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Hardoi News: हरदोई में जानें क्यों नहीं दी जाती क़ैदियों को फाँसी, क्या है वजह?

Hardoi News: आज तक के इतिहास में हरदोई में किसी को भी फांसी की सजा नहीं हुई है। हरदोई जिला कारागार में कैदियों को रखने की क्षमता लगभग 1400 के आसपास है। 400 साल से हरदोई में किसी को भी फांसी की सजा नहीं दी गई है।

Pulkit Sharma
Published on: 12 April 2024 2:27 PM IST
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हरदोई बाबा मंदिर (Pic: Newstrack) 

Hardoi News: हरदोई में एक ऐसा मंदिर है जिसकी जनपद के साथ-साथ आसपास के जिलों में भी मान्यता है। यहां जनपद के कोने-कोने से श्रद्धालु आकर मांगलिक कार्यक्रम संपन्न कराते हैं। हम बात कर रहे हैं शहर में बने हरदोई बाबा मंदिर की। इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां पर बिना आए किसी के घर मांगलिक कार्यक्रम पूरे नहीं होते हैं। उसके साथ यहां के एक विशेष मान्यता यह है कि इस मंदिर के हरदोई जनपद में होने के चलते यहां पर किसी भी कैदी को फांसी की सजा नहीं दी जाती है।

आज तक के इतिहास में हरदोई में किसी को भी फांसी की सजा नहीं हुई है। हरदोई जिला कारागार में कैदियों को रखने की क्षमता लगभग 1400 के आसपास है। 400 साल से हरदोई में किसी को भी फांसी की सजा नहीं दी गई है। यदि किसी को हरदोई के न्यायालय फांसी की सजा सुनाती है तो उसे दूसरे जनपद में ले जाकर फांसी दी जाती है। इसके पीछे हरदोई बाबा मंदिर की एक बहुत बड़ी मान्यता है जो आज तक चली आ रही है। हरदोई बाबा मंदिर के दर्शन के लिए लोग लखनऊ, सीतापुर, बरेली और कानपुर सहित तमाम जनपदों से यहां पहुंचते है।

जेलर के सपने में आए थे हरदोई बाबा

शहर में बने हरदोई बाबा मंदिर कि जनपद में बड़ी ही मानता है और काफी प्रसिद्ध मंदिर है। यहां पर बच्चों के मुंडन, अन्नप्राशन समेत अन्य कई कार्यक्रम संपन्न कराए जाते हैं। दूर-दूर से लोग यहां पर अपने बच्चों का मुंडन और अन्नप्राशन कराने के लिए आते हैं। इस मंदिर की जो सबसे खास बात है वो यह है कि इस मंदिर के चलते हरदोई में आज तक कभी भी किसी कैदी को फांसी की सजा नहीं दी गई है। इसके साथ ही हरदोई जिला कारागार में फांसी लगाने वाला तख्ता ही नहीं है।

मंदिर के पुजारी बताते हैं कि एक बार न्यायालय द्वारा एक निर्दोष को फांसी की सजा सुना दी थी, फांसी की सजा होने से परेशान व्यक्ति हरदोई बाबा के पास पहुंचता है और अपनी परेशानी को बताता हैं। हरदोई बाबा ने उसको आश्वस्त करते हुए कहा थी कि तुम्हें फांसी नहीं होगी। हरदोई बाबा ने इस संदर्भ में अंग्रेजी शासन के जेलर को भी कहा था। लेकिन, न्यायालय के आदेश और अंग्रेजी शासन होने के चलते जेलर ने हरदोई बाबा की बात नहीं मानी और उस शख्स को ले जाकर हरदोई जिला कारागार के फांसी के तख़्त पर लटका दिया। जैसे ही उस शख्स को फांसी के तख्ते पर लटकाया गया तख़्त पलट गया और युवक सुरक्षित बच गया।

पुजारी ने बताया कि इसके बाद जेलर के सपने में हरदोई बाबा आए और जिला कारागार में बने फांसी के तख़्ते को हटाने की बात कही। हरदोई बाबा के सपने में आने से डरे जेलर ने जिला कारागार में बना फांसी का तख़्ते को हटाकर फतेहगढ़ स्थापित कर दिया। इसके बाद से हरदोई जिला कारागार में किसी को भी फांसी की सजा नहीं दी गई। यदि किसी कैदी को न्यायालय द्वारा फांसी की सजा दी गई तो उसको फतेहगढ़ ले जाकर दी गई। मंदिर के पुजारी ने बताया कि हरदोई बाबा का इतिहास लगभग 400 वर्ष पुराना है। दूर-दूर से लोग यहां हरदोई बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। जो भी भक्त सच्चे मन से हरदोई बाबा से जो कुछ मांगता है हरदोई बाबा उसके मन की मुराद जरूर पूरी करते हैं।



Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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