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हाईकोर्ट: विभागों से मांगा जवाब, काशी में साफ सफाई पर गंभीर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पौराणिक महत्व के वाराणसी शहर में साफ सफाई व्यवस्था चुस्त दुरूस्त रखने पर प्रदेश सरकार व संबंधित विभाग से जवाब मांगा है। कोर्ट का कहना था कि वाराणसी पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। इसे यदि साफ सुथरा रखा जायेगा तो पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। कोर्ट ने अगली तारीख पर बताने को कहा है कि वाराणसी को साफ सुथरा शहर कैसे बनाया जा सकता है। कोर्ट ने कहा
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पौराणिक महत्व के वाराणसी शहर में साफ सफाई व्यवस्था चुस्त दुरूस्त रखने पर प्रदेश सरकार व संबंधित विभाग से जवाब मांगा है। कोर्ट का कहना था कि वाराणसी पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। इसे यदि साफ सुथरा रखा जायेगा तो पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। कोर्ट ने अगली तारीख पर बताने को कहा है कि वाराणसी को साफ सुथरा शहर कैसे बनाया जा सकता है। कोर्ट ने कहा है कि क्यों न एक शीर्ष अधिकारियों की कमेटी गठित की जाए जो वाराणसी शहर की साफसफाई की नियमित निगरानी करे। विनय कुमार चैधरी और तीन अन्य द्वारा दायर जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस डी.बी.भोसले और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खण्डपीठ सुनवाई कर रही है।
याचिका में कहा गया है कि वाराणसी प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है। यह पर्यटन की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण हैं यहां दुनिया के पर्यटक आते हैं। विश्वनाथ मंदिर के आसपास काफी गंदगी रहती है। छुट्टा गाय व बैल शहर में घूमते हैं इससे लोगों को परेशानी होती है और यहां साफ सफाई की व्यवस्था काफी खराब है। प्रदेश सरकार की तरफ से प्रदेश के अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रामानंद पाण्डेय तथा नगर निगम की तरफ से विवेक वर्मा ने पक्ष रखा। कोर्ट ने जानना चाहा कि वाराणसी में साफ सफाई के लिए क्या व्यवस्था हो सकती है जिससे पर्यटक और आकर्षित हों। कोर्ट ने जानना चाहा कि डेयरी को शहर से बाहर क्यों न कर दिया जाए। कोर्ट ने अगली तारीख पर इस संबंध में हलफनामा मांगा है।