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UP News: सीएमओ सीएमएस से भर्ती व तबादलों का अधिकार छिना
UP News: भर्ती में बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद यह तय किया गया है कि यह जिम्मा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक (प्रशासन) को दिया जाए।
UP News: स्वास्थ्य विभाग से बड़ी खबर आ रही है जिसमें चार जिलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में फर्जीवाड़े पर कड़ी कार्रवाई की गई है। शासन स्तर पर CMO व CMS से नियुक्ति करने का अधिकार वापस लेने का प्रस्ताव है। स्वास्थ्य महानिदेशालय के प्रस्ताव के मुताबिक अब निदेशक स्तर के अधिकारी भर्ती करेंगे। इस आशय का प्रस्ताव प्रमुख सचिव पार्थ सेन शर्मा को भेजा गया है। आपको बता दें कि अंबेडकरनगर, बलिया, मिर्ज़ापुर, मेरठ में भर्ती में फर्जीवाड़े का मामला खुला था।
सूत्रों के मुताबिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के तहत आने वाले कार्यालयों व अस्पतालों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती अब जिलों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO), अस्पतालों मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS), प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक व मंडलीय अपर निदेशक नहीं करेंगे।
भर्ती में बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद यह तय किया गया है कि यह जिम्मा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक (प्रशासन) को दिया जाए। इसी के साथ स्थानांतरण का अधिकार भी सीएमओ व सीएमएस से ले लिया गया है यह काम भी निदेशक स्तर के अधिकारी करेंगे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से शासन को इसका प्रस्ताव भेज दिया गया है।
आपको बता दें कि चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती में बीते दिनों बड़ी संख्या में फर्जीवाड़े की शिकायतें आई थीं। ऐसे में निदेशक (प्रशासन) डा. राजागणपति आर की ओर से प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थसारथी सेन शर्मा को अब यह प्रस्ताव भेजा गया है।
152 चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की फर्जी में भर्तीवाड़ा
दरअसल, बलिया में सीएमओ द्वारा 152 चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की फर्जी में भर्तीवाड़ा किया गया था। मेरठ के जिला चिकित्सालय में प्रमुख अधीक्षक पीएल वर्मा ने बैकलाग के पद न होने पर भी भर्ती कर ली थी। इसी तरह सीएमओ मीरजापुर ने 64 और अंबेडकरनगर के जिला अस्पताल के सीएमएस ने 62 चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा किया था।
फर्जीवाड़े के मामले लगातार कोर्ट पहुंचने से स्वास्थ्य विभाग की किरकिरी हो रही थी। ऐसे में यह फैसला लिया गया है कि सीएमओ और सीएमएस से यह अधिकार ले लिया जाए। इसी के साथ स्थानांतरण में भी अनियमितताओं की बात लगातार सामने आ रही थी जिसके चलते अब 15 हजार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का स्थानांतरण भी निदेशक (प्रशासन) के माध्यम से कराए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है। ताकि तबादलों को लेकर विभाग की बदनामी न हो।