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Hardoi News: शिक्षा मंत्री के गृह जनपद में शिक्षकों का अकाल, छात्रों को हो रही परेशानी

Hardoi News: शिक्षा व्यवस्था को लेकर लगातार सरकारें तमाम तरह के प्रयास कर रही हैं बावजूद इसके शिक्षा के क्षेत्र में कोई भी बेहतर सुधार होते हुए नजर नहीं आ रहा है।

Pulkit Sharma
Published on: 19 Dec 2022 9:58 AM GMT
Lack of teachers in Hardoi, home district of education minister, students are facing problems
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हरदोई: शिक्षा मंत्री के गृह जनपद में शिक्षकों का अकाल, छात्रों को हो रही परेशानी

Hardoi News: शिक्षा व्यवस्था को लेकर लगातार सरकारें तमाम तरह के प्रयास कर रही हैं बावजूद इसके शिक्षा के क्षेत्र में कोई भी बेहतर सुधार होते हुए नजर नहीं आ रहा है। हरदोई (Hardoi) जनपद के स्कूल कालेजों में तमाम विषयों को पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं हैं। ऐसे में छात्रों के समक्ष गंभीर संकट है। एक राजकीय महाविद्यालय में तो शिक्षकों का अभाव इस कदर है कि यहां के छात्र छात्राओं को पढ़ने और पास होने के लिए नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं।

हरदोई जनपद में मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पिहानी कस्बे में एक राजकीय महाविद्यालय है जहां पर शिक्षकों के अभाव के चलते यहां के छात्र छात्राओं ने आज मुख्यालय आकर जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र सौंपा है जिसमें छात्र-छात्राओं ने यह बताया कि महाविद्यालय में कई विषयों के अध्यापक ही नहीं हैं, जिससे उनको पढ़ाई करने में बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है।

छात्र छात्राओं ने शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बार-बार की मांग

छात्र छात्राओं का आरोप है कि कई बार इसकी शिकायत उन्होंने महाविद्यालय के प्राचार्य से भी की लेकिन महाविद्यालय में अभी तक शिक्षकों की तैनाती नहीं हो पाई है जिस कारण यहां के पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को आला अधिकारियों से शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बार-बार शिकायत करनी पड़ रही है।

शिक्षा मंत्री के गृह जनपद में ही शिक्षकों का टोटा

हरदोई जनपद शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी का गृह जनपद भी है बावजूद इसके महाविद्यालयों की यह स्थिति होना एक दुर्भाग्यपूर्ण बात है ऐसे में जब शिक्षा मंत्री के गृह जनपद में ही शिक्षकों का टोटा हो तो फिर शिक्षा व्यवस्था के सुधार पर और ज्यादा क्या कहा जा सकता है। फिलहाल जो हालात शिक्षकों की कमी से महाविद्यालय में बने हुए हैं उससे छात्र-छात्राओं का भविष्य किस तरह से आगे की नीव मजबूत करेगा यह एक चिंता का विषय बन गया है।

Shashi kant gautam

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