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Hathras Satsang Hadsa: रंगोली का बुरादा बना लोगों के लिए काल, लेने के लिए लोग हुए दंडवत फिर नहीं मिला संभलने का मौका
Hathras Satsang Hadsa: आयोजकों की ओर से इस बाबत कोई भी जानकारी स्थानीय पुलिस को नहीं दी गई थी। प्रदेश शासन के शीर्ष अफसर को भी इस बाबत जानकारी दी गई है।
Hathras Satsang Hadsa: हाथरस में सत्संग के बाद हुई भगदड़ में करीब सवा सौ मौतों के पीछे अब एक बड़ा खुलासा हुआ है। सत्संग स्थल पर बनाई गई एक रंगोली भी लोगों के लिए जानलेवा साबित हुई। करीब सवा दो टन बुरादे से इस रंगोली को तैयार किया गया था। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में भगदड़ मचने से हुई मौतों में इस रंगोली को बड़ा कारण माना गया है।
आयोजकों की ओर से इस बाबत कोई भी जानकारी स्थानीय पुलिस को नहीं दी गई थी। प्रदेश शासन के शीर्ष अफसर को भी इस बाबत जानकारी दी गई है। हालांकि सत्संग के दौरान इतनी भारी भीड़ होने के बावजूद पुलिस की ओर से भी आयोजन को लेकर काफी लापरवाही बरती गई है। एक लाख से अधिक लोगों के सत्संग स्थल पर इकट्ठा होने के बावजूद गिनती के पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी।
सवा दो टन बुरादे से तैयार हुई थी रंगोली
हाथरस में सत्संग के बाद हुई भगदड़ की कई स्तरों पर जांच पड़ताल की जा रही है। इस घटना में करीब सवा सौ श्रद्धालुओं की मौत के बाद पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। स्थानीय खुफिया यूनिट की ओर से भी मामले की जांच पड़ताल की गई है जिसमें बड़ा खुलासा हुआ है। इस बाबत मिली जानकारी के मुताबिक सत्संग स्थल पर एक बड़ी रंगोली बनाई गई थी जिसमें करीब सवा दो टन बुरादा का इस्तेमाल किया गया था।
सत्संग के बाद भोले बाबा को इस रंगोली पर से होकर निकलना था। सत्संग समाप्त होने पर पंडाल से निकलने के बाद बाबा के भक्त रंगोली के बुरादे को बाबा का आशीर्वाद मानकर अपने साथ ले जाते हैं। सत्संग के बाद हजारों लोग रंगोली लेने के लिए दंडवत हुए और फिर उन्हें संभलने का कोई मौका नहीं मिल सका।
रंगोली के बुरादे को बाबा का आशीर्वाद मानते हैं भक्त
रंगोली के संबंध में जानकारों का कहना है कि नारायण साकार उर्फ भोले बाबा के हर सत्संग में करीब दो सौ मीटर की रंगोली बनाई जाती है। सत्संग के बाद भोले बाबा का इसी रंगोली पर से जाने का रास्ता होता है। भोले बाबा के भक्तों के बीच यह मान्यता है कि जब वे इस रंगोली पर चलकर जाते हैं तो यह रंगोली बेहद पुण्य से भरी हो जाती है।
सत्संग में हिस्सा लेने वाले एक भक्त ने बताया कि सत्संग में हिस्सा लेने वाले भक्त इस रंगोली के बुरादे को दंडवत प्रणाम करते हैं और इसके कुछ हिस्से को बाबा का आशीर्वाद मानकर अपने साथ ले जाते हैं। भक्तों के बीच मान्यता है कि इस बुरादे से घर से बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है और भूत-प्रेत का साया कभी नहीं सताता।
दंडवत होने वाले भक्तों को नहीं मिला संभलने का मौका
मंगलवार को सत्संग स्थल पर हुई भगदड़ के बाद इस मामले की गहराई से जांच पड़ताल की गई है। खुफिया विभाग के रिपोर्ट में बताया गया है कि भोले बाबा के इस रंगोली पर से गुजरने के बाद काफी संख्या में भक्त रंगोली का बुरादा लेने के लिए पहुंच गए। हजारों भक्त रंगोली को दंडवत होकर प्रणाम करने लगे मगर इसी दौरान मची भगदड़ से उन्हें संभलने का मौका तक नहीं मिला।
सत्संग में हिस्सा लेने वाले एक भक्त का कहना है कि दूर होने के कारण वे रंगोली तक नहीं पहुंच सके। दूसरे जो लोग रंगोली तक पहुंच सके, उनमें कई हादसे का शिकार हो गए।
हादसे की जांच कर रही हाथरस की स्थानीय खुफिया यूनिट का कहना है कि रंगोली का बुरादा हासिल करने के लिए लोग बेकाबू हो गए और उसके बाद एक-दूसरे को कुचलते हुए निकल गए। नीचे दबने वाले लोग कुचले जाने से मौत का शिकार हो गए। खुफिया यूनिट की ओर से जुटाई गई इस जानकारी को भी शीर्ष अफसरों के साथ भी साझा किया गया है।
पुलिस को नहीं दी गई थी रंगोली की जानकारी
एलआईयू की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट में सत्संग में करीब एक लाख लोगों की भीड़ जुटाने की बात कही गई है। घटनास्थल पर मौजूद लोगों का कहना है कि सत्संग के बाद भोले बाबा को तो पिछले दरवाजे से निकाल दिया गया मगर रंगोली का बुरादा लेने के चक्कर में सौ से अधिक लोग मौत के आगोश में समा गए।
स्थानीय पुलिस का कहना है कि आयोजकों की ओर से सत्संग स्थल पर विशाल रंगोली बनाने और लोगों के रंगोली का बुरादा लेने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। सत्संग स्थल पर तैनात किए गए सेवादार भी भीड़ को नियंत्रित करने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए जिसके कारण इतना बड़ा हादसा हो गया।