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HC : गन्ना पर्यवेक्षकों की नियुक्ति रोकने पर यूपी सरकार से जवाब-तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गन्ना विभाग में गन्ना पर्यवेक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोके जाने पर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है।

tiwarishalini
Published on: 10 Aug 2017 9:02 PM IST
HC : गन्ना पर्यवेक्षकों की नियुक्ति रोकने पर यूपी सरकार से जवाब-तलब
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इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गन्ना विभाग में गन्ना पर्यवेक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोके जाने पर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार से उस आदेश की प्रति भी मांगी है जिसके द्वारा चयन प्रक्रिया रोकी गई है। आशीष कुमार और अन्य की याचिकाओं पर जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्र सुनवाई कर रहे हैं। याची के मुताबिक यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 26 अप्रैल 2016 को 874 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया।

इसकी लिखित परीक्षा और साक्षात्कार आदि की प्रक्रिया 3 फरवरी 2017 को पूरी हो गई। अंतिम चयन परिणाम जारी होने से पहले ही प्रदेश की योगी सरकार ने प्रक्रिया रोक दी। याचीगण का कहना है कि चयन प्रक्रिया में न तो किसी प्रकार की धांधली का आरोप है और न ही कोई जांच चल रही है। इसके बावजूद बिना कोई कारण बताए चयन प्रक्रिया रोक दी गई। कोर्ट ने 16 अगस्त तक इस मामले में सरकार को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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शिक्षामित्र की सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति पर जवाब तलब

इलाहाबाद: शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक पद पर समायोजन रद्द होने के बाद याची को 16448 सहायक अध्यापक में नियुक्ति देने पर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार और बीएसए बलिया से जवाब मांगा है। विवेक कुमार सिंह की याचिका पर जस्टिस पीकेएस बघेल सुनवाई कर रहे हैं।

याची का कहना था कि याची शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित हुआ था। इस दौरान उसका चयन 16448 सहायक अध्यापक भर्ती में भी हो गया, मगर समायोजित होने के कारण उसने ज्वाइन नहीं किया। अब चूंकि शिक्षामित्रों का समायोजन सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है, लिहाजा याची को सहायक अध्यापक की भर्ती के तहत नियुक्ति दी जाए। याचिका पर 4 सितंबर को सुनवाई होगी।

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उर्दू में अधिसूचना जारी करने पर मुख्य सचिव को निर्णय लेने का निर्देश

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की द्वितीय राजभाषा उर्दू में अधिसूचनाओं, परिपत्रों आदि के प्रकाशन के मामले में मुख्य सचिव को आठ हफ्ते में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

यह आदेश जस्टिस तरूण अग्रवाल और जस्टिस अशोक कुमार की खंडपीठ ने यूपी यूनानी डॉक्टर्स एसोसिएशन हकीम परवाज उलूम की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

ऐेसे में सरकार द्वारा जारी होने वाली अधिसूचनाएं परिपत्र हिन्दी के साथ उर्दू भाषा में भी प्रकाशित किया जाना कानूनी बाध्यता है। प्रदेश में इसका पालन नहीं किया जा रहा है। याची का कहना था कि उसने मुख्य सचिव को प्रत्यावेदन दिया है जो विचाराधीन है। जिसे कोर्ट ने निर्णीत करने का निर्देश दिया है।

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गोरखपुर दंगा- सुनवाई 31 अगस्त को

इलाहाबाद: गोरखपुर में 2007 में सांप्रदायिक दंगे को लेकर दाखिल याचिका की सुनवाई 31 अगस्त के लिए स्थगित हो गई है। इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस ए.सी शर्मा की खंडपीठ कर रही है। याची परवेज परवाज और अन्य के अधिवक्ता एस.एफ.ए नकवी का कहना था कि पुलिस ने कानून के तहत विवेचना नहीं की है और बड़े लोगों के खिलाफ देरी के आधार पर जांच करने से एक तरह से इंकार कर दिया है।

इसके साथ ही पेश की गई सीडी की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट भी सही नहीं है और बिना आधार के सीडी से छेड़छाड़ की रिपोर्ट दी गई है। जबकि सीडी में बीजेपी नेताओं द्वारा भड़काऊ भाषण देते हुए देखा जा सकता है। पुलिस की विवेचना निष्पक्ष नहीं होने के कारण दंगे की जांच सीबीआई से कराई जाए।

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HC परिसर के बाहर मल्टी लेवल दो पार्किंगों का प्रस्ताव शासन को भेजा

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर के बाहर मल्टी लेवल पार्किंग, लेडीज चैंबर, पेयजल आपूर्ति, फ्लाई ओवर, रूट डायवर्जन और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर दाखिल याचिका की अगली सुनवाई की तारीख 18 अगस्त नियत की गई है। वकील सुनीता शर्मा की जनहित याचिका की सुनवाई जस्टिस तरूण अग्रवाल और जस्टिस अशोक कुमार की खंडपीठ कर रही हैं। एसएसपी इलाहाबाद और हाईकोर्ट प्रशासन की तरफ से याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया। याची ने प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा जिस पर अगली सुनवाई की तिथि 18 अगस्त को होगी।

हाईकोर्ट के विशेष कार्याधिकारी (वाद) शेषमणि के जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि वाहन पार्किंग की स्थायी व्यवस्था के लिए राज्य शासन को दो प्रस्ताव भेजे गए हैं। एक क्रिकेट ग्राउंड के नीचे अंडर ग्राउंड पार्किंग और जीटी रोड पर बंगला व प्लाट संख्या 58 रकबा 6321.37 वर्ग मीटर शामिल है। साथ ही बिल्डिंग कमेटी ने पी.डब्लू.डी. को पार्किंग स्थल प्लान तैयार करने का आदेश दिया है।

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