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HC: कृषि भूमि पर नहीं बन सकती वक्फ मस्जिद,सड़क पर धार्मिक स्थल बनाने पर लगे रोक

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि जो सम्पत्ति वक्फ की न हो उस पर वक्फ की मस्जिद नहीं बन सकती।कानून के विपरीत धार्मिक अधिकार नहीं हो सकता।कोर्ट ने कहा है कि कृषि भूमि पर वक्फ नहीं बनाया जा सकता। क्योंकि कृषि भूमि का स्वामित्व राज्य सरकार को होता है।किसान उस जमीन का मात्र किरायेदार होता है। इसलिए जब तक धारा 143 के त

Anoop Ojha
Published on: 23 Feb 2018 3:34 PM GMT
HC: कृषि भूमि पर नहीं बन सकती वक्फ मस्जिद,सड़क पर धार्मिक स्थल बनाने पर लगे रोक
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इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि जो सम्पत्ति वक्फ की न हो उस पर वक्फ की मस्जिद नहीं बन सकती।कानून के विपरीत धार्मिक अधिकार नहीं हो सकता।कोर्ट ने कहा है कि कृषि भूमि पर वक्फ नहीं बनाया जा सकता। क्योंकि कृषि भूमि का स्वामित्व राज्य सरकार को होता है।किसान उस जमीन का मात्र किरायेदार होता है। इसलिए जब तक धारा 143 के तहत अकृषित भूमि की घोषणा नहीं हो जाती उस पर वक्फ या धार्मिक स्थल का निर्माण नहीं किया जा सकता।यह आदेश जस्टिस सुधीर अग्रवाल तथा जस्टिस अजित कुमार ने दिया है।

हाईकोर्ट ने राजमार्गों, सड़कों, गलियों व रास्तों के यातायात में अवरोध उत्पन्न कर रहे एक जनवरी 2011 के बाद अतिक्रमण कर बने मंदिर-मस्जिद सहित कोई भी धार्मिक स्थल तत्काल हटाने का निर्देश दिया है, और कहा है कि सड़क पर अतिक्रमण करने का किसी को भी मौलिक या वैधानिक अधिकार नहीं है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वे प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों व पुलिस अधिकारियों को सड़क की जमीन पर किसी प्रकार का धार्मिक निर्माण न होने देने का सामान्य निर्देश जारी करे। साथ ही कहा है कि जनवरी 2011 के पहले के अतिक्रमण कर बने धार्मिक निर्माणों को अन्यत्र छह माह में शिफ्ट किया जाय।

कोर्ट ने कहा है कि दस जून 2016 के बाद अतिक्रमण कर हुए धार्मिक निर्माणों की जवाबदेही डीएम, एसडीएम, एसएसपी, सीओ की होगी। कोर्ट ने राज्य सरकार को पब्लिक रोड, स्ट्रीट, फुटपाथ, गली, सर्विस लेन पर अवरोध उत्पन्न न होने पाये, इसके लिए योजना तैयार करने का भी निर्देश दिया है।ताकि यातायात सुचारू रूप से चल सके। कोर्ट ने इस संबंध में मुख्य सचिव से तीन माह में अनुपालन रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

कोर्ट ने फतेहपुर के महमूद हुसैन द्वारा बनी कृषि भूमि पर चौरयानी गांव में मस्जिद गरीब नवाज को अवैध करार दिया है और जिलाधिकारी द्वारा नमाज पढ़ने की अनुमति न देने को सही माना है।याची ने बिना अनुमति लिए कृषि भूमि पर मदरसा व मस्जिद बना ली और अपने समुदाय द्वारा मस्जिद में नमाज पढ़ने की अनुमति का डीएम को आवेदन दिया।

कोर्ट ने कहा कि धर्म के नाम पर याची ने अवैध कार्य किया है।कोर्ट ने कहा कि कुछ अवैध तरीके से किया जाता है तो उससे उसका वैधानिक अधिकार उत्पन्न नहीं होता।कृषि भूमि जिस पर सरकार का हक है, वक्फ मस्जिद का निर्माण नहीं किया।कोर्ट ने मुख्य सचिव को मस्जिद के संबंध में तीन माह के भीतर कार्यवाही करने का आदेश दिया है।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

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