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गायत्री प्रजापति मामले पर सुनवाई पूरी, डिस्चार्ज अर्जी पर आदेश सुरक्षित
लखनऊ: पाॅक्सो के विशेष जज उमाशंकर शर्मा ने गैंगरेप मामले में दाखिल पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की डिस्चार्ज अर्जी पर 19 सितंबर तक के लिए आदेश सुरक्षित कर लिया है। अर्जी देकर गायत्री को बिना विचारण ही बरी करने की मांग उठाते हुए उनकी ओर से कहा गया था, कि इस मामले की एफआईआर तीन साल बाद दर्ज कराई गई है। यह भी तर्क था कि गायत्री के खिलाफ पाॅक्सो एक्ट का अपराध नहीं बनता है। लिहाजा इस मामले में मुल्जिम गायत्री को डिस्चार्ज किया जाए।
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यह अर्जी बीते 21 अगस्त को दाखिल की गयी थी, जिस पर गायत्री की ओर से मंगलवार को उनके वकील ने अपनी बहस पूरी कर ली। दूसरी तरफ, अभियोजन की ओर से गायत्री की इस अर्जी को खारिज करने की मांग की गई। यह कहते हुए कि मुल्जिम पर आरोप तय हो चुका है। लिहाजा अर्जी पोषणीय नहीं है।
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ये है मामला
18 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य छह मुल्जिमों के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में गैंगरेप, जानमाल की धमकी व पाॅक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पीड़िता की अर्जी पर दिया था। 18 जुलाई, 2017 को पाॅक्सो की विशेष अदालत ने इस मामले में मुल्जिम गायत्री, विकास, आशीष, अशोक, अमरेंद्र, चंद्रपाल व रुपेश्वर के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 डी, 354 ए(1), 509, 504 व 506 में आरोप तय किए। साथ ही मुल्जिम गायत्री, विकास, आशीष व अशोक के खिलाफ पाॅक्सो एक्ट की धारा 5जी/6 के तहत भी आरोप तय किया था। यह सभी मुल्जिम न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। सुनवाई के दौरान मुल्जिम गायत्री जेल से अदालत में हाजिर थे।
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