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Hardoi News: ड्रैगन फ्रूट की खेती से मिल रहा मुनाफ़ा सुन रह जायेंगे हैरान, गुणकारी फल के हैं कई फ़ायदे
Hardoi News: हरदोई में एक किसान ने ड्रैगन फ्रूट की खेती करके प्रदेश का नाम रोशन किया है। वहीं ड्रैगन फ्रूट्स की खेती करके लाखों रुपए भी कमा रहे हैं।
Hardoi News: 2020 में आए कोरोना संक्रमण ने भारत में लोगों को जीवनयापन के नए तरीकों को सिखाया। कोरोना संक्रमण के बाद प्राइवेट कंपनी में नौकरी कर रहे लोग अब व्यापार और खेती की ओर बढ़ रहे हैं। लोग अब वापस नौकरी पर लौटना नहीं चाहते वहीं कुछ युवाओं ने तो कोरोना संक्रमण के बाद अपने हुनर को इस तरह से उभारा की आज वह देश भर में प्रसिद्ध हैं। युवाओं के बाद अगर किसी ने आत्मनिर्भर बनने का प्रयास किया तो वह किसान हैं।
कोरोना संक्रमण के बीच देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को आत्मनिर्भर बनने और लोकल फॉर वोकल को लेकर जागरूक करने का काम किया था। प्रधानमंत्री की इस जागरूकता का असर हरदोई जनपद में भी देखने को मिला। हरदोई में आज कई किसान ऐसे हैं जो आत्मनिर्भर हैं। लोकल का वोकल को अपनाते हुए स्वदेशी तरीके से किसानों ने खेती शुरू की। कई किसानों ने ऐसा कुछ कर दिखाया जिससे कि कम लागत में आज लाखों रुपए कमा रहे हैं।
ऐसे ही एक किसान ने ड्रैगन फ्रूट की खेती करके प्रदेश में अपना नाम रोशन किया है। वहीं ड्रैगन फ्रूट्स की खेती करके लाखों रुपए भी कमा रहे हैं। शुरुआत में कम जगह पर ड्रैगन फ्रूट की खेती को शुरू किया था लेकिन जब इसका मुनाफा देखा तो खेती का दायरा और मेहनत दोनों ही बढ़ा दी। ड्रैगन फ्रूट को पहले भारत में कोई नहीं जानता था लेकिन बीते कुछ सालों से भारत में भी ड्रैगन फ्रूट खाया जाने लगा है।
सेहत के लिए काफी फायदेमंद है ड्रैगन फ्रूट
ड्रैगन फ्रूट में कैंसर जैसे घातक बीमारी को रोकने की क्षमता होती है। इसके अलावा शरीर में इम्यूनिटी को बढ़ाने, पाचन को बेहतर बनाने, शरीर के सबसे अहम अंग हृदय को स्वस्थ रखने, बालों के साथ हमारे शरीर की त्वचा को स्वस्थ रखने के साथ हमारे शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए काफी लाभप्रद होता है। इसी का नतीजा है कि अब भारत में भी ड्रैगन फ्रूट की मांग तेजी से बढ़ती जा रही है। भारत के अंदर ड्रैगन फ्रूट विदेश से मंगाया जा रहा था लेकिन अब भारत में ही कुछ किसानों ने इसकी खेती शुरू कर दी है। बाजार मूल पर ड्रैगन फ्रूट काफी महंगा बिकता है।
घर चलाने की लिए की प्राइवेट नौकरी
हरदोई जनपद के भरावन विकासखंड के पहाड़पुर गांव के रहने वाले किसान बेचेलाल के तीन पुत्र थे। जिसमें से उनके सबसे बड़े पुत्र ओमप्रकाश मौर्य ने बताया कि उनके पिता के पास मात्र 7 बीघा खेत है। इस 7 बीघा खेत से उनके परिवार का पालन पोषण चलता है। कभी-कभी 7 बीघा खेत से जीवन व्यापन करना भी मुश्किल हो जाता था। इसलिए उन्होंने स्नातक तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद पढ़ाई को छोड़ दिया और कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी करने लगे जिससे कि परिवार चल सके लेकिन वहां तनख्वाह कम होने के चलते कुछ दिन बाद नौकरी को भी अलविदा कह दिया और अपने गांव वापस आ गए।
फ़ैज़ाबाद कृषि मेले में दिखा था ड्रैंगन फ्रूट
ओमप्रकाश ने बताया की गांव वापस आने के बाद काफी परेशान थे कि आगे भविष्य कैसे चलेगा। परिवार का पालन पोषण कैसे होगा। ओमप्रकाश ने बताया कि इसी बीच उनके पिता उनको अपने साथ फैजाबाद में कृषि विभाग द्वारा लगाए जाने वाले कृषि मेले में चलने को कहा जहां पहुंचकर उन्होंने देखा कि एक किसान ड्रैगन फ्रूट का स्टाल लगाए हुए था। भारत के अंदर ड्रैगन फ्रूट को देख वह काफी आश्चर्यचकित रह गए।
उसके बाद उनके द्वारा स्टाल पर जाकर स्टाल संचालक से उसके लाभ से संबंधित जानकारियां ली बाद में वहां से ₹300 देकर एक ड्रैगन फ्रूट का पौधा ले आए और अपने खेत में लगा दिया।कुछ दिन ड्रैगन फ्रूट के पौधे की देखभाल व मेहनत करने के बाद उसमें फूल आए और उसके बाद फल। इसके बाद उनकी हिम्मत को बढ़ावा मिला तब उन्होंने गुजरात की एक नर्सरी से ऑनलाइन पौधे मँगवाये जो कि उनको महज़ ₹50 में पड़े। इसके बाद से ही ओमप्रकाश मौर्य ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे है और किसानों से संपर्क करके अधिक जानकारियां जुटा रहे है।
ढाई कुंतल निकला फल
गुजरात से पौधे मंगाने के बाद ओमप्रकाश मौर्य ने तीन बीघे खेत में 300 पिलर की खेती शुरू की जिसका अनुमानित खर्च लगभग ₹1200 के आसपास आया। ओमप्रकाश ने बताया कि एक पिलर पर चार पौधे लगाए जाते हैं। ड्रैगन की खेती में 6 महीने खाद पानी करने के बाद उसमें फुल आए और फिर उसमें धीरे-धीरे करके फल बनने लगे। ओम प्रकाश ने बताया कि कुछ पौधों में फल आने के बाद वह उन फलों को तोड़कर हरदोई के बाजार में लगने वाले बड़े ठेलों पर पहुंचे जहां उन्होंने अपने फल को बेचने के लिए दुकानदारों से बात की। कुछ फल ठेलों पर रख दिए। इसके बाद ड्रैगन फ्रूट की मांग बढ़ गई।
दुकानदारों द्वारा लगातार ड्रैगन फ्रूट की मांग की जाने लगी। ओम प्रकाश ने बताया कि करीब तीन बीघे की फसल में ढाई कुंतल ड्रैगन फ्रूट निकले। ड्रैगन फ्रूट की बाजार में कीमत 200 से लेकर ढाई सौ रुपए प्रति किलो है। ओम प्रकाश ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए वह केवल प्राकृतिक खाद का ही प्रयोग करते हैं साथ ही खेती के लिए वह कृषि विभाग के विशेषज्ञों की भी समय-समय पर सहायता लेते रहते हैं। कृषि विभाग से भी उन्हें काफी लाभ मिलता है।