लताड़ के बाद बढ़ गए डेंगू से मौत के आंकड़े, कोर्ट ने सरकार से मांगी पूरी रिपोर्ट

जस्टिस एपी साही व जस्टिस विजय लक्ष्मी की बेंच ने डेंगू मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2013 व 14 में जारी 2483 लाख रुपए के बजट से चवन्नी भी न खर्च करने के आरोपों पर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण तलब किया है।

zafar
Published on: 7 Oct 2016 4:07 PM GMT
लताड़ के बाद बढ़ गए डेंगू से मौत के आंकड़े, कोर्ट ने सरकार से मांगी पूरी रिपोर्ट
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लखनऊ: हाईकोर्ट की फटकार के बाद स्वास्थ्य महकमे द्वारा सूबे में डेंगू से होने वाली मौतों का आंकड़ों अड़तालीस घंटों में ही बढ़ गया। शुक्रवार के सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अभी तक 17 मौतों का पता चला है और अभी भी जानकारी इकट्ठा की जा रही है। कोर्ट ने बिना किसी नरमी के सरकारी महकमों को आगाह करते हुए 17 अक्टूबर को फिर से प्रगति रिपोर्ट तलब की है।

बढ़ गए मौत के आंकड़े

-शहर की अविकसित व अनियमित कालोनियों में डेंगू महामारी से होने वाली मौतों पर महकमों की ओर से किए जा रहे सफाई के प्रयासों की जानकारी के लिए कोर्ट ने प्रमुख सचिव हाउसिंग को भी पार्टी बनाने का आदेश देकर उनसे जानकारी तलब की है

-जस्टिस एपी साही व जस्टिस विजय लक्ष्मी की बेंच ने डेंगू मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2013 व 14 में जारी 2483 लाख रुपए के बजट से चवन्नी भी न खर्च करने के आरोपों पर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण तलब किया है।

-कोर्ट ने राज्य सरकार से पूंछा है कि क्या 2015 व 16 में भी डेंगू की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने कोई बजट जारी किया था। और यदि किया था तो उसमें से अब तक कितना खर्च हुआ।

-कोर्ट ने बुधवार को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा तथा नगर विकास सचिवों को तलब कर तगड़ी लताड़ लगाई थी।

-कोर्ट ने डेंगू से अब तक केवल एक मौत होने के सरकारी आंकड़े को अविश्वसनीय बताकर सही आंकड़े पेश करने का आदेश दिया था। जिसके बाद सचिवों व सीएमओ सहित अन्य अफसरों ने कोर्ट में हाजिर होकर रिपोर्ट दी।

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बजट नहीं हो रहा खर्च

-इस बीच कोर्ट में एक याची की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार केंद्र की ओर से इसी काम के लिए जारी 2483 लाख रूपये की रकम का प्रयोग भी करने मे असमर्थ है।

-बेंच ने इन आरोपों पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।

-कोर्ट को यह भी बताया गया कि कि 5 जुलाई 2016 को केंद्र सरकार ने निर्देश जारी कर डेंगू की जांच के लिए सभी अस्पतालों के लिए अधिकतम रू 600 रूपये तय किय थे। लेकिन सभी अस्पताल खासकर प्राइवेट अस्पताल मनमाना पैसा वसूल रहे हैं।

-हाई कोर्ट के वकील एसके सिंह के बेटे की हाल में डेंगू से मौत हो गयी थी। सुनवाई के दौरान उन्होंने एक अर्जी पेश कर कहा कि गोमतीनगर के एक -डाक्टर ने ऐसी दवा दी जो डेंगू में नहीं दी जाती। उन्होंने उसकी प्रैक्टिस रोकने की मांग की।

-उन्होंने एक निजी हास्पिटल में बेटे के देर तक दाखिला न लेने पर जांच कराने की मांग की।

-कोर्ट ने इस अर्जी पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।

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