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01 करोड़ 18 लाख रूपए नगद कर्ज देने पर कोर्ट ने आयकर विभाग को सौंपी जांच

देश में किस प्रकार नगदी से बड़े काले लेनदेन किए जाते हैं इसकी एक बानगी हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान सामने आई है। 01 करोड़ 18 लाख रुपए की धनराशि बतौर नकद में कर्ज देने का मसला सामने आते ही केार्ट भौंचक रह गई। कोर्ट के सामने मसला खुलते ही वह फौरन हरकत में आई और उसने मामले की जांच आयकर विभाग को सौंप दी। कोर्ट ने आयकर विभाग को नकद में इतनी बड़ी धनराशि के सोर्स की छानबीन करने का भी आदेश दिया है।

tiwarishalini
Published on: 30 Nov 2016 12:07 AM IST
01 करोड़ 18 लाख रूपए नगद कर्ज देने पर कोर्ट ने आयकर विभाग को सौंपी जांच
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लखनऊ: देश में किस प्रकार नगदी से बड़े काले लेनदेन किए जाते हैं इसकी एक बानगी हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान सामने आई है। 01 करोड़ 18 लाख रुपए की धनराशि बतौर नकद में कर्ज देने का मसला सामने आते ही केार्ट भौंचक रह गई। कोर्ट के सामने मसला खुलते ही वह फौरन हरकत में आई और उसने मामले की जांच आयकर विभाग को सौंप दी। कोर्ट ने आयकर विभाग को नकद में इतनी बड़ी धनराशि के सोर्स की छानबीन करने का भी आदेश दिया है।

जस्टिस अजय लांबा और जस्टिस विजयलक्ष्मी की बेंच ने यह आदेश होटल व्यवसाई अतुल शर्मा की ओर से दाखिल उस याचिका पर दिया जिसमें उसके खिलाफ थाना गोमती नगर में दर्ज एफआईआर को खारिज करने की मांग की गई है।

याची पर आरोप है कि उसने अपना व्यापार बढ़ाने के लिए धन की आवश्यकता को लेकर शिकायतकर्ता सतंजय वर्मा से कर्ज की गुजारिश की। सतंजय वर्मा ने हेमंत द्विवेदी से 01 करोड़ 18 लाख रुपए रकम की व्यवस्था कर 14 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से याची को कर्ज स्वरूप दे दिए। बदले में याची ने कुछ पोस्टडेटेड चेक दिए जो डिसऑनर हो गए। याची ने कुछ रकम आरटीजीएस/बैंक ट्रांसफर के द्वारा वापस भी किए।

आरोपों के जवाब में याची की ओर से कहा गया कि वास्तव में उसने शिकायतकर्ता को कर्ज दिया था। शिकायतकर्ता को कुछ पैसों की तत्काल आवश्यकता थी जिसे उसने आरटीजीएस के द्वारा ट्रांसफर कर दिए। याची की ओर से तर्क दिया गया कि उसने अपने आयकर रिटर्न में भी शिकायतकर्ता को कर्ज देने का जिक्र किया है।

कोर्ट ने इस मामले में 19 नवंबर को आयकर विभाग को भी नोटिस जारी किया था। मामले की सुनवाई के दौरान आयकर विभाग की ओर से कहा गया कि प्रमुख निदेशक (जांच), लखनऊ को मामला सौंप दिया गया है। इस पर केार्ट ने आयकर विभाग को मामले की सच्चाई का पता लगाने के साथ-साथ इस तथ्य के बाबत भी जांच करने को कहा कि नकद में इतनी बड़ी धनराशि का सोर्स क्या है। कोर्ट ने विभाग को यह भी बताने का निर्देश दिया है कि क्या इतनी बड़ी धनराशि नकद में कर्ज स्वरूप दी जा सकती है। मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी।



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