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बेमौसम बारिश-ओले से हाहाकार, किसानों को भारी नुकसान, दो की मौत
लखनऊः राजधानी सहित यूपी के कई शहरों में बेमौसम बारिश का कहर देखने को मिला है, जहां चंदौली मे आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई और कई बच्चे झुलस गए, वहीं पूरे प्रदेश के किसानों की रबी की खड़ी फसल पर भी मौसम की मार पड़ी है। चंदौली जिले में पिछले दो दिनों से लगातार तेज हवा के साथ रुक-रुक कर बारिश हो रही है। यह सिलसिला सोमवार की सुबह भी जारी रहा। बिजली कड़कने के साथ करीब 10 मिनट के लिह यहां तेज ओलावृष्टि भी हुई।
इस दौरान धानापुर थाना क्षेत्र के अल तौहीद मदरसे में आकाशीय बिजली गिरी जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। कुछ देर के लिए किसी को समझ में नहीं आया कि क्या हुआ। जब तक समझते तब तक बिजली की चपेट में आने से इफ्तखार(32) और समीम(45) की मौके पर मौत हो चुकी थी।
लखनऊ में ओले गिरने से किसान मायूस
राजधानी में तेज बारिश के साथ ओले गिरने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। बाहर निकले लोग तेजी से सुरक्षित जगहों पर पहुंचने के लिए भागते दिखे। वहीं कुछ लोग इस नज़ारे को अपने मोबाइल के कैमरों में कैद करने में लग गए। मौसम में हुए बदलाव से जहां शहरी लोगों को गर्मी से निजात मिली है, वहीं ओले पड़ने से किसानों के चेहरों पर मायूसी छा गई है।
लखनऊ और प्रदेश के कई इलाकों में बारिश और ओले पड़ने से गेहूं, सरसों और जौ की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। पिछले साल खरीफ की फसल चौपट होने के चलते कई किसानों ने निराशा में डूबकर आत्महत्या कर ली थी। रबी की फसल भी चौपट होने से किसानों में हताशा का माहौल है।
आंधी-बारिश ने बरेली मे अन्नदाता को बेहाल कर दिया
बेमौसम आंधी, बारिश और ओलावृष्टि से बरेली में 25 फीसदी से ज्यादा गेहूं की फसल खराब होने का अनुमान है। शनिवार सुबह हुई ओलावृष्टि और रात में आई आंधी ने कई गांवो की गेहूं की फसल को गिरा दिया, सदर, बहेड़ी, आंवला, मीरगंज, नवाबगंज और फरीदपुर क्षेत्र के गांव में हजारों बीघा की फसल प्रभावित हुई है।
किसानों ने मुआवजे की भी मांग उठानी शुरु कर दी है, दूसरी तरफ कृषि विभाग के अफसर ने अब तक नुकसान का अनुमान लगाने की कोई प्रक्रिया नही शुरू की। मीरगंज तहसील दुनका के कई गांवो में तैयार गेहूं की फसल आंधी-पानी से खेतों में बिछ गई है। पिछले साल की प्राकृतिक आपदा से तबाह हुए किसान इस बार भी गेहूं बर्बाद होने की आशंका से सहम गए हैं।
बनारस भी नहीं रहा अछूता
वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्रों में रविवार से ही कई बार बारिश हुई, सोमवार को कुछ क्षेत्रों में ओले भी पड़े। बेमौसम की भारी वर्षा, तेज हवा और ओले से फसलों विशेषकर गेंहूं, सरसों, चना और सब्जियों को भारी नुकसान हुआ है, किसान बेहाल हैं। इस बार आम की फसल भी अच्छी होने की संभवना थी किन्तु बारिश और ओले से आम के बौर झड़ गए हैं।
सरसों की अगैती फसल जो लगभग कटने के लिए तैयार थी उसके दाने बिखर गए हैं। कटी हुई फसल भी भीगने से सड़ने लग गई है। गेहूं और जौ की फसल जमीन पर लेट गई है। इस साल एक बार फिर आई इस आपदा से क्षेत्रीय किसान बिल्कुल तबाही की स्थिति में आ गए हैं।
बुंदेलखंड मे पड़ी दोहरी मार
बुंदेलखंड में सूखे से बर्बाद हुई फसलों का अभी तक किसानों को मुआवजा भी नहीं मिल पाया था कि ओलावृष्टि ने किसानों को मौत के मुहाने पर खड़ा कर दिया है। सूखे से सबसे अधिक प्रभावित जनपद महोबा में 15 फीसदी हुई खेती पर भी ओलावृष्टि ने तबाही मचा दी हैं। मजबूरन किसान मुआवजे की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए। श्रीनगर और महोबा में किसानों के जाम से दर्जनों वाहन फंसे रहे। तहसीलदार और पुलिस के समझाने से तीन घंटे बाद जाम खुल गया।
मौसम मे नहीं होगी तबदीली
क्षेत्रीय मौसम केंद्र के डायरेक्टर जेपी गुप्ता ने बताया कि आने वाले 48 घंटों मे आसमान मे बादल छाए रहेंगे और प्रदेश के विभिन्न इलाकों मे रुक-रुक कर तेज बौछार के साथ बारिश होगी। कुछ इलाकों मे ओएलई भी पड़ने की संभावना है।