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Hardoi News: आवास के लिए दर-दर भटक रहे ग्रामीण, झोपड़ी में हैं रहने को मजबूर, योजनाएं सिर्फ कागज पर
Hardoi News: जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते लाभार्थियों को अभी तक नहीं मिल सके आवास! दर्जनों ग्रामीणों ने आवास न मिलने को लेकर बयां किया अपना दर्द। दशकों बीत जाने के बाद भी लाभार्थियों को ना मिल सका आवास।
Hardoi News: दशकों गुजर जाने के बाद भी अभी तक लाभार्थियों को आवास नहीं मिल सका। जो अभी तक सरकार की योजना से कोसों दूर भटक रहे हैं। आपको बताते चलें कि विकासखंड कोथावां के ग्राम पंचायत आंट-सांट के मजरे अंटा, आंट, कोड़री, गरखड़ी, साता, लखन पुरवा के लोगों ने आवास ना मिलने की बात कही है। जबकि लाभार्थियों ने आवास को लेकर जिम्मेदारों को पहले से कई बार अवगत कराया था। उसके बावजूद भी आज तक आवास न मिलने के चलते तमाम गरीब असहाय लोग कच्चे घर व त्रिपाल के नीचे जिंदगी काटने पर विवश हैं। अंटा गांव के मधुरानी पत्नी देशराज ने बताया कि दशकों से गांव के बाहर खेत में झोपड़ी में रहकर जीवन यापन करते हैं।
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5 लोगों का परिवार है, बरसात के मौसम में बारिश में पानी टपकता रहता है। जिम्मेदारों से आवास के लिए कई बार कहा, लेकिन अनसुना कर दिया। वहीं खराड़ी गांव निवासी विश्राम पुत्र सेवा ने आवास न मिलने को लेकर आंखों से आंसू टपक पड़े। बताया पूरा जीवन झोपड़ी में बीत गया। कई बार आवास के लिए जिम्मेदारों से कहा गया। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई न हो सकी।
इस टूटी हुई झोपड़ी में बरसात के समय में घर में महिलाओं को रोटी बनाना दुश्वार हो जाता है। सरकार हमें भी पक्की छत दें। सरला पत्नी राम चंद्र, रेखावती पत्नी रामसेवक, संदीप पुत्र इंद्रपाल, अमित पुत्र इंद्रपाल, कमलेश छोटे जैसे तमाम लाभार्थी आवास के लिए दर-दर भटक रहे हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
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क्या बोले जिम्मेदार
विकास खंड अधिकारी पंकज यादव ने बताया कि लाभार्थी अपना प्रार्थना पत्र दें। पात्रता की जांच होगी। वर्तमान में योजना है पी.डब्ल्यू.एल. के तहत पात्रता के आधार पर आवास मुहैया हो रहे हैं। वहीं प्रधान से फोन कॉल पर संपर्क नहीं हो पाया।