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Azam Khan Membership Cancelled: आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द की गई, विधानसभा अध्यक्ष ने दिया आदेश

Azam Khan Membership Canceled: गुरुवार को रामपुर की विशेष कोर्ट ने आजम खान को 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान हेट स्पीच देने के मामले में दोषी करार दिया था

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 28 Oct 2022 8:07 PM IST (Updated on: 28 Oct 2022 8:32 PM IST)
Azam Khan Membership Canceled hate speech case
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आजम खान (Social Media)

Azam Khan Membership Canceled: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से विधायक आजम खान की विधायकी रद्द हो गई है. रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से 3 साल की सजा मिलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दिया है, जिसके बाद अब रामपुर सीट रिक्त हो गई है और यहाँ भी अब उपचुनाव होंगे. गुरुवार को रामपुर की विशेष कोर्ट ने आजम खान को 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान हेट स्पीच देने के मामले में दोषी करार दिया था और उन्हें 3 साल की सजा 25000 का जुर्माना लगाया था. हालांकि उन्हें तुरंत जमानत मिल गई थी. आजम खान ने कहा था यह पहला स्टेप है उनके पास अभी कई कानूनी रास्ते खुले हुए हैं वह इंसाफ के कायल हैं.

क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने आजम खान को अपना उम्मीदवार बनाया था वह चुनाव जीते भी थे. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने भड़काऊ भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और तत्कालीन रामपुर के डीएम को लेकर अपशब्द कहे थे. जिसके बाद उनके ऊपर मामला दर्ज किया गया था और कोर्ट ने गुरुवार को उन्हें दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा भी सुना दी. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अगर किसी जनप्रतिनिधि को 2 साल से अधिक की सजा होती है तो उसकी सदस्यता निरस्त हो जाएगी. इसी के तहत यूपी विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने आजम खान को भी अयोग्य ठहराया है.

यूपी में पहले भी जा चुकी है इनकी सदस्यता

आजम खान से पहले उत्तर प्रदेश में कई विधायकों की सदस्यता रद्द हो चुकी है जिनमें जून 2019 में हमीरपुर से भाजपा विधायक अशोक कुमार सिंह चंदेल, दिसंबर 2019 में उन्नाव के बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, दिसंबर 2021 अयोध्या के गोसाईगंज से बीजेपी विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ़ खब्बू तिवारी शामिल हैं।

2013 में सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया था आदेश

बता दें सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के मुताबिक अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई है तो ऐसे में उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला वर्ष 2013 में दिया था. जो निर्वाचित जनप्रतिनिधियों पर तत्काल प्रभाव से लागू भी हो गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (4) निरस्त कर दिया था। आदेश के बाद देश में तमाम सांसद विधायकों को कोर्ट से सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता रद्द हो चुकी है जिसमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव भी शामिल हैं.



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