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SERVICE में बने रहे UP सरकार का सिरदर्द, रिटायरमेंट के बाद खोला मोर्चा
लखनऊ: यूपी कैडर के रिटायर आईएएस सूर्य प्रताप सिंह अपने सेवाकाल के दौरान यूपी सरकार के गले की फांस बने रहे। और अब रिटायर होने के बाद भी सरकार के गले की हड्डी बन गए हैं। सिंह ने सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ पूरा मोर्चा खोल दिया है।
निशाने पर सरकार और नौकरशाही
-सूर्य प्रताप सिंह ने सपा सरकार और यूपी की नौकरशाही पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
-सिंह ने कटाक्ष किया कि सूबे में तमाम स्वघोषित मुख्यमंत्री है।
-इन स्वघोषित मुख्यमंत्रियों के अलग-अलग संरक्षण के कारण नौकरशाही 'विभाजित और बेलगाम' है।
सोशल मीडिया पर सूर्य प्रताप सिंह का अकाउंट
नाकारा अधिकारियों का तंत्र
-सिंह ने आरोप लगाया है कि राज्य में भ्रष्ट और नाकारा अधिकारियों का एक मज़बूत तंत्र बन चुका है।
-यह तंत्र पहले से ही नाकारा राजनैतिक नेतृत्व को और भी नाकारा साबित कर रहा है।
-यह तंत्र ईमानदार अधिकारियों को भी अपमानित और शर्मसार कर रहा है।
अपने अपने आका
-सूर्य प्रताप सिंह ने अपने फेसबुक वाल पर लिखा है कि यूपी में भ्रष्ट अधिकारियों की एक पूरी फेहरिस्त है।
-ये अधिकारी 'सर जी' यानी 'मुख्य कार्यकारी नेतृत्व' के आदेशों और सलाह मशविरों को नहीं मानते।
-भ्रष्ट अधिकारियों का यह तंत्र दिल्ली, लखनऊ और सैफई में बैठे अपने 'आकाओं' का हुक्म बजाता है।
सीएम की अनुभवहीनता का लाभ
-सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि सीएम के इर्द—गिर्द चमचे, भ्रष्ट अधिकारियों का एक समूह जमा हो गया है।
-यह समूह सीएम की 'अनुभवहीनता' का लाभ उठा रहा है और विकास के झूठे सपनों और प्रोजेक्ट्स के नाम पर अपनी जेबें गर्म कर रहा है।
सूर्य प्रताप सिंह (फाइल फोटो): यूपी सरकार पर गंभीर आरोप
पता नहीं 'सर जी' की नींद कब खुलेगी ?
-सिंह ने लिखा है- 24घंटे बिजली, एक्सप्रेसवे और मेट्रो के नाम पर भ्रष्टाचार मचा है।
-या तो 'सर जी' वास्तव में अनजान हैं, या फिर जानबूझकर ऐसा दिखाया जा रहा है कि सरजी बड़े भोले हैं और 'मलाई' मिलकर काटी जा रही है।
-लिखा है- आरम्भ में 'सर जी' की छवि पढ़े-लिखे और अपने फैसले खुद लेने वाले नेता की बनी थी।
-अब वो छवि बिलकुल ही धुल चुकी है, ये 'पब्लिक' है ये सब जानती है।
-इस सरकार में 47% मंत्री और 43% विधायक अपराधी हैं।
-खनन माफिया, अपराध-माफिया, सब हावी हैं इस सरकार में।
सेवाकाल में भी बने थे मुसीबत
-आईएएस सूर्य प्रताप सिंह अपने सेवाकाल के दौरान भी सरकार के लिए मुसीबत बने रहे थे।
-उन्होंने यूपी की शिक्षा व्यवस्था में नकल माफियाओं के दखल की बात कहकर सनसनी फैला दी थी।
-लोक सेवा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष अनिल यादव के विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्रों का समर्थन भी किया था।
-शिक्षा में नकल तंत्र को कमजोर करने के लिए प्रदेश के कई जिलों का दौरा किया था।