा स्थान प्राप्त कर जनपद और प्रदेश का मान बढ़ाया है। जैसे ही यूपीएससी रिजल्ट की घोषणा हुई उसमें हरदोई शहर के रहने वाले सात्विक श्रीवास्तव का नाम तीसरे नंबर पर होने से उनके परिजनों व रिश्तेदारों में खुशी की लहर दौड़ गई। शाम से ही उनके घर पर रिश्तेदारों मोहल्ले वासियों के आने-जाने और बधाई देने का क्रम जारी है। कुछ लोग सार्थक की कामयाबी पर उन्हें फोन कर बधाई दे रहे हैं।
तीसरे एटेम्प्ट में उत्तीर्ण किया पीसीएस
शहर के धर्मशाला रोड पर नवीपूर्वा के रहने वाले जगदीश श्रीवास्तव व चित्रा श्रीवास्तव की इकलौती संतान सात्विक श्रीवास्तव ने यूपीएससी में तीसरा स्थान प्राप्त कर अपने जनपद का नाम रोशन किया है। सात्विक के पिता कचहरी में दस्तावेज लेखक हैं वही सात्विक की मां ग्रहणी है। सात्विक का जन्म हरदोई में 30 दिसंबर 1998 को हुआ था। सात्विक ने अपनी पहली शिक्षा शहर के ही सेंट जेवियर्स स्कूल से शुरू की थी। सेंट जेवियर से ही सात्विक ने 2013 में हाई स्कूल की परीक्षा 10 सीजीपीए से उत्तीर्ण की वह वर्ष 2015 में इसी विद्यालय से 94.8 फ़ीसदी अंक प्राप्त कर इंटरमीडिएट उत्तीर्ण हुए। सात्विक का सफर यहीं नहीं रुक सात्विक पढ़ाई में काफी रुचि दिखाते थे इसके लिए उनका दाखिला वर्ष 2016 में एनआईटी जयपुर में हुआ वहां से सात्विक ने 2020 में इंजीनियरिंग पूरी कर ली। सात्विक को शुरू से ही देश सेवा की ललक थी। इसके लिए सात्विक शुरू से ही पीसीएस की तैयारी करना चाह रहे थे।
दो सप्ताह बाद ही छोड़ दी नौकरी
सात्विक ने 2021 में यूपीपीसीएस की परीक्षा दी लेकिन उस परीक्षा में प्रीलिम्स ही क्लियर नहीं हुआ। सात्विक ने इसके बाद रेलवे में जूनियर इंजीनियर के पद को लेकर निकली वैकेंसी में फॉर्म डाला और इस परीक्षा को उत्तीर्ण कर वह रेलवे में जूनियर इंजीनियर पद पर काबिज हुए। सात्विक की इलाहाबाद में 14 दिन की रेलवे द्वारा ट्रेनिंग भी कराई गई। इसके बाद सात्विक को बांदा में पोस्टिंग दी गई। रेलवे में जूनियर इंजीनियर पद पर नौकरी लगने के 14 दिन बाद यूपीपीसीएस का प्रीलिम्स का एग्जाम लगा था।यूपीपीसीएस की ललक के चलते सात्विक ने पढ़ाई पर फोकस करने के लिए रेलवे की नौकरी दो सप्ताह बाद ही छोड़ दी और पुनः पढ़ाई पर ध्यान देने लगे लेकिन सात्विक के आगे अभी और चुनौतियां खड़ी थी।
दो प्रयासों के बाद मिली सफलता
सात्विक का प्रीलिम्स दूसरी बार भी क्लियर नहीं हुआ। ऐसे में सात्विक दोराहे पर आकर खड़ा हो गया। सात्विक ने एक तो रेलवे की नौकरी छोड़ दी ऊपर से प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं हुआ लेकिन सात्विक ने हार नहीं मानी और अपने पठन-पाठन को बदला और पुनः यूपीपीसीएस के प्रीलिम्स परीक्षा के प्रयास में जुट गया। वर्ष 2023 में 14 मई को पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा हुई थी जिसमें सात्विक ने देश में तीसरा स्थान प्राप्त कर प्रदेश व जनपद का नाम गर्व से ऊँचा किया। सात्विक अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता के साथ अपने मेंटर आशुतोष श्रीवास्तव को देते हैं। सात्विक के पीसीएस बनने के बाद से उनके घर पर परिजनों का जमावड़ा लगा हुआ है। रिश्तेदार फोन पर सात्विक को बधाई लगातार दे रहे हैं। इसके साथ ही जनपद के लोगों ने भी सात्विक को उनके उज्जवल भविष्य की बधाई दी है।