×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

HC ने पूर्व PM के बेटे पर लगाया दस लाख रुपए का हर्जाना, धोखाधड़ी का है आरोप

हाईकोर्ट ने बैंक लोन वसूली पर दबाव के लिए एचडीएफसी बैंक, इलाहाबाद के उप महाप्रबंधक डी.के.गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में कैंट थाने में दर्ज प्राथमिकी रद्द कर दी है।

tiwarishalini
Published on: 22 Feb 2017 7:30 PM IST
HC ने पूर्व PM के बेटे पर लगाया दस लाख रुपए का हर्जाना, धोखाधड़ी का है आरोप
X

HC: मायावती राज में स्मारक घोटाले की सीबीआई जांच की मांग, राज्य सरकार से जवाब तलब

इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने बैंक लोन वसूली पर दबाव के लिए एचडीएफसी बैंक, इलाहाबाद के उप महाप्रबंधक डी.के.गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में कैंट थाने में दर्ज प्राथमिकी रद्द कर दी है। कोर्ट ने पेशबंदी में प्राथमिकी दर्ज कर परेशान करने वाले पूर्व पीएम वी.पी.सिंह के बेटे अजय सिंह पर दस लाख रुपए का हर्जाना लगाया है।

कोर्ट ने कहा है कि बैंक लोन अदा न कर बैंक कर्मी को आपराधिक मामले में फंसाने को सही नहीं माना जा सकता। यह आदेश जस्टिस अरूण टंडन और जस्टिस यू.सी. श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने उप महाप्रबंधक डी.के.गुप्ता की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

याचिका में कैंट थाना इलाहाबाद में 26 दिसंबर 2014 को अजय सिंह द्वारा याची के खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी को चुनौती देते हुए रद्द करने की मांग की गई थी।

गौरतलब है कि अजय सिंह ने अटलांटिस मल्टी प्लेक्स प्राइवेट लि. कंपनी के नाम 16 मार्च 2006 को 25 करोड़ का लोन लिया। बाद में यह लोन राशि बढ़ाते हुए 34 करोड़ 25 लाख तक स्वीकृत हुआ। जिसकी किश्तों का भुगतान नहीं किया गया तो बैंक ने नोटिस देकर करार रद्द कर दिया और 30 करोड़ 93 लाख 947 रुपए की वसूली कार्यवाही शुरू की।

अजय सिंह ने बैंक को 22 करोड़ रुपए देकर लोन खत्म करने का प्रस्ताव किया। बैंक ने नहीं माना और 30 अक्टूबर 2010 को 40 करोड़ 33 लाख 42 हजार 548 रूपए की डिमांड नोटिस भेज दी। इस पर नाराज अजय सिंह ने उप महाप्रबंधक के खिलाफ गबन, धोखाधड़ी का आरोप लगा प्राथमिकी दर्ज कराई जिसे याचिका में चुनौती दी गई।

अगली स्लाइड में पढ़ें ... श्रवण साहू मर्डर केस: कोर्ट ने कहा- निर्णय होने तक परिवार को मिली सुरक्षा रहेगी जारी

HC: भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं द्वारा चुनाव प्रचार करने पर लग सकती है रोक

श्रवण साहू मर्डर केस: कोर्ट ने कहा- निर्णय होने तक परिवार को मिली सुरक्षा रहेगी जारी

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने श्रवण साहू मर्डर केस के निर्णय होने तक मृतक के परिवार वालों को सुरक्षा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने ने इसके साथ ही सीबीआई से राज्य सरकार के श्रवण साहू मर्डर केस की जांच उसे सौंपने के बावत भेजे संदर्भ पर शीघ्र निर्णय लेने का आदेश दिया है। इस बीच मृतक श्रवण के बेटे आयुश के मर्डर में बुधवार (22 फरवरी) को अभियोजन साक्षी हाजिर नहीं हुआ, जबकि अभियुक्त अकील अंसारी की ओर से एक अर्जी देकर मांग की गई कि विचारण के दौरान उसे कोर्ट में तलब किया जाए। ट्रायल की अगली कार्यवाही 17 मार्च को होगी।

हाई कोर्ट में निर्मला साहू ने याचिका पेश कर श्रवण साहू मर्डर केस को सीबीआई को सौंपने की मांग की थी। इसके साथ ही यह भी मांग भी की थी कि इस केस के निर्णय होने तक साहू परिवार को सुरक्षा दी जाए।

याचिका पर बहस शुरू होते ही सरकारी वकील आर के द्विवेदी ने कोर्ट को बताया कि एक पीआईएल में भी यही मांग की गयी थी जिस पर उन्होंने राज्य सरकार की ओर से मंगलवार को ही कोर्ट को अवगत कराया था कि सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को संदर्भित कर दी है और मृतक के परिवार को सुरक्षा भी दे दी गई है।

इस पर जस्टिस अजय लांबा और जस्टिस विजय लक्ष्मी की बेंच ने सीबीआई के वकील रिशाद मुर्तजा से कहा कि सीबीआई इस मामले पर फाइल दबाकर बैठने की बजाय शीघ्र निर्णय ले।

कोर्ट ने याची के वकील के अनुरोध पर सरकारी वकील की सहमति से कहा कि साहू परिवार को दी गई सुरक्षा मुकदमों के विचारण तक जारी रहेगी। इस बीच विशेष एससीएसटी की कोर्ट में आयुष मर्डर केस के चल रहे विचारण में गवाही पेश होनी थी लेकिन कोई गवाह पेश नहीं हुआ। कोर्ट ने इस पर अगली तारीख दे दी और और साथ ही तारीख पर मुल्जिम अकील अंसारी को भी जेल से पेश करने को कहा।



\
tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story