TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर, कोरोना मरीजों में बंटी एक्सपायर दवा

मरीज की शिकायत पर जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग को दिया कारण बताओ नोटिस

Sunil Mishra
Written By Sunil MishraPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 27 May 2021 5:13 PM IST
स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर, कोरोना मरीजों में बंटी एक्सपायर दवा
X

एटा। जनपद में कोविड-19 के संक्रमित मरीजों को उपचार के लिए तथा रोकथाम के लिए सरकार द्वारा होम आइसोलेट व कान्ट्रैक्ट ट्रैसिग वाले मरीजों को बांटी जाने वाली किटो के शहरी क्षेत्र में वितरण की जाने वाली कोविड-19 किट मे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते एक दवा ऐसी बांटी गयी जो जनवरी में ही एक्सपायर हो गयी थी। मरीजों ने जिलाधिकारी विभा चहल से एक्सपायर दवा वितरित किए जाने की। शिकायत पर उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी उमेश त्रिपाठी को कोरोना के मरीजो के जीवन से खिलवाड़ करने पर कारण बताओ नोटिस जारी कर कठोर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। जिलाधिकारी के नोटिस के बाद स्वास्थ्य विभाग में हडकंप मच गया।


जनवरी में ही एक्सपायर हो गयी थी दवा

मुख्य चिकित्साधिकारी उमेश त्रिपाठी ने बताया कि कोविड-19 के मरीजों को उपचार के लिए मिलने वाली दवाओं की किट में एक दवा जनवरी एक्सपायर की वितरित किये जाने की जिलाधिकारी से शिकायत की गयी थी जब उक्त शिकायत की जांच कर जानकारी ली गयी तो वह सही पायी गयी। तो दवा के पैकिंग करने वाले कर्मचारियों अमृत सिंह स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, गजेंद्र सिंह मलेरिया निरीक्षक, श्यामसुन्दर व दीपक कुमार मलेरिया निरीक्षक, श्रीपाल व उमेश कुमार आई एफ डब्लू को इस अक्षम्य लापरवाही के लिए नोटिस जारी किया गया है साथ ही दवा औषधि कार्पोरेशन के इंचार्ज अपर मुख्य चिकित्साधिकारी रामसिंह को भी नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इसकी जांच कराके दोषियों के विरूद्व कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।



सामने आयी बड़ी लापरवाही

आपको बताते चलें कि सीएमओ कार्यालय में बनाये गये कोविड नियंत्रण कक्ष से इस महामारी को नियंत्रण करने के लिए वितरित की जाने वाली दवाओं की किट तैयार कराके वितरित कराने का जिम्मा डाॅक्टर सतीश नागर व मलेरिया अधिकारी लोकमन सिंह का है। लोकमन ने एक्सपायर दवा के वितरण के सम्बन्ध में बताया कि हमारे द्वारा किट बनाने वाली हर एक दवा की एक्सपायरी हमेशा की भांति अभी भी चेक की गयी किन्तु औषधि भण्डार से आये 10 बाक्सों जिनकी एक्सपायरी जून थी में एक बाक्स जनवरी एक्सपायरी का भी निकल आया जो दवा पैक होकर वितरित हो गयी सूचना मिलने पर सभी शहरी क्षेत्र में दवा वितरित कर रही 20 टीमों की दवा वापस मगा ली गयी है। और उनकी जांच की जा रही है। इस पूरे खेल मे जब स्वास्थ्य विभाग काफी समय से दवा की कमी होने का रोना रोता चला आ रहा था तो दवा एक्सपायर कहाँ से आ गयी। गोदाम में दवा एक्सपायर मौजूद थी तो चार महिने बीत जाने के बाद भी गोदाम से अलग क्यों नहीं किया गया। गोदाम में एक्सपायरी व सही दवा की मौजूदगी व वितरण की जिम्मेदारी के सवाल पर मलेरिया अधिकारी ने बताया कि यह सारी जिम्मेदारी एसीएम ओ राम सिंह की है। जो गोदाम के इंचार्ज है उन्ही की देखरेख में पूरा वितरण किया जाता है।

इस पूरे क्रम में स्वास्थ्य विभाग की इतनी बडी जानलेवा लापरवाही को अधिकारी सिर्फ कर्मचारियों के ऊपर डालते नजर आ रहे हैं कोई अपनी जिम्मेदारी मानने को तैयार नहीं है। हालांकि मुख्य चिकित्साधिकारी शीघ्र टीम से जांच के बाद कठोर कार्रवाई किये जाने की बात कर रहे हैं। किंतु 36 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो सकी थी। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी रामसिंह से फोन पर वार्ता नहीं हो सकी तथा जिलाधिकारी विभा चहल के फोन पर बारबार घंटी जाने के बाद भी फोन नही उठा। फिलहाल एक्सपायर दवा कोरोना मरीजों को बाटे जाने से स्वास्थ्य विभाग से लापरवाही व भ्रष्टाचार की बू आने लगी है। उक्त मामला गंभीर जांच का विषय है।



\
Pallavi Srivastava

Pallavi Srivastava

Next Story