TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

HC ने UPPSC से पूछा- चयन प्रक्रिया पूरी, फिर क्यों परीक्षाओं के परिणाम नहीं कर रहे घोषित

tiwarishalini
Published on: 1 Jun 2017 8:09 PM IST
HC ने UPPSC से पूछा- चयन प्रक्रिया पूरी, फिर क्यों परीक्षाओं के परिणाम नहीं कर रहे घोषित
X
HC ने UPPSC से पूछा- चयन प्रक्रिया पूरी, फिर क्यों परीक्षाओं के परिणाम नहीं कर रहे घोषित

HC ने UPPSC से पूछा- चयन प्रक्रिया पूरी, फिर क्यों परीक्षाओं के परिणाम नहीं कर रहे घोषित

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरूवार (01 जून) को यूपी लोक सेवा आयोग ( यूपीपीएससी) से पूछा है कि वह चयन की प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद भी परीक्षाओं का परिणाम क्यों नहीं घोषित कर रहा है। कोर्ट ने आयोग से 04 जुलाई तक हलफनामा मांगा है। यह आदेश जस्टिस अरूण टंडन और जस्टिस पी.सी.त्रिपाठी की खंडपीठ ने राम बचन यादव की याचिका पर दिया है।

क्या कहना है याची का ?

-याची का कहना है कि आयोग ने कई भर्तियों की चयन प्रक्रिया पूरी कर ली है।

-सरकार के मौखिक आदेश पर परिणाम घोषित नहीं किया जा रहा है।

-कोर्ट ने आयोग से परिणाम घोषित न करने का कारण पूछा है।

-जबकि कई भर्तियों की चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

-लाखों छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।

अगली स्लाइड में पढ़ें हेड कांस्टेबलों को दरोगा बनाने पर सरकार ले निर्णय: इलाहाबाद हाई कोर्ट

इलाहाबाद हाई कोर्ट: हेड कांस्टेबलों को दरोगा बनाने पर सरकार ले निर्णय

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वरिष्ठता सूची के आधार पर 46 मुख्य आरक्षियों को पुलिस उप निरीक्षक पद पर प्रोन्नत किए जाने के मामले में राज्य सरकार को दो महीने में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस पी.के.एस.बघेल ने इलाहाबाद के रामराज सिंह सहित 46 याचियों की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

याचिका पर वकील विजय गौतम ने बहस की। याची का कहना है कि वे यातायात पुलिस एवं सशस्त्र पुलिस बल में तैनात है। इनकी प्रोन्नति 1989 से 2009 तक मुख्य आरक्षी पद पर पुलिस और सशस्त्र पुलिस में समायोजन कर किया गया। 11 अगस्त 2016 को वरिष्ठता सूची जारी कर दी गई। कुल 3822 की वरिष्ठता 2013 बैच तक की बनी।

इस सूची से याचियों को बाहर रखा गया जबकि वे 2009 बैच के मुख्य आरक्षी है। याचीगण के बैच के कई मुख्य आरक्षियों की उपनिरीक्षक पद पर प्रोन्नति भी दे दी गई है। इसमें से ज्यादातर लोग याचीगण से सेवा में कनिष्ठ हैं।

कुछ प्रोन्नत मुख्य आरक्षियों को भी याचिका में पक्षकार बनाया गया है। याची वकील विजय गौतम का कहना है कि यूपी उप निरीक्षक एवं निरीक्षक सिविल पुलिस सेवा नियमावली 2015 के नियम 17(1)(ए) के तहत याचीगण उपनिरीक्षक पद पर प्रोन्नति पाने के अधिकारी हैं। कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक के नियमानुसार याचियों के प्रत्यावेदन को सकारण निर्णीत करने का निर्देश दिया है।



\
tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story