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यह फोन तो उठता ही नहीं: अस्पतालों में नहीं हैं हेल्पलाइन नंबर, जहां है वहां का नंबर ही गलत!

मरीज़ों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उनके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाते हैं ताकि ज़रूरत के समय वह अस्पताल प्रशासन से सीधे जुड़ सकें। लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। जब लखनऊ के कुछ नामचीन अस्पतालों की पड़ताल की गई तो पता चला कि इनमें से अधिकांश अस्पतालों में कोई हेल्पलाइन नंबर नहीं है। कुछ गिने चुने अस्पतालों में हेल्पलाइन नंबर हैं भी तो वह भी किसी काम के नहीं, इन्हें डायल करने पर आपको रॉन्ग नंबर की सूचना मिलती है या फिर फोन ही नहीं उठता ।

Shivakant Shukla
Published on: 22 Dec 2018 1:11 PM GMT
यह फोन तो उठता ही नहीं: अस्पतालों में नहीं हैं हेल्पलाइन नंबर, जहां है वहां का नंबर ही गलत!
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स्वाति प्रकाश

लखनऊ: राजधानी के कई अस्पतालों में अक्सर कई अप्रिय घटनाएं घट जाती हैं। मरीज़ों को ऐसी परिस्थितियों से बचाने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाता है जिससे वह परेशानी के समय अस्पताल से सम्पर्क कर सकें। अस्पतालों में हर दिन भारी संख्या में मरीज़ों का आना जाना होता है । इतनी बड़ी संख्या में आने वाले मरीज़ों के प्रति अस्पताल प्रशासन की ज़िम्मेदारी बहुत अहम साबित होती है।

मरीज़ों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उनके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाते हैं ताकि ज़रूरत के समय वह अस्पताल प्रशासन से सीधे जुड़ सकें। लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। जब लखनऊ के कुछ नामचीन अस्पतालों की पड़ताल की गई तो पता चला कि इनमें से अधिकांश अस्पतालों में कोई हेल्पलाइन नंबर नहीं है। कुछ गिने चुने अस्पतालों में हेल्पलाइन नंबर हैं भी तो वह भी किसी काम के नहीं, इन्हें डायल करने पर आपको रॉन्ग नंबर की सूचना मिलती है या फिर फोन ही नहीं उठता ।

बलरामपुर अस्पताल

बलरामपुर अस्पताल शहर का सबसे पुराना सरकारी अस्पताल है। रोज़ाना यहाँ हज़ारों की तादाद में मरीज़ आते हैं। इतना पुराना और व्यापक सेवाएं देने वाला यह अस्पताल अभी तक सालों पुराने ढर्रे पर चल रहा है। न ही इस अस्पताल को अभी तक एनएबीएच सर्टिफिकेट मिला है, न ही यहां मरीज़ों के लिए अतिरिक्त सुविधाएं मौजूद हैं। यहां अक्सर मरीज़ों के साथ दुर्व्यवहार और इलाज में लापरवाही के खुलासे होते रहते हैं ।ऐसे में यहाँ मरीज़ों की सुविधा का खास ख्याल रखने की ज़रुरत है। यहां मरीज़ों के लिए कोई हेल्पलाइन नंबर तक नहीं है।

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जब सीएमस ऋषि सक्सेना से इस विषय पर बात की गयी तो उन्होंने बताया कि उनके पास कोई कॉमन हेल्पलाइन नंबर तो नहीं है, लेकिन एक हेल्प डेस्क है जिसके नंबर पर कॉल करके मरीज़ अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं। हालाँकि जब इस नंबर पर फोन किया गया तो फोन नहीं उठा। सुबह 10 से 4 बजे के बीच में लगातार कई बार यह नंबर डायल किया गया , लेकिन एक बार भी फोन नहीं उठा। पूछने पर सीएमएस ने कहा कि शायद ऑपरेटर कुछ काम कर रहा होगा, इसलिए फ़ोन नहीं उठा। इस विषय पर जल्द ही ज़िम्मेदारों को तलब किया जाएगा। यह नंबर है- 7408404659

केजीएमयू

केजीएमयू का नाम लखनऊ के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित अस्पतालों में शुमार है। यह अस्पताल अपनी स्पेशलाइज़्ड सर्विस के लिए जाना जाता है। हालाँकि यहाँ भी मरीज़ों के लिए कोई कॉमन हेल्पलाइन नंबर नहीं है । कम पढ़े लिखे मरीज़ों के लिए दीवारों पर हेल्पलाइन नंबर लिखे होने की कोई व्यवस्था नहीं है। जब केजीएमयू के पीआरओ संतोष से इस बाबत सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अस्पताल की साइट पर हेल्पलाइन नंबर मौजूद है। जब साइट पर लिखे इन नंबरों पर कॉल की गई तो इनमें से एक भी नंबर सही नहीं निकला ।सभी नंबरों पर गलत नंबर की जानकारी मिली। केजीएमयू में करीब एक साल पहले लिफ्ट में फंसने से एक गर्भवती महिला की मौत हो गई थी।

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इस दर्दनाक हादसे के बाद अस्पताल प्रशासन ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया था जिससे मरीज़ मुसीबत के समय अस्पताल प्रशासन से तुरंत जुड़ सकें। आज 2 साल बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं हो सका है।केजीएमयू में अक्सर मरीज़ और कर्मचारियों के लिफ्ट में फंसने के मामले सामने आते रहते हैं, ऐसे में हेल्पलाइन नंबर ही एकमात्र साधन होता है , लेकिन साइट पर दिए गए यह गलत नंबर केजीएमयू की असंवेदनशीलता और लापरवाही के मूक गवाह बन रहे हैं। पीआरओ संतोष ने इस मामले को संज्ञान में लेने की बात कही। अस्पताल के नंबर यह हैं - 91522 -2257450 ,2257451 , 2257452 ,2257453

क्वीन मैरी

क्वीन मैरी महिला अस्पताल सालों से गर्भवती और प्रसूताओं का इलाज कर रहा है। केजीएमयू की यूनिट होने के कारण यहाँ रोज़ाना सैंकड़ों की संख्या में महिलाएं इलाज और डिलीवरी करवाने आती हैं। यहां केवल लखनऊ ही नहीं, बल्कि आस पास के जिलों से रेफर हुई महिला मरीज़ भी अपना इलाज करवाने आती हैं। यहां हर रोज़ मरीज़ों की भारी भीड़ रहती है। मरीज़ों की ज़्यादा संख्या होने के कारण अक्सर यहाँ लापरवाही के मामले सामने आते रहते हैं।

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मरीज़ों की अतिरिक्त संख्या को देखते हुए यहां एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया था जिससे मरीज़ों की समस्या का त्वरित समाधान हो सके । लेकिन यहाँ भी हकीकत कुछ और है, बार बार डायल करने पर भी यह नंबर नहीं उठता। सुबह 11 से शाम 5 बजे तक इस नंबर को कई बार डायल किया गया लेकिन एक बार भी कॉल रिसीव नहीं की गयी। क़्वीन मैरी के पीआरओ पुष्कर ने कहा कि उन्हें अस्पताल के हेल्पलाइन नंबर के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर मरीज़ को ज़रूरत पड़े तो वह पीआरओ को कॉल कर सकता है।यह नंबर है -0522 -2257742

लोहिया अस्पताल

लोहिया अस्पताल लखनऊ के सबसे बड़े अस्पतालों की लिस्ट में आता है । यहाँ हर दिन हज़ारों मरीज़ ओपीडी में आते हैं । ज़्यादा संख्या में मरीज़ों के आने के कारण यहां अक्सर दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में मरीज़ को अस्पताल प्रशासन से सम्पर्क करने के लिए हेल्पलाइन नंबर की बहुत ज़रुरत होती है। अस्पताल में मरीज़ों को बेहतर सुविधाएं मुहैय्या कराने के लिए अस्पताल प्रशासन ने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।

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अस्पताल परिसर में जगह जगह यह नंबर लिखा हुआ है। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जगह जगह लिखा हुआ यह नंबर मरीज़ों को कोई सुविधा नहीं दे रहा । इस नंबर पर फोन मिलाने पर यह उठता नहीं है। सुबह 10 बजे से दिन में तीन बजे तक लगातार फोन मिलाने पर भी फोन नहीं उठा। एक बार फोन उठा भी तो कॉल फॉर्वडिंग पर लगा दिया गया। पीआरओ निमिषा का कहना है कि वह इसी नंबर पर ज़रूरी सूचना देती हैं, हो सकता है कर्मचारी मौके पर मौजूद न हो। यह हेल्पलाइन नंबर है- 0522 -6692000

सिविल अस्पताल

सिविल अस्पताल में भी हालात कुछ वैसे ही हैं। यहाँ रोज़ाना ओपीडी में मरीज़ों कि भारी भीड़ रहती है। आए दिन कोई न कोई गड़बड़ी होती रहती है ।यहाँ भी मरीज़ों के लिए कोई कॉमन हेल्पलाइन नंबर नहीं है। निदेशक डॉ एच इस दानू ने कहा कि उनके यहाँ हेल्प डेस्क नंबर है जो साइट पर मौजूद है , इसपर कॉल करके मरीज़ जानकारी ले सकते हैं, साथ ही अपनी समस्या भी बता सकते हैं । लेकिन यहां भी स्थिति बाकी अस्पतालों जैसी ही है। यहां पर हेल्प डेस्क का नंबर या तो उठता नहीं, या फिर बिजी रहता है। दिन में कई बार इस नंबर पर कॉल की गयी। कई बार तो फोन उठा ही नहीं, उसके बाद दोबारा डायल करने पर फोन बिज़ी जाता रहा । यह नंबर है - 07922683421

केवल झलकारीबाई में उठाया गया फोन

इन सभी अस्पतालों में केवल एक ही अस्पताल है जहाँ हेल्पलाइन नंबर पर जहाँ हेल्पलाइन नंबर अस्पताल परिसर के डिस्प्ले बोर्ड पर लगा हुआ है, साथ ही कॉल करने पर यहां कॉल रिसीव करने के साथ ही मरीज़ को ज़रूरी जानकारी भी दी जाती है। यहां कि सीएमएस सुधा वर्मा ने बताया कि उनके अस्पताल में मरीज़ों कि छोटी बड़ी हर ज़रूरत का ख्याल रखा जाता है। मरीज़ों को कोई तकलीफ न हो इसके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किये गए हैं जिससे मरीज़ अपनी शिकायत और सुझाव दोनों बेझिझक होकर बता सकें। यह है हेल्पलाइन नंबर- 05222611005

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अस्पतालों के हेल्पलाइन नंबर मरीज़ों की सुविधा का सबसे बड़ा ज़रिया हैं। अगर यह न हों तो मरीज़ अपनी शिकायत और परेशानी लेकर कहाँ जाएंगे।अस्पतालों की मरीज़ों के प्रति जवाबदेही होना बहुत ज़रूरी है, अगर यह न हो तो मरीज़ों के अधिकार सुरक्षित नहीं रह सकते। इस वजह से सभी अस्पतालों को अपनी कार्य प्रणाली को दुरुस्त करने की सख्त ज़रुरत है, जिससे मरीज़ों का ईमानदारी से इलाज हो सके।

Shivakant Shukla

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