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TTE को बचाने पर GRP को हाईकोर्ट की फटकार, रसीद मांगने पर दिया था यात्री को धक्का
आरोप है कि जुर्माने की रकम अदा कर जब सौरभ ने अनिल कुमार सिंह से रसीद की मांग की तो वह विवाद करने लगा। इसके बावजूद सौरभ के रसीद की मांग पर अड़े रहने पर अनिल कुमार सिंह ने उसे फाटक से धक्का दे दिया।
लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जुर्माने की रसीद मांगने पर यात्री को ट्रेन से धक्का देने के आरोपी टीटीई अनिल कुमार सिंह को बचाने के लिए जीआरपी की विवेचना पर सख्त एतराज जताया है। जीआरपी ने अपनी जांच में घटना को मामूली हाथापाई का रूप दे दिया और उल्टा घायल पर ही मौके से भाग जाने का आरोप भी मढ़ दिया।
नहीं काम आया दांव
लेकिन जीआरपी का यह दांव काम नहीं आया और कोर्ट ने सारे मामले की सुनवाई करने के बाद उसकी पुनर्विवेचना क्षेत्राधिकारी स्तर के अधिकारी से कराने के आदेश दिए हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय लाम्बा और न्यायमूर्ति डॉ. विजयलक्ष्मी की खंडपीठ ने भवानीफेर दूबे की याचिका पर दिए।
याचिका में कहा गया कि टीटीई अनिल कुमार सिंह पर फैजाबाद निवासी सौरभ धर दूबे को गोंडा के टिकरी इलाके में ट्रेन से धक्का देने का आरोप है। पीड़ित पक्ष के अनुसार सौरभ कुमार दूबे के पास जनरल का टिकट था लेकिन ट्रेन पकड़ने की जल्दी में वह स्लीपर क्लास में चढ गए। रास्ते में टीटीई अनिल कुमार सिंह ने सौरभ के पास सामान्य टिकट देखकर जुर्माना भरने को कहा।
टीटीई ने दिया धक्का
आरोप है कि जुर्माने की रकम अदा कर जब सौरभ ने अनिल कुमार सिंह से रसीद की मांग की तो वह विवाद करने लगा। इसके बावजूद सौरभ के रसीद की मांग पर अड़े रहने पर अनिल कुमार सिंह ने उसे फाटक से धक्का दे दिया।
याची के वकील करूनाकर श्रीवास्तव के मुताबिक घटना की एफआईआर 30 जून 2015 को थाना जीआरपी, फैजाबाद में दर्ज कराई गई। जीआरपी की ओर से शपथ पत्र दाखिल करते हुए पूरे मामले को मामूली हाथापाई बताकर आरोपी टीटीई को बचाने प्रयास किया गया।
लेकिन न्यायालय ने सुनवाई के दौरान पाया कि पीड़ित को कई गम्भीर चोटें लगी थीं व शरीर भर में खरोंच और चोटें आई थीं। न्यायालय ने उक्त जवाब को निष्पक्ष न पाते हुए मामले की पुनर्विवेचना सीओ स्तर के अधिकारी से एसपी, जीआरपी के देखरेख में कराए जाने के आदेश दिए। मामले की अग्रिम सुनवाई 31 जुलाई को होगी।