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UP: हाईकोर्ट ने नोएडा में सेना की 482 एकड़ जमीन को कब्जा मुक्त कराने का दिया निर्देश

aman
By aman
Published on: 13 July 2017 6:32 PM GMT
UP: हाईकोर्ट ने नोएडा में सेना की 482 एकड़ जमीन को कब्जा मुक्त कराने का दिया निर्देश
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प्रतीकात्मक फोटो

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा में एयरफोर्स की 482 एकड़ जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इसके लिए 19 मई 2015 के शासनादेश से गठित कमेटी को अवैध कब्जों के लिए दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय व आपराधिक कार्रवाई कराने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कमेटी जमीन को लेकर लंबित मुकदमों की निगरानी करने का निर्देश देते हुए कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न की जाए। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले एवं न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने अजीत सिंह व कई अन्य की याचिकाओं पर दिया है।

कोर्ट ने रेवेन्यू रिकार्ड दुरुस्त कराने को कहा

कोर्ट ने कमेटी से इस जमीन के रेवेन्यू रिकार्ड दुरुस्त कराने को कहा है। साथ ही राजस्व परिषद के चेयरमैन को कमेटी का सहयोग करने का निर्देश दिया है, ताकि सेना की जमीन अवैध कब्जों से मुक्त हो सके। कोर्ट ने एयरफोर्स के अधिकारियों को भी कार्रवाई में सहयोग करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि कमेटी समय-समय पर जमीन का कब्जा मुक्त करने के लिए आदेश करती रहेगी और गौतम बुद्धनगर के डीएम कमेटी के प्रत्येक निर्देश का पालन सुनिश्चित कराएंगे।

आगे की स्लाइड में क्या था याचिका में?...

ये थी याचिका में

याचिकाओं में मांग की गई थी कि नगली नगला व नगली सांगपुर में एयरफोर्स की जमीन 482 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे हो गए हैं। फायरिंग व बॉम्बिंग रेंज के लिए यह जमीन छह नवंबर 1950 की अधिसूचना से अधिग्रहीत की गई थी। याचिकाओं में इस जमीन का सीमांकन कराने और उस पर अतिक्रमण करने वालों से मुक्त कराने की मांग की गई थी। साथ ही अवैध कब्जे के लिए दोषी जिला प्रशासन व एयरफोर्स के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई कराने, पूरे प्रकर की सीबीआई जांच कराने की मांग की गई थी।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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