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Hathras News: "वाह जिंदगी वाह" प्रोग्राम में बोले डॉक्टर स्वामीनाथन - ईमानदारी और सच्चाई से...

Hathras News: डॉक्टर स्वामीनाथन ने कहा कि क्रोध को कभी शक्ति नहीं कहा जा सकता, क्रोध की कभी पूजा नहीं होती। देवियों की शक्ति के रूप में पूजा होती है। किसी ज्योतिषी को हाथ दिखाने से....

G Singh
Report G Singh
Published on: 29 July 2024 7:44 PM IST
Hathras News
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Hathras News (Pic: Newstrack)

Hathras News: भाग दौड़ और तनाव भरी जिंदगी में अपने लिए समय निकालना लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है। लोग अपने लिए समय निकाल कर खुश कैसे रहे जिंदगी को खुशनुमा कैसे बनाएं इसके लिए मैमोरी ट्रेनर प्रो0 डॉ0 ई.वी. स्वामीनाथन ने कुछ टिप्स लोगों को दिए। इस मौके पर उन्होंने हाथरस में भोले बाबा के सत्संग हादसे में जान गंवाने वालों की आत्मा की शांति के लिए भी प्रार्थना की। "वाह जिंदगी वाह" प्रोग्राम के तहत आयोजित कार्यक्रम में डॉक्टर स्वामीनाथन ने अपने दो दिन के प्रवास के दौरान कुछ अहम जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि क्रोध को कभी शक्ति नहीं कहा जा सकता, क्रोध की कभी पूजा नहीं होती। देवियों की शक्ति के रूप में पूजा होती है। किसी ज्योतिषी को हाथ दिखाने से भाग्य का निर्माण नहीं होता, ईमानदारी और सच्चाई के साथ किए गए काम से भाग्य का निर्माण होता है, तकदीर उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते।

डॉक्टर स्वामीनाथन ने खुश रहने की शुरूआत स्वयं से करने और उसे व्यवहार में लाने की विधि बताई। उन्होंने कहा कि कोई काम समय से करना सही तरह से करना सभी चाहते हैं। यह स्वयं पर अप्लाई करना स्वयं पर निर्भर करता है। लेकिन इसकी अपेक्षा दूसरों से करने पर वह पूरा न होने पर हार्ट अटैक की संभावना पूरी हो जाती है। क्रोध करके कोई भी काम सही तरीके से संपन्न होने की संभावना कम ही होती है।

मैमोरी ट्रेनर प्रो0 डॉ0 ई.वी. स्वामीनाथन ने शिक्षकों और पुलिसकर्मियों के साथ तनाव प्रबन्धन पर भी चर्चा की। उन्होंने कहाकि समय को, परिस्थितियों को, व्यक्तियों को, वातावरण को कोसने की बजाए हर परिस्थति को स्वस्थिति के आधार से परिवर्तन करके सेवाभाव बनाये रखना महानता है। तनाव को अपनी सोच में न रखकर दूसरों से साझा करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जैसा आप संकल्प करेंगे वैसे ही आसपास का वातावरण बनेगा यह वैज्ञनिक सिद्धान्त है, यह उन्होंने क्वाण्टम थ्यौरी के आधार पर बताया। जैसे संकल्प आप दूसरों के लिए करेंगे वैसे ही संकल्प दूसरा भी आपके लिए करेगा, यह भी आइंसटीम का नियम है। इसलिए सबसे पहले स्वयं की रक्षा तब आप दूसरों की रक्षा कर सकेंगे।

वहीं डी0आई0ओ0एस0 संत कुमार के सानिध्य में आयोजित प्रधानाचार्यों की बैठक में सम्बोधित करते हुए प्रोफेसर ई0वी0 स्वामीनाथन ने कहा कि समाज के लिए खतरनाक स्थिति है। युवा रोजगार के लिए मेहनत कर रहे हैं, अध्ययन कर रहे है, उसमें असफलता मिलने पर वे आत्महत्या भी कर रहे हैं लेकिन खतरनाक स्थिति यह है कि उन बच्चों के साथ अब उनके अभिभावक भी आत्महत्या कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने सभी प्रधानाचार्यों और शिक्षकों से आग्रह किया कि वह बच्चों को जीवन के उच्च लक्ष्य तो दें साथ ही जीवन के उच्च आदर्श उच्च जीवन के उद्देश्य की भी चर्चा करें। कार्यक्रम में बी के शांत बहन ने सभी का आभार प्रकट किया संचालन बी के दिनेश भाई ने किया।

Durgesh Sharma

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