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Hardoi News: डीआरएम ने माना सोशल मीडिया को सच, ले लिया ताबड़तोड़ एक्शन
Hardoi News: हरदोई रेलवे स्टेशन पर चल रहे निर्माण कार्य में खराब गुणवत्ता वाली ईट और मौरंग के स्थान पर ज्यादातर डस्ट का प्रयोग किया जा रहा है और यह सब कार्य हरदोई के उच्च अधिकारियों की नाक के नीचे हो रहा है।
Hardoi News: हरदोई रेलवे स्टेशन में अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्य में अधोमानक सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। इसकी शिकायत सोशल मीडिया के माध्यम से की गई थी। स्टेशन पर चल रहा है निर्माण कार्य में अधोमानक सामग्री के प्रयोग को मंडल रेल प्रबंधक ने भी स्वीकार किया है। सोशल मीडिया पर हुई शिकायत पर मंडल एक प्रबंधक ने अधोमानक सामग्री के प्रयोग किए जाने की बात को स्वीकारते हुए जांच के बाद उसे हटा देने की बात कही है।
हरदोई रेलवे स्टेशन पर प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट अमृत भारत स्टेशन योजना का कार्य 30 करोड़ की लागत से कराया जा रहा है लेकिन हरदोई रेलवे स्टेशन के निर्माण कार्य में लगातार रेल अधिकारियों की मिली भगत से ठेकेदार अधोमानक सामग्री का प्रयोग कर रहे हैं। हरदोई रेलवे स्टेशन पर चल रहे निर्माण कार्य में खराब गुणवत्ता वाली ईट और मौरंग के स्थान पर ज्यादातर डस्ट का प्रयोग किया जा रहा है और यह सब कार्य हरदोई के उच्च अधिकारियों की नाक के नीचे हो रहा है। हरदोई रेलवे स्टेशन के निर्माण का जिम्मा देखने वाले एडीईएन फर्स्ट ,आईओडब्लू व स्टेशन अधीक्षक इन सब बातों से अनजान है।
हरदोई रेलवे स्टेशन पर अधोमानक निर्माण सामग्री का प्रयोग होने के पीछे कहीं ना कहीं इन अधिकारियों की लापरवाही है। हरदोई रेलवे स्टेशन के अधिकारियों के चलते प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को जिम्मेदार पलीता लगा रहे हैं।घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग कर काफी हद तक जिम्मेदारों ने निर्माण भी कर दिया है। अब सवाल है कि जब अधोमानक सामग्री का प्रयोग होकर निर्माण हो गया है उसकी जिम्मेदारी मंडल से लेकर हरदोई रेलवे स्टेशन तक कौन अधिकारी लेगा।इसके साथ स्टेशन पर होने वाले निर्माण की गुणवत्ता और कार्य पर क्षेत्र के लोग कैसे विश्वास कर पाएंगे। जब अधिकारी जानकर अनजान बन जाते हैं।हरदोई स्टेशन के अधिकारी मंडल के अधिकारियों को बरगलाने में कितना कामयाब होते है
स्टेशन अधीक्षक ADEN कार्यालय से चंद कदमों की दूरी पर हो रहा इस्तेमाल
सोशल मीडिया पर हरदोई रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत चले निर्माण कार्य में मौरंग के स्थान पर डस्ट का प्रयोग होने और खराब ईटों को लगाने की शिकायत सोशल मीडिया के माध्यम से रेलवे के अधिकारियों से हुई थी जिस पर मंडल रेल प्रबंधक द्वारा सोशल मीडिया पर दिए गए जवाब में बताया गया कि कार्य मानक अनुरूप किया जा रहा है। निर्माण कार्य के लिए लाया गया मटेरियल जांच के उपरांत ही प्रयोग किया जाता है। कार्यस्थल पर मौजूद सामग्री जांच के उपरांत उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया है। उसे कार्यस्थल से हटा दिया जाएगा। मंडल रेल प्रबंधक द्वारा सोशल मीडिया पर दिए गए जवाब से साफ प्रतीत होता है कि स्टेशन में प्रयोग की जा रही सामग्री घटिया और अधोमानक है।
ऐसे में कहीं ना कहीं हरदोई रेलवे स्टेशन के उच्च अधिकारियों की लापरवाही उजागर हो रही है। स्टेशन पर घटिया सामग्री के प्रयोग होने पर क्या मंडल रेल प्रबंधक हरदोई के उच्च अधिकारियों की जवाब देही तय करेंगे या एक बार फिर अपने हरदोई के चहते अधिकारियों को मंडल रेल प्रबंधक बचा ले जाएंगे।
हरदोई रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ के पीछे बनी बिल्डिंग में भी घटिया सामग्री और ईटों का प्रयोग हुआ है।अब देखने वाली बात यह होगी कि अब तक हो चुका निर्माण कब तक अपनी बुनियाद को मजबूत बना कर रख पाता है और इसके आगे होने वाला निर्माण में क्या मंडल उच्च अधिकारी गुणवत्ता का ध्यान रखेंगे या अमृत भारत स्टेशन योजना में आए 30 करोड रुपए में जमकर कमीशन का खेल चलेगा। सूत्र बताते है कि हरदोई स्टेशन पर निर्माण में प्रयोग के लिए कई ट्रक डस्ट लाई जा चुकी है।