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DIS सिस्टम के खिलाफ HC के वकीलों की हड़ताल पर कोर्ट की तीखी टिप्पणी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सी.आई.एस. सिस्टम से आ रही दिक्कतों के खिलाफ 9 फरवरी की वकीलों की हड़ताल पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा है कि बार एसोसिएशन ने सिस्टम पूरी तरह लागू होने व होली तक सहयोग देने की हामी भरी थी। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिव सहित वरिष्ठ अधिवक्ताओं और मुख्य न्यायाधीश डी.बी. भोसले, पांच वरिष्ठ न्यायाधीशों सहित
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सी.आई.एस. सिस्टम से आ रही दिक्कतों के खिलाफ 9 फरवरी की वकीलों की हड़ताल पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा है कि बार एसोसिएशन ने सिस्टम पूरी तरह लागू होने व होली तक सहयोग देने की हामी भरी थी। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिव सहित वरिष्ठ अधिवक्ताओं और मुख्य न्यायाधीश डी.बी. भोसले, पांच वरिष्ठ न्यायाधीशों सहित कंप्यूटर कमेटी के सदस्यों के बीच होली तक सिस्टम को दुरुस्त करने में सहयोग देने की सहमति बनी थी। सभी जजांे से प्रतिकूल आदेश न पारित करने का अनुरोध किया गया। इसके बावजूद बिना ठोस कारण के न्यायिक कार्य पंगु कर दिया गया। कोर्ट ने बार एसोसिएशन से उम्मीद जाहिर की है कि कोर्ट कार्यवाही को पंगु बनाने व न्याय व्यवस्था में हस्तक्षेप करने के कदम नहीं उठाया जाएगा।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी. भोसले तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने कृषि औद्योगिक विद्यालय की प्रबंध समिति की याचिका पर दिया है। अगली सुनवाई 23 फरवरी को होगी। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नेशनल इन्फार्मेटिक सेन्टर्स पुणे ( एन.आई.सी.) द्वारा केस इन्फार्मेशन सिस्टम (सी.आई. एस.) देश के 24 हाईकोर्टो में से 11 हाईकोर्टो में 18 जनवरी 2018 से लागू करने की कार्यवाही चल रही है।
30 जनवरी को पाँच सीनियर वकीलों वी.सी. मिश्र, एन.सी.राजवंसी, ओ.पी. सिंह, टी.पी. सिंह व राधा कान्त ओझा के साथ वार्ता की गयी और पूरा सहयोग देने पर सहमति बनी। जजों ने सिस्टम फुलप्रूफ होने तक धैर्य धारण रखने की अपील की। चीफ जस्टिस के साथ कंप्यूटर कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस दिलीप गुप्ता ने बार एसोसिएशन में आकर सिस्टम के सुधार की जानकारी दी और कहा कि यह सिस्टम बेहतर है। उसी दिन एक फरवरी को ही शाम को बार ने प्रस्ताव पारित किया कि केस अदम पैरवी में खारिज होने पर संबन्धित कोर्ट का बहिष्कार करेगी। और 579 वकीलों की शिकायत पर 8फरवरी को गवर्निन्ग काउन्सिल की बैठक बुलाई और 9 फरवरी को कोर्ट का न्यायिक कार्य पंगु बना दिया गया। जब कि बार को बताया गया था कि कोई परेशानी हो तो बताए किन्तु ओ.एस.डी. कंप्यूटर वीरेन्द्र एस. रावत ने बताया कि कोई शिकायत नहीं मिली है। एस.एम. एस. से सूचना दी जा रही है। इसके बावजूद कोर्ट कार्यवाही पंगु बना दिया गया।