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HC ने कहा- अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं अवैध कब्जा, 2 हफ्ते में रिपोर्ट तलब
याचिका पर आदेश पारित करते हुए जस्टिस आरएसआर मौर्य ने वहां के असिस्टेन्ट कलेक्टर को निर्देश दिया है कि वह स्वयं मौके पर जाकर भूमि की पैमाइश कराएं और कोर्ट को 2 सप्ताह में रिपोर्ट दें।
इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने गाजियाबाद के गांव सहबिस्वा, जलालाबाद, परगना, दादरी की गांवसभा की 0.940 हेक्टेयर जमीन वहां के भू माफियाओं द्वारा कब्जा कर लेने को गम्भीरता से लिया है। कोर्ट ने कहा है कि सरकारी जमीन पर बिना रेवेन्यू अधिकारियों की मिलीभगत से कब्जा सम्भव नही है। कोर्ट ने 2 हफ्ते में मामले की पूरी रिपोर्ट तलब की है।
अधिकारी पर जवाबदेही
याचिका पर आदेश पारित करते हुए जस्टिस आरएसआर मौर्य ने वहां के असिस्टेन्ट कलेक्टर को निर्देश दिया है कि वह स्वयं मौके पर जाकर भूमि की पैमाइश कराएं और कोर्ट को 2 सप्ताह में रिपोर्ट दें।
अदालत ने आदेश में यह भी कहा है कि यदि अबकी बार तीन बिन्दु बनाकर नियमानुसार जांच कर सही रिपोर्ट नहीं दी जाती है तो कोर्ट उस अधिकारी पर जवाबदेही तय करेगी।
कोर्ट ने यह आदेश तब दिया जब याची की तरफ से कहा गया कि दो बार जांचकर लेखपाल व इन्सपेक्टर ने गलत रिपोर्ट दी है कि उसने गांवसभा की जमीन कब्जा नही की है।
कैविएटर आनंदवर्धन चतुर्वेदी के अधिवक्ता रामानंद पान्डेय ने कहा कि याची ने गांवसभा की जमीन कब्जा कर रखा है। वह बार बार रिपोर्ट को गलत बताकर उस जमीन से कब्जा छोड़ना नही चाहता।
प्रॉपर्टी डीलर्स का हाथ
कहा गया कि स्थानीय स्तर पर इसमें प्रॉपर्टी डीलर्स का भी हाथ है। असिस्टेन्ट कलेक्टर व कलेक्टर ने आदेश पारित कर याची की बेदखली का आदेश पारित कर रखा है। परन्तु वह रिपोर्ट को गलत बता एक अथवा दूसरे बहाने करोड़ो की गांवसभा की जमीन कब्जा कर लेने की फिराक में है।
इस पर हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए गाजियाबाद के असिस्टेन्ट कलेक्टर को खुद मौके पर जांच का जिम्मा देते हुए दो सप्ताह मे रिपोर्ट मांगी ताकि कोर्ट इस मामले का निपटारा कर दे। कोर्ट ने इस केस को बतौर फ्रेश केस 30 मई को सुनने का आदेश दिया है।