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Aligarh News: लखनऊ के पूर्व एमएलसी पर आज कोर्ट में सुनवाई, कॉलेज न जाकर लेते रहे वेतन
Aligarh News: लखनऊ से एमएलसी रहे महेश चंद्र आर्य के खिलाफ एमपी-एमएलए मामलों की निचली अदालत में वाद दायर किया गया है। जिसकी सुनवाई आज मंगलवार को होगी।
Aligarh News: लखनऊ से एमएलसी रहे महेश चंद्र आर्य के खिलाफ एमपी-एमएलए मामलों की निचली अदालत में वाद दायर किया गया है। जिसकी सुनवाई आज मंगलवार को होगी। आरटीआई एक्टिविस्ट केशव देव द्वारा दायर किए गए वाद में कई आरोप लगाए गए हैं। पूर्व एमएलसी पर आरोप है कि लक्ष्मी राज इंटर कॉलेज गभाना से निलंबित होने के बाद भी वेतन लेते रहे।
साथ ही एमएलसी व एससी-एसटी आयोग के सदस्य होने पर भी लाभ लेते रहे। दायर वाद में पूर्व एमएलसी पर यह भी आरोप है कि सहायक अध्यापक रहते हुए कॉलेज में न जाकर वहां उनकी हाजिरी लगती रही और पूरा वेतन लिया गया।
आरटीआइ एक्टिविस्ट ने की पड़ताल
कल्याणनगर के रहने वाले आरटीआइ एक्टिविस्ट पंडित केशव देव शर्मा ने बताया कि उनके द्वारा जिला पंचायत कार्यालय के अर्न्तगत अलीगढ़ गभाना में संचालित लक्ष्मीराज इंटर कॉलेज से इस संबंध में सूचना मांगी थी। कॉलेज में 1991 में अस्थाई रूप से नियुक्त किए गए सहायक अध्यापक महेश चंद्र आर्य के बारे में पूछा गया लेकिन कई बार आरटीआई के बावजूद अपूर्ण सूचना ही उपलब्ध कराई गई।
फिर वाद दायर किया गया और अब एमपी-एमएलए कोर्ट की निचली अदालत एसीजेएम-तृतीय के यहां धारा-420 के अंतर्गत के इस वाद पर सुनवाई होगी। आरटीआई एक्टिविस्ट के अधिवक्ता बिजेन्द्र पाल गुप्ता ने बताया कि पूर्व एमएलसी की नियुक्ति अलीगढ़ गभाना के एक इंटर कॉलेज में हुई थी। 2006 को संस्था प्रबंधक व तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा इन्हें निलंबित कर अग्रिम आदेशों तक विद्यालय में उपस्थित होने पर रोक लगा दी गई।
2011 से 2015 तक विधानपरिषद सदस्य
आरोप है कि इनके द्वारा तथ्यों को छिपाकर 2007 से 2011 तक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य के रूप में रहा गया और इस अवधि में निलंबित अवधि का नियमानुसार देय वेतन प्राप्त करते हुए आयोग से भी वेतनमान प्राप्त किया। आरोप है कि 2011 से 2015 तक विधानपरिषद सदस्य रहते हुए भी प्रतिमाह की दर से वेतन प्राप्त किया। आरोप है कि ऐसा कर सरकार के साथ धोखाधड़ी की गई।