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Hardoi: ग्रामीण क्षेत्रों में बने कूड़ा निस्तारण केंद्र छह माह बाद भी नहीं हुए संचालित, करोड़ों की लागत से हुआ निर्माण
Hardoi: गांव में सूखा और गीला कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते बेपटरी है। जनपद में 705 ग्राम पंचायत में 66 करोड़ से अधिक की लागत से रिकवरी रिसोर्स सेंटर का निर्माण कराया गया।
Hardoi News: जनपद को साफ और स्वच्छ बनाए रखने के लिए लगातार कार्य किया जा रहे हैं। नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक को स्वच्छ बनाए रखने के लिए कूड़ा निस्तारण केंद्र बनाए गए हैं हालांकि बनने के साथी शुरू होने तक केंद्र लगातार सवालों के घेरे में है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक का कूड़ा निस्तारण में जिम्मेदारों के पसीने छूट रहे हैं। शहर के कई स्थानों पर घरों से निकलने वाला कूड़ा एकत्र किया जाता है। जहां से उठने वाली दुर्गंध से लोगों का निकलना दुर्भर हो जाता है।
ऐसा ही कुछ हाल हरदोई जनपद के ग्रामीण क्षेत्र का भी है जहां 66 करोड़ से 705 कूड़ा निस्तारण केंद्र तो बना लिए गए लेकिन वह केंद्र अब तक शुरू नहीं हुए हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में जगह-जगह गंदगी और कूड़े का अंबार देखने को मिल जाएगा। जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों में कूड़ा निस्तारण के लिए 705 ग्राम पंचायत में कूड़ा निस्तारण केंद्र बनाए गए हैं। लेकिन यह केंद्र जिम्मेदारों की लापरवाही और अनदेखी के चलते अब तक शुरू नहीं हो सके हैं।
66 करोड़ से अधिक की धनराशि से बने कूड़ा निस्तारण केंद्र
गांव में सूखा और गीला कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते बेपटरी है। जनपद में 705 ग्राम पंचायत में 66 करोड़ से अधिक की लागत से रिकवरी रिसोर्स सेंटर का निर्माण कराया गया। जहां कूड़ा का निस्तारण किया जाना था लेकिन अधिकारियों और जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते ऐसा नहीं हो पा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत रिकवरी रिसोर्ट सेंटर का निर्माण कराया गया था। ग्रामीण क्षेत्रों में रिकवरी रिसोर्स सेंटर को बनवाने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों और पंचायत सचिव को दी गई थी।
जनपद में 757 में से 705 ग्राम पंचायत में रिकवरी रिसोर्ट सेंटर बन गए हैं। इनको बने भी करीब लगभग 6 महीने बीत गए हैं लेकिन अब तक इनका संचालन शुरू नहीं हो पाया है। रिकवरी रिसोर्ट सेंटर के लिए शासन से 66 करोड़ 97 लाख 75000 से अधिक रुपए खर्च किए गए हैं। कूड़ा निस्तारण केंद्र के शुरू न होने से सार्वजनिक स्थानों सहित घरों से निकलने वाला कूड़ा का निस्तारण नहीं हो पा रहा है।डीपीआरओ विनय कुमार सिंह ने बताया कि आरसीसी बनवाए जाने का उद्देश्य अच्छा है।
प्रधान और पंचायत सचिवों को काम करने के साथ ही संचालन का भी जिम्मा दिया गया है। आरसीसी बनवा लेने वाली ग्राम पंचायत में निरीक्षण किया जा रहा है। प्रधान और पंचायत सचिव को संचालन जल्द कराने के लिए हिदायत भी दी जा रही है ताकि घर पर कूड़ा एकत्र कराकर उसका निस्तारण किया जा सके। ऐसा न करने वाले प्रधानों और पंचायत सचिवों के विरुद्ध जवाब देही तय की जाएगी।