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हाथरस पर बड़ा खुलासा: वाह री, यूपी पुलिस! सरकारी डॉक्टर को बता रहे नक्सली...
हाथरस कांड पीडिता के परिवारजनों के साथ कई दिन तक घर में बडी बहू बनकर रहने वाली महिला की पहचान को लेकर हंगामा मचा है। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बड़ा दावा किया है।
अखिलेश तिवारी
लखनऊ। हाथरस कांड में यूपी पुलिस की जांच - पडताल अपराध की सच्ची कहानियां सुनाने वालों की तरह ही कल्पना की उडान पर है। हाथरस मामले की जांच कर रही यूपी पुलिस एसआईटी ने पीडिता के परिवार में रहने वाली जिस महिला को नक्सली बताया था वह मध्यप्रदेश सरकार की डॉक्टर निकली। जबलपुर में रहने वाली डॉ राजकुमारी ने मीडिया के सामने आकर अपनी पहचान जाहिर की और खुद को नक्सली बताए जाने पर हैरानी जताई है।
पीड़िता के परिवारजनों से मिली महिला का जोड़ा नक्सल से तार
हाथरस कांड पीडिता के परिवारजनों के साथ कई दिन तक घर में बडी बहू बनकर रहने वाली महिला की पहचान को लेकर हंगामा मचा तो मामले की जांच कर रही एसआईटी ने दावा किया कि उसे महिला के बारे में संदेहास्पद जानकारियां मिली हैं। परिवार के साथ रहने वाली महिला का नक्सलियों के साथ रिश्ता है। जल्द ही इस महिला को यूपी लाकर पूछताछ की जाएगी। इस बीच शनिवार की दोपहर में मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में एक महिला ने मीडिया के सामने आकर बताया कि पीडित परिवार की मदद करने के लिए वह हाथरस पहुंची थी।
महिला निकली मध्य प्रदेश की सरकारी डाॅक्टर
पीडिता के परिवारजनों के साथ उनके घर में भी रही है। वह मध्यप्रदेश सरकार के चिकित्सा विभाग में कार्यरत चिकित्सक है और अपनी इच्छा से पीडित की मदद करने के लिए वहां पहुंची थी। उसका नाम राजकुमारी है। उसने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि मध्य प्रदेश सरकार की नौकरी करने के बावजूद उसे नक्सली बताया जा रहा है। ऐसा कैसे हो सकता है। वह लोगों की जान बचाने से जुडे पेशे में है।
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जांच के नाम पर एसआईटी के बेबुनियाद इल्जाम
डॉक्टरों को समाज में सम्मानित माना जाता है और मुझे नक्सली बताया जा रहा है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह मध्यप्रदेश सरकार से अनुमति लेकर हाथरस गई थीं तो उन्होंने कहा कि अपनी निजी हैसियत में वहां पहुंची थीं। ऐसे पीडित परिवारों के पास जाने और मदद करने का अधिकार उन्हें एक नागरिक के तौर पर हासिल है। अगर मध्यप्रदेश सरकार कोई स्पष्टीकरण मांगती है तो उसका जवाब देने के लिए तैयार हैं लेकिन नक्सली का आरोप स्वीकार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मध्यप्रदेश सरकार ने नौकरी से निकाल दिया तो भी लोगों की मदद करने की भावना बनी रहेगी।
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जातीय दंगे, PFI और विदेशी फंडिंग के बाद नक्सल से जुड़ा मामला
डॉ राजकुमारी के सामने आने के बाद अब यूपी सरकार की और किरकिरी होनी तय है। इससे पहले सरकार की जांच एजेंसियों और विभिन्न अधिकारियों की ओर से जातीय दंगे, पीएफआई की साजिश और विदेशी फंडिंग का दावा किया गया लेकिन बाद में सभी दावे फुस्स निकले। अब नक्सली लिंक भी फेल होता दिखाई दे रहा है। समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर आरोप भी लगाया है कि उसकी पुलिस हाथरस मामले में फिल्मी कहानियां सुना रही है।
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