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हेड कांस्टेबल से बने 2,193 दरोगाओं की चयन सूची को चुनौती, HC ने पूछा- योग्यता को क्यों किया दरकिनार
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट में हेड कांस्टेबल से 2,193 दरोगा बने लोगों की चयन सूची को चुनौती दी गई है। दायर याचिका में कहा गया है कि पुलिस भर्ती बोर्ड और डीआईजी स्थापना ने दरोगाओं की नई सूची जारी कर भारी अनियमितता की है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 6 सप्ताह में जवाब तलब किया है।
क्या है मामला?
भगवान स्वरूप सहित 48 अन्य हेड कांस्टेबलों ने याचिका दायर कर कहा है कि पूरे यूपी में 3,822 हेड कांस्टेबलों की वरिष्ठता सूची जारी की गई है। इस सूची में सभी याची हेड कांस्टेबलों का नाम सबसे ऊपर था। वरिष्ठता में ऊपर होने के कारण उन्हें 3.2 किमी की 35 मिनट की रेस में बुलाया गया। याची समेत 2,900 हेड कांस्टेबल फिजिकल टेस्ट में पास भी हो गए। इसके बाद डीआईजी स्थापना पुलिस मुख्यालय ने 3,822 कुल हेड कांस्टेबलों में से 2,193 जूनियर हेड कांस्टेबल को दरोगा पद पर चयनित कर दिया। जबकि याची वरीष्ठता सूची में उनसे सीनियर है।
जूनियर को प्रमोशन देने का स्पष्ट कारण नहीं
याची हेड कांस्टेबलों के वकील का तर्क था कि याचीगण दरोगा पद पर चयनित होने की सारी योग्यता पूरी कर रहे हैं। नियमानुसार तीन साल से ज्यादा उन्होंने संतोषजनक सेवा भी की है। तर्क यह भी था कि भर्ती बोर्ड ने वरिष्ठ को अयोग्य कर जूनियर को दरोगा बनाने का कोई कारण स्पष्ट नहीं दिया है।
कोर्ट ने पूछा- योग्यता को क्यों की दरकिनार
याचिका में भेदभाव और पक्षपात करने का भी आरोप लगाया गया है। जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने अधिकारियों से पूछा है कि वह चार सप्ताह में जवाब दें कि दरोगाओं की प्रोन्नति में योग्यता को दरकिनार करने का क्या कारण है। अदालत इस मामले में 6 सप्ताह बाद सुनवाई करेगी।