Harishankari Week: वन विभाग एवं लोक भारती की पहल, हरिशंकरी सप्ताह का शुभारंभ

Harishankari Week: लोक भारती एवं उत्तर प्रदेश के वन एवं पर्यावरण विभाग की ओर से 8-15 अगस्त तक आयोजित हरिशंकरी सप्ताह का शुभारंभ किया।

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Newstrack Network
Published on: 8 Aug 2022 4:12 PM GMT
Lucknow News In Hindi
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Harishankari Week: वन विभाग एवं लोक भारती की पहल

Harishankari Week: लोक भारती (Lok Bharti) एवं उत्तर प्रदेश के वन एवं पर्यावरण विभाग (Forest and Environment Department) की ओर से 8-15 अगस्त तक आयोजित हरिशंकरी सप्ताह का शुभारंभ (Harishankari week begins) वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना (Forest Minister Dr. Arun Kumar Saxena) द्वारा किया गया। सुल्तानपुर रोड पर स्थित ब्रहमकुमारी आश्रम में संपन्न इस आयोजन में वन मंत्री ने हरिशंकरी का रोपण किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना (Forest Minister Dr. Arun Kumar Saxena) ने कहा कि हरिशंकरी अर्थात पीपल, बरगद और पाकड़ के रोपण से हमें ऑक्सीजन तो मिलता ही है, इनके जड़ों द्वारा भूगर्भ जल भी संरक्षित होता है। इनकी सघन छाया एवं फलों से मानव और पशु-पक्षियों को संरक्षण मिलता है। हरिशंकरी का अधिकाधिक रोपण करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।

इसी को ध्यान में रखकर आजादी के इस अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) में लोक भारती के सहयोग से वन विभाग ने उत्तर प्रदेश के समस्त मंडल मुख्यालयों पर 75-75 हरिषंकरी रोपित करने के साथ अधिकाधिक स्थानों पर हरिषंकरी रोपण का वृहद अभियान आरंभ किया गया है। इसके अंतर्गत केवल लखनऊ में 7500 हरिशंकरी का रोपण किया जाना है।


8 अगस्त को प्रदेश भर में हरिषंकरी सप्ताह की शुरुआत: श्री कृष्ण चौधरी

इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं पर्यावरण प्रेमियों को सम्बोधित करते हुए लोक भारती के सम्पर्क प्रमुख श्री कृष्ण चौधरी (Lok Bharti Sampark Pramukh Shri Krishna Choudhary) ने बताया कि आज 8 अगस्त को प्रदेश भर में हरिषंकरी सप्ताह की शुरुआत हुई है। सरकार और समाज की इस संयुक्त पहल के अंतर्गत प्रदेष के अनेक स्थानों से हरिषंकरी रोपण के समाचार प्राप्त हो रहे हैं। हमारा ध्यान केवल अधिक से अधिक हरिषंकरी के रोपण पर नहीं, बल्कि उसकी सुरक्षा पर भी है।


प्रत्येक रोपित पौधा जब तक पेड़ के रूप में विकसित न हो जाए, हमें उसकी सुरक्षा और संरक्षण का दायित्व भी निभाना है। हरिषंकरी सप्ताह एक ऐसी पहल है जिससे हरियाली क्षेत्र बढ़ने के साथ ही भूगर्भ जल संरक्षण भी होगा। इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक ममता संजीव दुबे, लोक भारती के अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह, लोक भारती के सम्पर्क प्रमुख श्रीकृश्ण चैधरी एवं ब्रहमकुमारी राधा दीदी की प्रमुख उपस्थिति रही।


गायत्री परिवार ने आयोजित कार्यक्रम में 11 हरिशंकरी का किया रोपण

हरिशंकरी महोत्सव (Harishankari Festival) के अंतर्गत आईआईएम रोड लखनउ में गायत्री परिवार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 11 हरिशंकरी का रोपण किया गया। इस अवसर पर लोक भारती के क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं विधान परिषद सदस्य पवन सिंह चैहार, वन निगम के प्रबंध निदेषक सुधीर कुमार षर्मा, डीएफओ रवि कुमार सिंह, गायत्री परिवार के गोपाल ओझा, केबी सिंह, लोक भारती के व्यवस्था प्रमुख धर्मेंद्र सिंह, प्रेरक पर्यावरण कार्यकर्ता कृश्णानंद राय एवं मुक्ति फाउंडेषन की रीता सिंह आदि उपस्थित थे। सिटी काॅलेज, चिनहट में आयोजित हरिषंकरी रोपण कार्यक्रम में लोक भारती के कैप्टन सुभाश ओझा, मंजरी उपाध्याय सहित सैकड़ों सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


हरिशंकरी क्या है

पीपल, बरगद व पाकड़ के सम्मिलित रोपण को हरिशंकरी कहते हैं। हरिशंकरी का अर्थ है- विष्णु और शंकर की छायावली (हरि अर्थात् विष्णु तथा शंकर अर्थात् शिव)। हिन्दू मान्यता में पीपल को विष्णु व बरगद को शंकर का स्वरूप माना जाता है। मत्स्य पुराण के अनुसार पार्वती जी के श्राप वश विष्णु पीपल और शंकर बरगद व ब्रह्मा पलाश वृक्ष बन गये। पौराणिक मान्यता में पाकड़ वनस्पति जगत का अधिपति व नायक है व याज्ञिक कार्यों हेतु श्रेष्ठ छाया वृक्ष है। इस प्रकार हरिशंकरी की स्थापना एक परम पुण्य व श्रेष्ठ परोपकारी कार्य है। हरिशंकरी के तीनो वृक्षों को एक ही स्थान पर इस प्रकार रोपित किया जाता है कि तीनो वृक्षों का संयुक्त छत्र विकसित हो व तीनो वृक्षों के तने विकसित होने पर एक तने के रूप में दिखाई दें।

Deepak Kumar

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