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70 साल से पुल की मांग पर HC ने कहा- अंग्रेजों का समय होता तो ठीक था, मगर...

aman
By aman
Published on: 22 Nov 2017 3:29 PM GMT
70 साल से पुल की मांग पर HC ने कहा- अंग्रेजों का समय होता तो ठीक था, मगर...
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70 साल से पुल की मांग पर HC ने कहा- अंग्रेजों का समय होता तो ठीक था, मगर...

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने शहर से सटे मलिहाबाद स्थित एक गांव में आने-जाने के लिए बेतवा नदी पर पिछले 70 सालों से पुल बनाने की मांग पर ध्यान न देने पर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। पुल न बनने के कारण गावं वालों को 21 किमी घूमकर मलिहाबाद आना पड़ता है। जबकि गांव वालों द्वारा चंदा कर बनाए गए लकड़ी के पुल से महिलाबाद केवल तीन किमी दूर पड़ता है।

सरकार की इस संवेदनहीनता पर कोर्ट ने उसे लताड़ लगाते हुए कहा, कि ब्रिटिश सरकार के समय तो ध्यान न देने की बात समझ में आती है परन्तु आजादी के 70 सैलून के संघर्ष के बाद भी गावं वालों की मांग पर ध्यान न देने की बात समझ से परे है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है, कि 'उक्त पुल बनाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही सरकार ने पुल बनाने के लिए मुफ्त में डिजाइन बनाने का ऑफर देने वाली मुम्बई की एक कंपनी के प्रति सरकार का रवैया क्या है? मामले की अगली सुनवायी 28 नवंबर को होगी।

अंग्रेजी अखबार की खबर पर लिया स्वतः संज्ञान

यह आदेश जस्टिस विक्रम नाथ व जस्टिस अब्दुल मोईन की बेंच ने एक अंग्रेजी अखबार की खबर पर स्वतः संज्ञान लेते हुए पारित किया। कोर्ट ने अपने दफ्तर को आदेश दिया, कि मामले को एक पीआईएल के रूप में दर्ज किया जाए। साथ ही कोर्ट ने अखबार की खबर को भी रिकार्ड पर रखने के निर्देश दिए हैं।

ये है मामला

अखबार में विगत 13 नवंबर को इससे जुड़ी एक खबर छपी थी। इस खबर में बताया गया था कि मलिहाबाद के बिराहिमपुर गांव के लोगों ने आने-जाने के लिए बेतवा नदी पर लकड़ी का एक पुल बना रखा है। उसकी मरम्मत भी वे चंदे के पैसे से करते हैं। पुल की वजह से गांव वाले 21 किमी का रास्ता न तय कर केवल 3 किमी का रास्ता तय कर मलिहाबाद पहुंच जाते हैं। गांव वाले अंग्रेजों के समय से ही पुल बनाने की मांग कर रहे हैं परन्तु किसी भी सरकार ने आज तक ध्यान नहीं दिया। इसीलिए गांव वालों ने इस बार स्थानीय निकाय चुनावों का बहिष्कार किया है। इस खबर को पढ़कर मुम्बई की कंपनी ने मुफ्त में पुल का डिजाइन तैयार करने का ऑफर दिया है। परंतु फंड के अभाव में पुल का निर्माण नही हो पा रहा।

इस खबर पर कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और मुख्य स्थायी अधिवक्ता रमेश पांडे से मामले में सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बावत जानकारी मांगी है।

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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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