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अब नहीं होगी CMO पत्र की जरूरत: संक्रमित मरीज को भर्ती करा सकेंगे निजी अस्पताल में

यूपी में हजारों मौतों के बाद अब जाकर लखनऊ का स्वास्थ्य विभाग गंभीर हो पाया है।

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Newstrack Network NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 22 April 2021 3:44 PM GMT
कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है।
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कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज(फोटो-सोशल मीडिया)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। ऐसे में हजारों मौतों के बाद अब जाकर लखनऊ का स्वास्थ्य विभाग गंभीर हो पाया है। अब आदेश जारी किया गया है कि कोरोना संक्रमितों को किसी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी(CMO) के पत्र की जरूरत नहीं होगी।

इसके साथ ही बेड खाली होने की स्थिति में प्राइवेट अस्पताल अब किसी भी कोविड संक्रमित को सीधे भर्ती कर सकेंगे। बता दें, लखनऊ में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण से 1584 लोगों की मौत हो चुकी है।

मरीजों को स्वत: भर्ती कर सकते अस्पताल

राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज कराने के लिए लोगों को अब बेड की उपलब्धता पर निजी चिकित्सालयों में आसानी से भर्ती किया जाएगा। जिसके चलते अब किसी भी निजी चिकित्सालयों में कोरोना संक्रमित मरीजों की भर्ती के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी की इजाजत की जरूरत नहीं होगी। इनको तो अब निजी चिकित्सालय स्वत: भर्ती कर सकते हैं।

इस बारे में लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजय भटनागर ने बताया अभी तक निजी चिकित्सालयों में कोरोना उपचाराधीन मरीजों को भर्ती होने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी की परमिशन चाहिए होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। निजी हॉस्पिटल संक्रमितों को भर्ती कर इलाज कर सकते हैं।

आगे मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि निजी प्रयोगशालाएं कोरोना संक्रमित के साथ ही संभावित की जांच निरंतर जारी रखें और समय से रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। जिससे कि जांच और इलाज समय से हो सके।

वहीं उन्होंने बताया कि 45 वर्ष से अधिक उम्र के जो भी लोग कोरोना का लगवाने के लिए आ रहे हैं। उनका टीकाकरण किया जा रहा है। लखनऊ के 45 वर्ष से अधिक की उम्र के सभी लोग स्वयं तथा अपने परिवार के लोगों को टीका अवश्य लगवाएं।

Vidushi Mishra

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