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UP सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से HC ने पूछा- तय समयसीमा से पहले शिक्षकों का कैसे हुआ तबादला?
इलाहाबाद: परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के अंतर जिला तबादले में धांधली के आरोप में दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि उन शिक्षकों का तबादला कैसे हो गया, जिन्होंने एक जिले मेें तीन वर्ष की तैनाती की न्यूनतम अर्हता पूरी नहीं की है।
कोर्ट ने ऐसे लगभग 75 स्थानांतरित शिक्षकों को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। शिक्षिका निधि और दर्जनों अन्य की ओर से दाखिल याचिकाओं पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता सुनवाई कर रहे हैं।
ये है नियम:
याची के अधिवक्ता ने कहा, कि 23 जून 2016 को अंतर जिला तबादले की नीति घोषित की गई। इसके मुताबिक, एक जिले में कम से कम 3 वर्ष से तैनात शिक्षक ही आवेदन कर सकेंगे। आवेदन आॅनलाइन किया जाना था। यह भी शर्त थी, कि शिक्षक गृह जिला सहित पांच वरीयता भी देंगे।
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नियमों की हुई अनदेखी
याचियों ने आॅनलाइन आवेदन किया था, मगर उनका स्थानांतरण नहीं किया गया। जबकि ऐसे शिक्षकों का स्थानांतरण कर दिया गया, जिन्होंने न तो 3 साल की अर्हता पूरी की है और न ही आॅनलाइन आवेदन किया था। इसके बाद 19 दिसंबर 2016 को एक शासनादेश जारी कर कहा गया कि उन्हीं शिक्षकों का स्थानांतरण होगा जिन्होंने आॅनलाइन आवेदन किया है।
सभी पक्ष दें जवाब
याचिका में कहा गया है कि स्थानांतरण नीति और शासनादेश दोनों का उल्लंघन किया गया है। कोर्ट ने इस पर सभी पक्षों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।